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दुबई में मिली काशी के शतरंज को संजीवनी, बढ़ी रोजगार की संभावना

महादेव की नगरी काशी धर्म, आध्यात्म के साथ-साथ अपने कलाओं के लिए भी जानी जाती है. यहां कि गुलाबी मीनाकारी कला तो हर दिन एक नई ऊंचाई छू रही है. जिसकी एक तस्वीर दुबई में आयोजित दुबई एक्सपो 2020 में देखने को मिली.

Kashi Chess
काशी का शतरंज
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Published : Apr 16, 2022, 4:07 PM IST

वाराणसी: महादेव की नगरी काशी धर्म, आध्यात्म के साथ-साथ अपने कलाओं के लिए भी जानी जाती है. यहां कि गुलाबी मीनाकारी कला तो हर दिन एक नई ऊंचाई छू रही है. जिसकी एक तस्वीर दुबई में आयोजित दुबई एक्सपो 2020 में देखने को मिली, जहां गुलाबी मीनाकारी की कला का न सिर्फ डंका बजा, बल्कि एक्सपो में 192 देशों से आए लोगों ने बनारस में आकर व्यापार करने की भी बात कही है.

बनारसी शिल्प को मिली नई उड़ान: दुबई में आयोजित एक्सपो 2020 में बनारस के हस्तशिल्प को एक नई उड़ान मिली है. उसके साथ ही इस कला ने 192 देशों के लोगों के बीच अपनी अलग पहचान बनाई है. इसका नतीजा यह है कि विदेशी व्यापारियों ने बनारस के हस्तशिल्प को आगे बढ़ाने के लिए व्यापार में अपनी रुचि दिखाई है.

काशी के शतरंज को मिली संजीवनी

शतरंज की बिसात चलेगी रोजगार की चाल: इस बाबत एक्सपो से वाराणसी लौटे आर्टिजन कुंज बिहारी सिंह ने बताया कि एक्सपो के इंडियन पवेलियन में 10 दिनों तक बनारस के शिल्प को दिखाने का मौका मिला, जो अपने आप मे बेहद खास रहा है. यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की देन है कि वहां के लोगों ने इस कला को खूब पसंद किया. उन्होंने बताया कि सबसे ज्यादा लोग गुलाबी मीनाकारी के शतरंज को देखकर प्रभावित हुए और उन्होंने काशी आकर कारोबार करने की इच्छा भी जाहिर की. उन्होंने बताया कि ये वही शतरंज का सेट है, जिसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिका के उपराष्ट्रपति कमला हैरिस को दिया था और उसके बाद से इसकी डिमांड देश-विदेश में होने लगी है.

उन्होंने बताया कि हर 4 साल पर इस तरीके के एक्सपो का आयोजन अलग-अलग देशों में होता है. इस बार इसे दुबई में आयोजित किया था, जहां पहली बार गुलाबी मीनाकारी को वहां प्रस्तुत करने का मौका मिला. उन्होंने बताया कि अब तक लोग इस कला को राजस्थान की कला के रूप में जानते थे, लेकिन अब पूरी दुनिया इस कला को बनारस के हस्तशिल्प कला के रूप में जान रही है. यह अपने आप में बड़ी बात है. उन्होंने बताया कि एक्सपो में आए सभी कारोबारी इस कला को देख रहे थे और इससे अभिभूत हो रहे थे. इसके साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी बधाई दे रहे थे कि अब बनारस को वह बदल रहे हैं और देश को एक नया आयाम दे रहे हैं.

अब मिली संजीवनी: कुंज बिहारी सिंह ने बताया कि एक्सपो में लोग शतरंज के साथ-साथ बनारसी गुलाबी मीनाकारी से बने हुए हाथी, मोर, चिड़िया व भगवान गणेश को खूब पसंद कर रहे थे. निश्चित तौर पर उनकी यह पसंद आगामी दिनों में एक बेहतर व्यापार के रूप में भी बदलेगी. क्योंकि वह बदलते बनारस, काशी विश्वनाथ धाम को देखने आएंगे और इस दौरान वो यहां से व्यापार की शुरुआत भी करेंगे. उन्होंने बताया कि सरकार ने जबसे ओडीओपी योजना शुरू की है लोकल फ़ॉर वोकल को सपोर्ट किया है, तब से गुलाबी मीनाकारी के दिन बदल गए हैं. अब तक यह कला दम तोड़ चुकी होती, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ में इस कला को एक नया आयाम दिया है और अब तक करोड़ों रुपए का रोजगार इससे हो चुके हैं और युवा इसमें अपना भविष्य तलाश रहे हैं.

