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ज्ञानवापी विवाद में फैसला, कोर्ट कमिश्नर नहीं हटाए जाएंगे - ज्ञानवापी मस्जिद विवाद न्यूज़

वाराणसी में ज्ञानवापी मस्जिद और विश्वनाथ मंदिर मामले में चल रहे विवाद को लेकर वाराणसी सिविल कोर्ट ने गुरुवार को अपना फैसला सुनाया. कोर्ट कमिश्नर नहीं हटाए जाएंगे.

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वाराणसी में ज्ञानवापी मस्जिद
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Published : May 12, 2022, 2:18 PM IST

Updated : May 12, 2022, 5:41 PM IST

वाराणसी: ज्ञानवापी मस्जिद और विश्वनाथ मंदिर मामले में चल रहे विवाद को लेकर वाराणसी सिविल कोर्ट ने गुरुवार को अपना फैसला सुनाया. अदालत ने कहा कि कोर्ट कमिश्नर नहीं हटाए जाएंगे. श्रृंगार गौरी प्रकरण में पुराने कोर्ट कमिश्नर अजय मिश्रा के साथ दो और वकीलों अजय और विशाल सिंह को सहायक के तौर पर शामिल किया, जो अजय मिश्रा के साथ काम करेंगे. सभी पक्षों की सुनवाई बुधवार को पूरी हो गई थी. तीनों वकील कमिश्नर 17 मई को सर्वे की रिपोर्ट दाखिल करेंगे.

मुस्लिम पक्ष मस्जिद में हो रहे सर्वे और वीडियोग्राफी का शुरू से ही विरोध कर रहा था. सर्वे के दौरान ज्ञानवापी परिसर के बाहर हंगामा भी किया था और सर्वे और वीडियोग्राफी रोकने की मांग की गई थी. इससे पहले हिंदू पक्ष ने कोर्ट में कहा था कि एडवोकेट कमिश्नर को बेरिकेडिंग के दूसरे तरफ यानी ज्ञानवापी मस्जिद के अंदर और तहखाने में मुस्लिम पक्षकार द्वारा वीडियोग्राफी और सर्वे नहीं करने दिया गया. हिंदू पक्षकार के तरफ से यह भी कहा गया है कि मुस्लिम पक्षकार ने उन्हें ज्ञानवापी मस्जिद के अंदर और तहखाने में अंदर जाने से यह कहते हुए रोका कि कोर्ट का ऐसा कोई आदेश नहीं है.

हिंदू पक्ष के वादी जितेंद्र सिंह बिसेन उनके वकील और मामला दाखिल करने वाली महिला पक्षकार खुश हैं.

चार दिन की बहस के बाद कोर्ट ने सुनाया फैसला
ज्ञानवापी मस्जिद और विश्वनाथ मंदिर से संबंधित विवाद को लेकर 6 मामले हाई कोर्ट में भी चल रहे हैं. अब अन्य मामलों में भी सुनवाई पूरी होने के बाद फैसला सुना दिया जाएगा. ज्ञानवापी मस्जिद मामले को लेकर लंबे समय से सुनवाई चल रही है. इस मामले में लगातार दोनों पक्षों की ओर से अलग-अलग दलीलें और सबूत पेश किए जा रहे हैं. श्री काशी विश्वनाथ मंदिर ज्ञानवापी प्रकरण में श्रृंगार गौरी मामले को लेकर नियमित दर्शन की याचिका पर बुधवार कोर्ट ने 4 दिनों तक बहस के बाद फैसला सुनाया है.

कोर्ट ने इस प्रकरण में अंजुमन इंतजा मियां मसाजिद की तरफ से दायर याचिका में वकील कमिश्नर को बदले जाने की मांग पर सुनवाई की. कोर्ट ने दो अन्य वकील कमिश्नर को सहायक के तौर पर नियुक्त किया है. इसमें एक विशाल सिंह और दूसरे अजय सिंह के तौर पर पूर्व के वकील कमिश्नर अजय मिश्रा का सहयोग करेंगे.इसके अतिरिक्त कोर्ट ने सर्वे मामले पर फैसला सुनाते हुए 17 मई को सर्वे की रिपोर्ट कोर्ट में दाखिल करने का आदेश दिया है.

