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वैलेंटाइन डे 2021 : जवां दिलों की धड़कन बढ़ाने वाला दिन

वैलेंटाइन डे इस साल रविवार को मनाया जा रहा है. जिस कारण प्रेमी युगल के लिए यह दिन और भी खास हो गया है. युवा इस दिन का बेसब्री से इंतजार करते हैं, क्योंकि उनके लिए साल में एक दिन ऐसा आता है, जब वो खुलकर अपने प्यार का इजहार कर सकते हैं. वैलेंटाइन डे पर आज हम आपको बता रहे हैं इसके पीछे की कहानी और इतिहास...

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वैलेंटाइन डे 2021
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Published : Feb 14, 2021, 5:45 AM IST

हैदराबाद : वैलेंटाइन डे हर साल 14 फरवरी को मनाया जाता है. इसे सेंट वैलेंटाइन डे के नाम से भी जाना जाता है. हिंदी भाषा में आप इसे प्यार के इजहार का दिन भी कह सकते हैं. इस दिन लोग अपने साथी के प्रति अपने प्यार का इजहार करते हैं. लोग प्यार भरे संदेश के साथ गिफ्ट कार्ड, फूल अथवा चॉकलेट अपने साथी को भेजते हैं और उनके प्रति प्यार जताते हैं.

वैलेंटाइन डे की शुरुआत पश्चिमी देशों से हुई थी, लेकिन आधुनिकता के इस युग में भारत सहित पूरी दुनिया में वैलेंटाइन डे मनाया जाता है. यह दिन युवा पीढ़ी के दिल के काफी करीब है, मगर इस दिन के पीछे का इतिहास थोड़ा दुखद है.

वैलेंटाइन डे का इतिहास
वैलेंटाइन डे की शुरुआत 270 ईसा पूर्व रोम से हुई थी, जब किंग क्लॉडियस द्वितीय के हाथ में रोमन साम्राज्य का शासन था. क्लॉडियस काफी क्रूर और निर्दयी राजा था, जिसके कारण उसे क्रूर राजा क्लॉडियस कहा जाता था. कहा जाता है कि रोम के लोग अपने प्यार और परिवार को छोड़ना नहीं चाहते थे, इसलिए क्लॉडियस को युद्ध लड़ने के लिए सैनिकों की कमी पड़ गई थी. जिसके कारण उसने रोम में शादी और सगाइयों पर रोक लगा दी.

बाद में, सेंट वैलेंटाइन नाम के ईसाई पादरी ने प्यार को जिंदा रखने के लिए आवाज उठाई. क्लॉडियस के आदेश के बावजूद भी पादरी ने गुप्त तरीके से शादी करवाना शुरू कर दिया. जब क्लॉडियस को पादरी के कारनामों के बारे में पता चला, तो उसने वैलेंटाइन को फांसी पर चढ़ाने का हुक्म दे दिया.

रोमन कहानियों के अनुसार, वैलेंटाइन के पास एक दिव्य शक्ति थी, जिससे वह लोगों की बीमारियों को ठीक कर सकते थे. इस बात की भनक जेलर को लगी तो उसने अपनी अंधी बेटी ऑस्टेरियस को वैलेंटाइन से मिलवाया. ऑस्टेरियस की आंखें ठीक हो गईं और दोनों में प्यार हो गया. हालांकि, बाद में वैलेंटाइन को फांसी पर चढ़ा दिया गया और उनकी मौत हो गई.

वैलेंटाइन की मौत के बाद भी, प्यार और मानवता के लिए उनके इस बलिदान को आज भी याद किया जाता है. वैलेंटाइन के मरणोपरांत उन्हें कैथोलिक चर्च द्वारा संत घोषित किया गया था और आज के समय में उन्हें संत वैलेंटाइन के रूप में जाना जाता है.

इसके काफी सालों बाद पोप गेलैसियस ने 14 फरवरी को सेंट वैलेंटाइन डे घोषित किया. तब से इस दिन को प्यार के प्रतीक के तौर पर मनाया जाता है.

वैलेंटाइन वीक
यह दिवस युवाओं के बीच उत्साह के साथ मनाया जाता है. वैलेंटाइन डे का जश्न एक सप्ताह पहले ही शुरू हो जाता है, जिसे वैलेंटाइन वीक कहते हैं. वैलेंटाइन वीक के प्रत्येक दिन को अलग-अलग दिवस के रूप में मनाया जाता है और इसका अलग महत्व होता है.

