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Vedanta University Project: भाजपा ने ओडिशा सरकार पर किसानों की जमीन हड़पने की साजिश रचने का आरोप लगाया - भाजपा राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा

बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने ओडिशा सरकार पर एक बड़ा गंभीर आरोप लगाया है. उन्होंने सरकार पर एक प्रस्तावित परियोजना के लिए एक निजी कंपनी को किसानों की जमीन देने की साजिश रचने का आरोप लगाया.

BJP accuses Odisha government of conspiring to grab farmers' land
वेदांता विश्वविद्यालय परियोजना: भाजपा ने ओडिशा सरकार पर किसानों की जमीन हड़पने की साजिश रचने का लगाया आरोप
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Published : Apr 14, 2023, 1:44 PM IST

भुवनेश्वर: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा ने ओडिशा सरकार पर पुरी में 15,000 करोड़ रुपये की प्रस्तावित वेदांता विश्वविद्यालय परियोजना के लिए अनिल अग्रवाल फाउंडेशन को किसानों की जमीन देने की साजिश रचने का आरोप लगाया. पात्रा ने प्रस्तावित वेदांता विश्वविद्यालय को लेकर ओडिशा सरकार और अनिल अग्रवाल फाउंडेशन (एएएफ) द्वारा दायर याचिकाओं को उच्चतम न्यायालय द्वारा खारिज किए जाने के बाद बृहस्पतिवार को यहां एक संवाददाता सम्मेलन में आरोप लगाए.

वहीं, सत्तारूढ़ बीजू जनता दल (बीजद) ने पात्रा के आरोपों को भाजपा की अंदरूनी कलह का मामला करार दिया. बीजद के राष्ट्रीय प्रवक्ता सस्मित पात्रा ने एक बयान में कहा, 'भाजपा की ओडिशा इकाई के अध्यक्ष मनमोहन सामल तत्कालीन राजस्व मंत्री थे जब पुरी में प्रस्तावित विश्वविद्यालय के लिए वेदांता के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए. इसके अलावा सामल ने विधानसभा में एक सवाल का जवाब देते हुए इस पर सरकार का बचाव भी किया था.'
उन्होंने कहा कि भाजपा नेता समीर डे उस समय राज्य के उच्च शिक्षा मंत्री थे, जब वेदांता विश्वविद्यालय परियोजना के लिए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए.
सस्मित पात्रा ने कहा, 'संबित पात्रा इस तरह संवाददाता करके सामल को शर्मिंदा करने की कोशिश कर रहे हैं. यह ओडिशा में भाजपा की अंदरूनी कलह है.'

भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता ने कहा, 'उच्चतम न्यायालय ने एक निजी कंपनी को अनुचित लाभ देने के लिए ओडिशा सरकार को फटकार लगाई. उचित प्रक्रियाओं का पालन किए बिना लोगों की संपत्ति को निजी कंपनी को सौंपना चिंता का विषय है.' उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य सरकार ने उस 10,000 एकड़ जमीन के भीतर दो नदियों को निजी कंपनी को सौंपने की योजना बनाई, जो संविधान की भावना के खिलाफ है. नदियां सार्वजनिक संपत्ति हैं और इसका स्वामित्व किसी को नहीं मिल सकता.

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयदेव जेना ने कहा, 'उच्चतम न्यायालय के फैसले से राज्य सरकार को झटका लगा है. हम उच्चतम न्यायालय के फैसले का स्वागत करते हैं. अब वेदांता विश्वविद्यालय का प्रस्ताव हमेशा के लिए ठंडे बस्ते में डाल दिया गया है. यह दुख की बात है कि राज्य सरकार वेदांता को वह जमीन दिलवाने में मदद करने के लिए उच्चतम न्यायालय तक जाने से नहीं हिचकी.' बीजद की वरिष्ठ नेता एवं ओडिशा की राजस्व मंत्री प्रमिला मलिक ने कहा कि राज्य सरकार ने कुछ भी गलत नहीं किया है. सरकार राज्य में लोगों के जीवन को बेहतर बनाना चाहती है. विपक्ष का काम सरकार के हर कदम का विरोध करना है.

ये भी पढ़ें- President Droupadi Murmu Odisha Visit : योग ने मुझे मानसिक व शारीरिक पीड़ा से बाहर निकाला : राष्ट्रपति मुर्मू

उच्चतम न्यायालय के फैसले पर मलिक ने कहा, 'अदालत का फैसला पढ़ने के बाद ही इस विषय पर कुछ कह पाऊंगी.' गौरतलब है कि राज्य सरकार ने उड़ीसा उच्च न्यायालय के फैसले को उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी थी. शीर्ष अदालत ने बुधवार को वेदांता समूह को 'अनुचित लाभ' देने के लिए ओडिशा सरकार को फटकार लगाई और बालूखंड वन्यजीव अभयारण्य से सटे पुरी जिले में एक प्रस्तावित विश्वविद्यालय के लिए करीब 6,000 किसानों से 8,000 एकड़ भूमि के अधिग्रहण को रद्द कर दिया.