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कोर्ट आदेश की कॉपी.

इस प्रकरण में हिंदू पक्ष के वादी जितेंद्र सिंह बिसेन उनके वकील और मामला दाखिल करने वाली महिला पक्षकार बेहद खुश हैं. उनका कहना है कोर्ट में आज यह उनकी पहली जीत हुई है और वकील कमिश्नर को हटाए बिना जिस तरह से कोर्ट ने नए वकील कमिश्नर के तौर पर दो सहायक की तैनाती की है. फिलहाल इस प्रकरण में 17 मई से पहले एक बार फिर से वीडियोग्राफी की शुरुआत की जाएगी और सर्वे रिपोर्ट 17 मई को कोर्ट में दाखिल की जाएगी.

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कोर्ट आदेश की कॉपी.

बता दें कि 8 अप्रैल को इस मामले में कोर्ट ने ज्ञानवापी परिसर का वीडियो सर्वे करने का निर्देश दिया था. जिसके बाद 18 अप्रैल को प्रशासन की तरफ से केस स्पष्ट करने की याचिका दायर की गई थी. जिसे 26 अप्रैल को कोर्ट ने खारिज कर दिया था और 6 और 7 मई को सर्वे की कार्यवाही के लिए टीम वहां पहुंची थी, लेकिन पहले दिन सिर्फ आधा घंटा और दूसरे दिन विरोध की वजह से सर्वे पूरा ही नहीं हो पाया था.

इसके बाद 7 मई को मुस्लिम पक्षकारों की तरफ से वकील कमिश्नर पर एकतरफा कार्यवाही का आरोप लगाते हुए उन्हें बदलने की याचिका दायर की गई थी. 9 मई को हिंदू पक्षकारों की तरफ से ज्ञानवापी का तहखाना खोल कर उसकी पड़ताल और वीडियोग्राफी की अनुमति भी मांगी गई थी. इन सभी मामले पर 9, 10, 11 मई को 3 दिनों तक लगातार सुनवाई चलने के बाद कोर्ट ने आज इस मामले में फैसला सुनाया है.

ये भी पढ़ें- जल निगम भर्ती घोटाला: आजम खां पर आरोप नहीं हो पाए तय

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वाराणसी: ज्ञानवापी मस्जिद और विश्वनाथ मंदिर मामले में चल रहे विवाद को लेकर वाराणसी सिविल कोर्ट ने गुरुवार को अपना फैसला सुनाया. अदालत ने कहा कि कोर्ट कमिश्नर नहीं हटाए जाएंगे. श्रृंगार गौरी प्रकरण में पुराने कोर्ट कमिश्नर अजय मिश्रा के साथ दो और वकीलों अजय और विशाल सिंह को सहायक के तौर पर शामिल किया, जो अजय मिश्रा के साथ काम करेंगे. सभी पक्षों की सुनवाई बुधवार को पूरी हो गई थी. तीनों वकील कमिश्नर 17 मई को सर्वे की रिपोर्ट दाखिल करेंगे.

मुस्लिम पक्ष मस्जिद में हो रहे सर्वे और वीडियोग्राफी का शुरू से ही विरोध कर रहा था. सर्वे के दौरान ज्ञानवापी परिसर के बाहर हंगामा भी किया था और सर्वे और वीडियोग्राफी रोकने की मांग की गई थी. इससे पहले हिंदू पक्ष ने कोर्ट में कहा था कि एडवोकेट कमिश्नर को बेरिकेडिंग के दूसरे तरफ यानी ज्ञानवापी मस्जिद के अंदर और तहखाने में मुस्लिम पक्षकार द्वारा वीडियोग्राफी और सर्वे नहीं करने दिया गया. हिंदू पक्षकार के तरफ से यह भी कहा गया है कि मुस्लिम पक्षकार ने उन्हें ज्ञानवापी मस्जिद के अंदर और तहखाने में अंदर जाने से यह कहते हुए रोका कि कोर्ट का ऐसा कोई आदेश नहीं है.

