वाराणसी : जिले में रोजगार की संभावनाएं पहले की तुलना में काफी बढ़ गईं हैं. 2014 तक बनारस की पहचान धार्मिक नगरी के रूप में ही होती थी. इसके बाद आए बदलाव के कारण शहर धार्मिक दृष्टि से अहम बन गया. इसी कड़ी में रोजगार की संभावनाएं भी साल दर साल बढ़ती चली गईं. रोजगार के मामले में भी बनारस बड़ा केंद्र बनकर सामने आया है. रोजगार कार्यालय के आंकड़ों के अनुसार पहले से करीब छह गुना से ज्यादा देशी-विदेशी कंपनियां यहां रोजगार मेला लगाकर युवाओं का चयन कर रहीं हैं.
पहले नहीं आती थीं विदेशी कंपनियां : साल 2014 तक बनारस में बाहरी कंपनियों रोजगार देने के लिए इच्छुक नहीं रहती थीं. पूर्वांचल के युवाओं के साथ ही बनारस के युवाओं को रोजगार के लिए भटकना पड़ता था. पीएम मोदी के यहां से चुनाव लड़ने और जीतने के बाद काफी बदलाव आया. देशी-विदेशी कंपनियों का आना शुरू हुआ. बनारस के औद्योगिक स्थान के साथ ही देश के अलग-अलग हिस्सों में चलने वाली औद्योगिक और कॉर्पोरेट इकाइयों ने बनारस और पूर्वांचल के युवाओं को रोजगार देना शुरू कर दिया है. आंकड़े पर गौर करे तो 2014 तक बनारस में बाहरी कंपनियां न के बराबर ही आती थी, लेकिन अब इनकी संख्या उसे वक्त की तुलना में छह गुना से ज्यादा हो चुकी हैं.
हमेशा से ही लगता रहा है रोजगार मेला : सेवायोजन कार्यालय के जरिए हमेशा से ही बाहरी कंपनियां बेरोजगार युवकों की तलाश में शहर-शहर रोजगार मेले के आयोजन करती रहती हैं. हरियाणा, पंजाब, दिल्ली, मध्य प्रदेश, हिमाचल, प्रदेश उत्तराखंड समेत देश की तमाम औद्योगिक इकाइयां राज्यों में जाकर रोजगार मेलों के जरिए युवाओं का चयन कर उन्हें रोजगार देती रहीं हैं. वाराणसी में भी रोजगार मेलों का आयोजन हमेशा से होता रहा है. 2014 की तुलना में 2023- 24 में बनारस आने वाली कंपनियों की काफी बढ़ गई है.
वाराणसी आकर सलेक्शन कर रहीं कंपनियां : सेवायोजन कार्यालय के आंकड़ों के अनुसार साल 2014-15 में महज एक साल में 55 कंपनियों ने वाराणसी में आकर बेरोजगारों को नौकरी देने का प्रयास किया. 2023-24 में महज अगस्त के महीने में ही 445 कंपनियां रोजगार मेले का हिस्सा बन चुकी हैं. 1500 से ज्यादा युवाओं को रोजगार के लिए चयनित करके उनकी ट्रेनिंग भी शुरू करवा चुकी हैं. सेवायोजन कार्यालय के अधिकारी दीप सिंह का कहना है कि पहले की तुलना में अब बनारस में रोजगार के मामले में बड़ा अंतर आया है. बनारस में चलने वाली रामनगर औद्योगिक इकाई और महेशपुर औद्योगिक इकाई पहले रोजगार देने के मामले में लोकल लेवल पर प्रयास करती थी. इन दोनों औद्योगिक इकाइयों के अलावा बनारस में चलने वाली कई अन्य छोटी-मोटी कंपनियां भी अपने स्तर पर हाईस्कूल, इंटर, ग्रेजुएट कैंडिडेट्स का चयन करती थीं. 2014-15 की तुलना में 2023- 24 में अनपढ़ से लेकर बीटेक, एमटेक, एमबीए और बीबीए किए स्टूडेंट्स को भी कंपनियां खुद आकर वाराणसी में ही इंटरव्यू करके उनका सलेक्शन कर रहीं है.
पहले लगते थे 12 से 15 मेले : दीप सिंह का कहना है कि वाराणसी में पहले 1 साल के अंदर 12 से 15 रोजगार मेले का आयोजन होता था. अब इनकी संख्या बढ़कर 30 से 35 हो चुकी है. चयनित अभ्यर्थियों की संख्या भी तेजी से बढ़ रही है. इसका सबसे बड़ा लाभ उन युवाओं को मिल रहा है जो इंटर, हाईस्कूल पढ़ाई करने के बाद मायूस होकर ग्रेजुएशन करने की नहीं सोचते थे. अब ग्रेजुएट को अच्छे पैकेज दिए जाने की वजह से वह फिर से आगे की पढ़ाई करने लगे हैं.
युवाओं में जगी उम्मीद : दीप सिंह का कहना है कि सबसे बड़ी बात यह है कि सिर्फ भारत की ही नहीं बल्कि विदेशी कंपनियां भी यहां आकर कुशल और ट्रेंड कैंडिडेट की तलाश कर रहीं हैं. वाराणसी में 1 साल के अंदर 160 ऐसे अभ्यर्थियों का चयन किया गया है जो अबू धाबी में अलग-अलग-जगह पर काम करने के लिए भेजे जा रहे हैं. इनको 25 से 55000 के बीच सेलरी भी मिलेगी. स्किल इंडिया इंटरनेशनल ट्रेनिंग सेंटर में लैंग्वेज के साथ ही अन्य तरह के प्रशिक्षण के बाद उनके पासपोर्ट बनवाकर उन्हें विदेश भेजा जाएगा. विदेशी कंपनियों के आने की वजह से पूर्वांचल और वाराणसी के युवाओं को अच्छे पैकेज के नौकरी की उम्मीद जग गई है.