ये भी पढ़ें - पश्चिम बंगाल की महिला मजदूरी छोड़ बनी शिल्पकार, जानें इनकी अनोखी कहानी

वाराणसी: महादेव की नगरी काशी धर्म, आध्यात्म के साथ-साथ अपने कलाओं के लिए भी जानी जाती है. यहां कि गुलाबी मीनाकारी कला तो हर दिन एक नई ऊंचाई छू रही है. जिसकी एक तस्वीर दुबई में आयोजित दुबई एक्सपो 2020 में देखने को मिली, जहां गुलाबी मीनाकारी की कला का न सिर्फ डंका बजा, बल्कि एक्सपो में 192 देशों से आए लोगों ने बनारस में आकर व्यापार करने की भी बात कही है.

बनारसी शिल्प को मिली नई उड़ान: दुबई में आयोजित एक्सपो 2020 में बनारस के हस्तशिल्प को एक नई उड़ान मिली है. उसके साथ ही इस कला ने 192 देशों के लोगों के बीच अपनी अलग पहचान बनाई है. इसका नतीजा यह है कि विदेशी व्यापारियों ने बनारस के हस्तशिल्प को आगे बढ़ाने के लिए व्यापार में अपनी रुचि दिखाई है.

काशी के शतरंज को मिली संजीवनी

शतरंज की बिसात चलेगी रोजगार की चाल: इस बाबत एक्सपो से वाराणसी लौटे आर्टिजन कुंज बिहारी सिंह ने बताया कि एक्सपो के इंडियन पवेलियन में 10 दिनों तक बनारस के शिल्प को दिखाने का मौका मिला, जो अपने आप मे बेहद खास रहा है. यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की देन है कि वहां के लोगों ने इस कला को खूब पसंद किया. उन्होंने बताया कि सबसे ज्यादा लोग गुलाबी मीनाकारी के शतरंज को देखकर प्रभावित हुए और उन्होंने काशी आकर कारोबार करने की इच्छा भी जाहिर की. उन्होंने बताया कि ये वही शतरंज का सेट है, जिसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिका के उपराष्ट्रपति कमला हैरिस को दिया था और उसके बाद से इसकी डिमांड देश-विदेश में होने लगी है.

उन्होंने बताया कि हर 4 साल पर इस तरीके के एक्सपो का आयोजन अलग-अलग देशों में होता है. इस बार इसे दुबई में आयोजित किया था, जहां पहली बार गुलाबी मीनाकारी को वहां प्रस्तुत करने का मौका मिला. उन्होंने बताया कि अब तक लोग इस कला को राजस्थान की कला के रूप में जानते थे, लेकिन अब पूरी दुनिया इस कला को बनारस के हस्तशिल्प कला के रूप में जान रही है. यह अपने आप में बड़ी बात है. उन्होंने बताया कि एक्सपो में आए सभी कारोबारी इस कला को देख रहे थे और इससे अभिभूत हो रहे थे. इसके साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी बधाई दे रहे थे कि अब बनारस को वह बदल रहे हैं और देश को एक नया आयाम दे रहे हैं.

अब मिली संजीवनी: कुंज बिहारी सिंह ने बताया कि एक्सपो में लोग शतरंज के साथ-साथ बनारसी गुलाबी मीनाकारी से बने हुए हाथी, मोर, चिड़िया व भगवान गणेश को खूब पसंद कर रहे थे. निश्चित तौर पर उनकी यह पसंद आगामी दिनों में एक बेहतर व्यापार के रूप में भी बदलेगी. क्योंकि वह बदलते बनारस, काशी विश्वनाथ धाम को देखने आएंगे और इस दौरान वो यहां से व्यापार की शुरुआत भी करेंगे. उन्होंने बताया कि सरकार ने जबसे ओडीओपी योजना शुरू की है लोकल फ़ॉर वोकल को सपोर्ट किया है, तब से गुलाबी मीनाकारी के दिन बदल गए हैं. अब तक यह कला दम तोड़ चुकी होती, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ में इस कला को एक नया आयाम दिया है और अब तक करोड़ों रुपए का रोजगार इससे हो चुके हैं और युवा इसमें अपना भविष्य तलाश रहे हैं.

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