हिंदू पक्ष के वादी जितेंद्र सिंह बिसेन उनके वकील और मामला दाखिल करने वाली महिला पक्षकार खुश हैं.

चार दिन की बहस के बाद कोर्ट ने सुनाया फैसला
ज्ञानवापी मस्जिद और विश्वनाथ मंदिर से संबंधित विवाद को लेकर 6 मामले हाई कोर्ट में भी चल रहे हैं. अब अन्य मामलों में भी सुनवाई पूरी होने के बाद फैसला सुना दिया जाएगा. ज्ञानवापी मस्जिद मामले को लेकर लंबे समय से सुनवाई चल रही है. इस मामले में लगातार दोनों पक्षों की ओर से अलग-अलग दलीलें और सबूत पेश किए जा रहे हैं. श्री काशी विश्वनाथ मंदिर ज्ञानवापी प्रकरण में श्रृंगार गौरी मामले को लेकर नियमित दर्शन की याचिका पर बुधवार कोर्ट ने 4 दिनों तक बहस के बाद फैसला सुनाया है.

कोर्ट ने इस प्रकरण में अंजुमन इंतजा मियां मसाजिद की तरफ से दायर याचिका में वकील कमिश्नर को बदले जाने की मांग पर सुनवाई की. कोर्ट ने दो अन्य वकील कमिश्नर को सहायक के तौर पर नियुक्त किया है. इसमें एक विशाल सिंह और दूसरे अजय सिंह के तौर पर पूर्व के वकील कमिश्नर अजय मिश्रा का सहयोग करेंगे.इसके अतिरिक्त कोर्ट ने सर्वे मामले पर फैसला सुनाते हुए 17 मई को सर्वे की रिपोर्ट कोर्ट में दाखिल करने का आदेश दिया है.

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कोर्ट आदेश की कॉपी.

इस प्रकरण में हिंदू पक्ष के वादी जितेंद्र सिंह बिसेन उनके वकील और मामला दाखिल करने वाली महिला पक्षकार बेहद खुश हैं. उनका कहना है कोर्ट में आज यह उनकी पहली जीत हुई है और वकील कमिश्नर को हटाए बिना जिस तरह से कोर्ट ने नए वकील कमिश्नर के तौर पर दो सहायक की तैनाती की है. फिलहाल इस प्रकरण में 17 मई से पहले एक बार फिर से वीडियोग्राफी की शुरुआत की जाएगी और सर्वे रिपोर्ट 17 मई को कोर्ट में दाखिल की जाएगी.

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कोर्ट आदेश की कॉपी.

बता दें कि 8 अप्रैल को इस मामले में कोर्ट ने ज्ञानवापी परिसर का वीडियो सर्वे करने का निर्देश दिया था. जिसके बाद 18 अप्रैल को प्रशासन की तरफ से केस स्पष्ट करने की याचिका दायर की गई थी. जिसे 26 अप्रैल को कोर्ट ने खारिज कर दिया था और 6 और 7 मई को सर्वे की कार्यवाही के लिए टीम वहां पहुंची थी, लेकिन पहले दिन सिर्फ आधा घंटा और दूसरे दिन विरोध की वजह से सर्वे पूरा ही नहीं हो पाया था.

इसके बाद 7 मई को मुस्लिम पक्षकारों की तरफ से वकील कमिश्नर पर एकतरफा कार्यवाही का आरोप लगाते हुए उन्हें बदलने की याचिका दायर की गई थी. 9 मई को हिंदू पक्षकारों की तरफ से ज्ञानवापी का तहखाना खोल कर उसकी पड़ताल और वीडियोग्राफी की अनुमति भी मांगी गई थी. इन सभी मामले पर 9, 10, 11 मई को 3 दिनों तक लगातार सुनवाई चलने के बाद कोर्ट ने आज इस मामले में फैसला सुनाया है.

ये भी पढ़ें- जल निगम भर्ती घोटाला: आजम खां पर आरोप नहीं हो पाए तय

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Last Updated : May 12, 2022, 5:41 PM IST
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