वाराणसी में हमेशा से ही रहीं हैं संभावनाएं : वाराणसी में हमेशा से ही पूर्वांचल के युवाओं के लिए काफी संभावनाएं रहीं हैं. वाराणसी में रामनगर औद्योगिक इकाई और महेशपुर औद्योगिक इकाई दो ऐसे सेंटर हैं, जहां पर कल-कारखाने संचालित होते हैं. महेशपुर सिटी एरिया में होने की वजह से यहां पर कई छोटे कारखाने संचालित होते हैं. बड़ी संख्या में रोजगार की संभावनाएं शुरू से रहीं हैं. इसके अलावा रामनगर औद्योगिक इकाई में संचालित होने वाले कल कारखाने चंदौली और वाराणसी दोनों में आते हैं. आधा हिस्सा चंदौली और आधा हिस्सा वाराणसी में होने की वजह से यहां पर पूर्वांचल के कई जिलों के युवाओं को रोजगार मिलता है. इन जगहों पर कई बड़ी कंपनियों के फैक्ट्री भी संचालित हो रहीं हैं. हाल ही में वाराणसी के हरहुआ इलाके में भी औद्योगिक इकाई की शुरुआत हो चुकी है. इसमें अमूल, पारले जी और कई बड़े ब्रांड की कंपनियां संचालित होने लगी हैं. इससे यहां भी रोजगार की संभावनाएं तेजी से बढ़ी हैं. अकेले इन तीन एरिया को मिलाकर वाराणसी और पूर्वांचल के 5000 से ज्यादा युवाओं को कुछ सालों में रोजगार मिला है.
आगामी समय में और बढ़ेंगे अवसर : 2017 से तक अब तक 6 साल में लगभग 6 गुना कंपनियों की संख्या रोजगार मेले में बढ़ी है. क्षेत्रीय सेवायोजन कार्यालय वाराणसी की ओर से आयोजित रोजगार मेलो में 40,165 युवाओं को नौकरी मिल चुकी है. यही नहीं रोजगार मेले के जरिए 4,20,000 का सालाना पैकेज भी युवाओं को मिल चुका है. दीप सिंह ने बताया कि 2017 से अब तक 40,165 युवाओं को रोजगार मिला है. जिसमे 160 युवाओं को विदेश में भी नौकरी मिली है. 2017 से 2023 अगस्त तक आयोजित रोजगार मेलों की संख्या दोगुनी से अधिक हुई है. 2000 से अधिक नियोक्ताओं ने रोजगार मेले में भाग लिया है. इनमें राष्ट्रीकृत बैंक,ऑटोमोबाइल कंपनी, सिक्योरिटी सोल्युशन कंपनी, टेक्सटाइल, फुटवियर, सर्विस सेक्टर, रियल स्टेट, सेल्स एंड मार्केटिंग, फ्लिपकार्ट, पेटीएम, आईटी सॉफ्टवेयर, एजुकेशन जैसे सेक्टर से जुड़ी प्रतिष्ठित कंपनियां भाग लेने लगी हैं. योगी सरकार रोजगार मेले के माध्यम से दिव्यांगजनों को भी नौकरी उपलब्ध कराई जा रही है. उन्होंने बताया कि प्रदेश में ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में हुए एमओयू के धरातल पर उतरने के बाद योग्य युवाओं के लिए भी ढेरों नौकरी के अवसर मिलेंगे.
2014 से 2023 अगस्त तक के आंकड़ों पर एक नजर : 2014-15 में 12 रोजगार मेले लगे. इनमें 55 कंपनियों ने हिस्सा लिया. कुल 19365 प्रतिभागी हुए. इनमें से 2388 का चयन किया गया. 2015-16 में 15 रोजगार मेले लगे. इनमें 67 कंपनियों ने हिस्सा लिया. कुल 59118 प्रतिभागी शामिल हुए. 3113 का चयन किया गया. 2017-18 में 18 रोजगार मेले लगे. 96 कंपनियों ने हिस्सा लिया. 81109 प्रतिभागी शामिल हुए. 5750 का चयन किया गया. 2018-19 में 21 रोजगार मेले लगे. इनमें 160 कंपनियों ने हिस्सा लिया. कुल 54283 प्रतिभागी शामिल हुए. 6350 को रोजगार मिला. 2019-20 में 29 रोजगार मेला लगा. इनमें 220 कंपनियों ने हिस्सा लिया. कुल 87756 प्रतिभागी शामिल हुए. 8564 को रोजगार मिला. साल 2020-21 में 22 रोजगार मेले लगे. इनमें 430 कंपनियों ने हिस्सा लिया. कुल 38386 प्रतिभागी शामिल हुए. 7175 को रोजगार मिला. साल 2021-22 में 20 रोजगार मेले लगे. इनमें 318 कंपनियों ने हिस्सा लिया. कुल 29830 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया. इनमें 3043 को नौकरी मिली. साल 2022-23 में 36 रोजगार मेले लगे. इनमें 568 कंपनियों ने हिस्सा लिया. इसमें कुल 49786 प्रतिभागी शामिल हुए. इनमें से 8019 का चयन किया गया. इसी कड़ी में साल 2023-24 (अगस्त तक) में 11 रोजगार मेले का आयोजन हुआ. इनमें 445 कंपनियों ने हिस्सा लिया. इसमें कुल 22884 प्रतिभागी शामिल हुए. इनमें से 1471 का चयन किया गया.
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