  • सात फरवरी - रोज डे
  • आठ फरवरी - प्रपोज डे
  • नौ फरवरी - चॉकलेट डे
  • 10 फरवरी - टेडी डे
  • 11 फरवरी - प्रॉमिस डे
  • 12 फरवरी - हग डे
  • 13 फरवरी - किस डे
  • 14 फरवरी - वैलेंटाइन डे

इस तरह लोग वैलेंटाइन वीक का जश्न मनाते हैं और अंत में प्यार का इजहार करते हैं. बहुत से प्रेमी युवक इस दिन अपने प्यार का इजहार कर एक-दूसरे से शादी करने की प्रतिज्ञा लेते हैं.

हैदराबाद : वैलेंटाइन डे हर साल 14 फरवरी को मनाया जाता है. इसे सेंट वैलेंटाइन डे के नाम से भी जाना जाता है. हिंदी भाषा में आप इसे प्यार के इजहार का दिन भी कह सकते हैं. इस दिन लोग अपने साथी के प्रति अपने प्यार का इजहार करते हैं. लोग प्यार भरे संदेश के साथ गिफ्ट कार्ड, फूल अथवा चॉकलेट अपने साथी को भेजते हैं और उनके प्रति प्यार जताते हैं.

वैलेंटाइन डे की शुरुआत पश्चिमी देशों से हुई थी, लेकिन आधुनिकता के इस युग में भारत सहित पूरी दुनिया में वैलेंटाइन डे मनाया जाता है. यह दिन युवा पीढ़ी के दिल के काफी करीब है, मगर इस दिन के पीछे का इतिहास थोड़ा दुखद है.

वैलेंटाइन डे का इतिहास
वैलेंटाइन डे की शुरुआत 270 ईसा पूर्व रोम से हुई थी, जब किंग क्लॉडियस द्वितीय के हाथ में रोमन साम्राज्य का शासन था. क्लॉडियस काफी क्रूर और निर्दयी राजा था, जिसके कारण उसे क्रूर राजा क्लॉडियस कहा जाता था. कहा जाता है कि रोम के लोग अपने प्यार और परिवार को छोड़ना नहीं चाहते थे, इसलिए क्लॉडियस को युद्ध लड़ने के लिए सैनिकों की कमी पड़ गई थी. जिसके कारण उसने रोम में शादी और सगाइयों पर रोक लगा दी.

बाद में, सेंट वैलेंटाइन नाम के ईसाई पादरी ने प्यार को जिंदा रखने के लिए आवाज उठाई. क्लॉडियस के आदेश के बावजूद भी पादरी ने गुप्त तरीके से शादी करवाना शुरू कर दिया. जब क्लॉडियस को पादरी के कारनामों के बारे में पता चला, तो उसने वैलेंटाइन को फांसी पर चढ़ाने का हुक्म दे दिया.

रोमन कहानियों के अनुसार, वैलेंटाइन के पास एक दिव्य शक्ति थी, जिससे वह लोगों की बीमारियों को ठीक कर सकते थे. इस बात की भनक जेलर को लगी तो उसने अपनी अंधी बेटी ऑस्टेरियस को वैलेंटाइन से मिलवाया. ऑस्टेरियस की आंखें ठीक हो गईं और दोनों में प्यार हो गया. हालांकि, बाद में वैलेंटाइन को फांसी पर चढ़ा दिया गया और उनकी मौत हो गई.

वैलेंटाइन की मौत के बाद भी, प्यार और मानवता के लिए उनके इस बलिदान को आज भी याद किया जाता है. वैलेंटाइन के मरणोपरांत उन्हें कैथोलिक चर्च द्वारा संत घोषित किया गया था और आज के समय में उन्हें संत वैलेंटाइन के रूप में जाना जाता है.

इसके काफी सालों बाद पोप गेलैसियस ने 14 फरवरी को सेंट वैलेंटाइन डे घोषित किया. तब से इस दिन को प्यार के प्रतीक के तौर पर मनाया जाता है.

वैलेंटाइन वीक
यह दिवस युवाओं के बीच उत्साह के साथ मनाया जाता है. वैलेंटाइन डे का जश्न एक सप्ताह पहले ही शुरू हो जाता है, जिसे वैलेंटाइन वीक कहते हैं. वैलेंटाइन वीक के प्रत्येक दिन को अलग-अलग दिवस के रूप में मनाया जाता है और इसका अलग महत्व होता है.

  • सात फरवरी - रोज डे
  • आठ फरवरी - प्रपोज डे
  • नौ फरवरी - चॉकलेट डे
  • 10 फरवरी - टेडी डे
  • 11 फरवरी - प्रॉमिस डे
  • 12 फरवरी - हग डे
  • 13 फरवरी - किस डे
  • 14 फरवरी - वैलेंटाइन डे

इस तरह लोग वैलेंटाइन वीक का जश्न मनाते हैं और अंत में प्यार का इजहार करते हैं. बहुत से प्रेमी युवक इस दिन अपने प्यार का इजहार कर एक-दूसरे से शादी करने की प्रतिज्ञा लेते हैं.

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