(पीटीआई-भाषा)

भुवनेश्वर: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा ने ओडिशा सरकार पर पुरी में 15,000 करोड़ रुपये की प्रस्तावित वेदांता विश्वविद्यालय परियोजना के लिए अनिल अग्रवाल फाउंडेशन को किसानों की जमीन देने की साजिश रचने का आरोप लगाया. पात्रा ने प्रस्तावित वेदांता विश्वविद्यालय को लेकर ओडिशा सरकार और अनिल अग्रवाल फाउंडेशन (एएएफ) द्वारा दायर याचिकाओं को उच्चतम न्यायालय द्वारा खारिज किए जाने के बाद बृहस्पतिवार को यहां एक संवाददाता सम्मेलन में आरोप लगाए.

वहीं, सत्तारूढ़ बीजू जनता दल (बीजद) ने पात्रा के आरोपों को भाजपा की अंदरूनी कलह का मामला करार दिया. बीजद के राष्ट्रीय प्रवक्ता सस्मित पात्रा ने एक बयान में कहा, 'भाजपा की ओडिशा इकाई के अध्यक्ष मनमोहन सामल तत्कालीन राजस्व मंत्री थे जब पुरी में प्रस्तावित विश्वविद्यालय के लिए वेदांता के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए. इसके अलावा सामल ने विधानसभा में एक सवाल का जवाब देते हुए इस पर सरकार का बचाव भी किया था.'
उन्होंने कहा कि भाजपा नेता समीर डे उस समय राज्य के उच्च शिक्षा मंत्री थे, जब वेदांता विश्वविद्यालय परियोजना के लिए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए.
सस्मित पात्रा ने कहा, 'संबित पात्रा इस तरह संवाददाता करके सामल को शर्मिंदा करने की कोशिश कर रहे हैं. यह ओडिशा में भाजपा की अंदरूनी कलह है.'

भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता ने कहा, 'उच्चतम न्यायालय ने एक निजी कंपनी को अनुचित लाभ देने के लिए ओडिशा सरकार को फटकार लगाई. उचित प्रक्रियाओं का पालन किए बिना लोगों की संपत्ति को निजी कंपनी को सौंपना चिंता का विषय है.' उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य सरकार ने उस 10,000 एकड़ जमीन के भीतर दो नदियों को निजी कंपनी को सौंपने की योजना बनाई, जो संविधान की भावना के खिलाफ है. नदियां सार्वजनिक संपत्ति हैं और इसका स्वामित्व किसी को नहीं मिल सकता.

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयदेव जेना ने कहा, 'उच्चतम न्यायालय के फैसले से राज्य सरकार को झटका लगा है. हम उच्चतम न्यायालय के फैसले का स्वागत करते हैं. अब वेदांता विश्वविद्यालय का प्रस्ताव हमेशा के लिए ठंडे बस्ते में डाल दिया गया है. यह दुख की बात है कि राज्य सरकार वेदांता को वह जमीन दिलवाने में मदद करने के लिए उच्चतम न्यायालय तक जाने से नहीं हिचकी.' बीजद की वरिष्ठ नेता एवं ओडिशा की राजस्व मंत्री प्रमिला मलिक ने कहा कि राज्य सरकार ने कुछ भी गलत नहीं किया है. सरकार राज्य में लोगों के जीवन को बेहतर बनाना चाहती है. विपक्ष का काम सरकार के हर कदम का विरोध करना है.

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उच्चतम न्यायालय के फैसले पर मलिक ने कहा, 'अदालत का फैसला पढ़ने के बाद ही इस विषय पर कुछ कह पाऊंगी.' गौरतलब है कि राज्य सरकार ने उड़ीसा उच्च न्यायालय के फैसले को उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी थी. शीर्ष अदालत ने बुधवार को वेदांता समूह को 'अनुचित लाभ' देने के लिए ओडिशा सरकार को फटकार लगाई और बालूखंड वन्यजीव अभयारण्य से सटे पुरी जिले में एक प्रस्तावित विश्वविद्यालय के लिए करीब 6,000 किसानों से 8,000 एकड़ भूमि के अधिग्रहण को रद्द कर दिया.

(पीटीआई-भाषा)

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