कोटा. राजस्थान के कोटा रेल मंडल में वंदे भारत एक्सप्रेस का एक बार फिर ट्रायल होने वाला है. इस बार कोटा रेल मंडल में वंदे भारत के नए ब्रेकिंग सिस्टम का ट्रायल होगा. यह जानकारी एडीआरएम मनोज जैन ने दी. उन्होंने बताया कि नए ब्रेकिंग सिस्टम को रिसर्च डिजाइन एंड स्टैंडर्ड ऑर्गेनाइजेशन (आरडीएसओ) और इंटीग्रल कोच फैक्ट्री (आईसीएफ) ने विकसित किया है. इस सिस्टम की चेकिंग के लिए 5 मई के आसपास वंदे भारत का नया रैक आएगा. इसके तहत अगले कई दिनों तक ब्रेकिंग सिस्टम की चेकिंग की जाएगी. एडीआरएम ने बताया कि वंदे भारत का वर्जन टू आया हुआ है, जिसमें बोगी नई बनी थी. इसका ट्रायल भी कोटा मंडल में हुआ था. उसके बाद हर 10 दिन में एक नया रैक निकल रहा है.
स्पीड ट्रायल के लिए जाना जाता है कोटा रेल मंडलः एडीआरएम जैन ने बताया कि कोटा मंडल का सवाई माधोपुर से नागदा सेक्शन हाई स्पीड ट्रायल के लिए पहले भी जाना जाता रहा है. यहां पर लंबे समय से कई ट्रेनों की जांच होती रही है. यहां पर ट्रायल सफल होने के बाद आने वाले दिनों में इस ब्रेकिंग सिस्टम को वंदे भारत ट्रेन में इजाद किया जाएगा. एडीआरएम मनोज जैन से जब पूछा गया कि कोटा को कब कोच मिलेगा और कोटा से कब बंदे भारत एक्सप्रेस संचालित होगी, इस पर उन्होंने कहा कि देश के बड़े स्टेशन को कवर करने के लिए हर 10 दिन में एक नई ट्रेन शुरू की जा रही है. उन्होंने उम्मीद जताई है कि जल्द ही कोटा मंडल को ट्रेन मिलेगी.
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कोटा में बनेगा वंदे भारत एक्सप्रेस के लिए डिपोः एडीआरएम मनोज जैन ने बताया कि कोटा आने वाले वंदे भारत एक्सप्रेस के रैक के रखरखाव की भी तैयारियां कोटा रेल मंडल ने पहले ही कर दी है. ट्रेन को कहां खड़ा रखा जाएगा, यह भी कोटा रेल मंडल ने पहले ही तय कर लिया है. साथ ही उन्होंने कहा कि आने वाले 2 से 3 सालों में कई वंदे भारत एक्सप्रेस कोटा रेल मंडल को मिलने वाली है. इनकी तैयारियों को देखते हुए कोटा रेल मंडल ने एक नया डिपो बनाने के लिए भी जगह चिह्नित की है, जिसमें एक से ज्यादा वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनों को खड़ा रखा जा सकेगा.
रेलवे बोर्ड तय करेगा रूटः एडीआरएम ने बताया कि वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन से जुड़े सभी निर्णय पॉलिसी के रूप में रेलवे बोर्ड ही लेता है. इसके लिए रेलवे बोर्ड मुख्यालय से पूरा डाटा कलेक्ट करता है और उनके आधार पर ही वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन को किन दो स्टेशनों के बीच में चलाना है, यह तय किया जाता है. साथ ही उन्होंने कहा कि इसके लिए लगभग 500 किलोमीटर की दूरी 2 बड़े शहरों के बीच होती है, जिसमें 6 से 8 घंटे का समय लगता है. इसके लिए रेलवे बोर्ड हमारे जनप्रतिनिधियों से भी सलाह लेता है और उसके बाद ही निर्णय लिया जाता है.
देश में सबसे पहले कमीशन होगा 160 स्पीड का ट्रैकः एडीआरएम मनोज जैन ने बताया कि कोटा रेल मंडल देशभर का पहला रेल मंडल बनने जा रहा है, जहां पर 160 की स्पीड का रेलवे ट्रैक कमीशन हो रहा है. इस रेलवे ट्रैक को कमीशन होने के बाद यहां ट्रेनों की स्पीड बढ़ जाएगी. इसके साथ ही ट्रेनों की संख्या भी यहां पर बढ़ जाएगी, क्योंकि उन्हें आने जाने में कम समय लगेगा. इससे रेलवे को तो फायदा होगा ही, दूसरी तरफ यात्री भी कम समय में यात्रा कर पाएंगे. इसके लिए व्यापक रूप से तैयारियां कोटा रेल मंडल कर रहा है. जिसमें दिल्ली-मुंबई ट्रैक को पूरी तरह से फेंसिंग कर पैक किया जा रहा है.