ETV Bharat / bharat

वैशाख पूर्णिमा: जानिए...इस तिथि का महत्त्व, दान करने से बरसेगी भगवान विष्णु की कृपा

author img

By

Published : May 16, 2022, 3:28 PM IST

वाराणसी में आज वैशाख मास की पूर्णिमा पर मंदिरों में भीड़ जुटती है. यह मास संपूर्ण देवताओं द्वारा पूजित है. भगवान विष्णु को प्रसन्न करने वाला यह वैशाख का महीना बेहद ही खास होता है. इस दिन धर्म, यज्ञ, क्रिया और तपस्या का सार मिलता है.

etv bharat
वैशाख पूर्णिमा

वाराणसी: वैशाख मास और पूर्णिमा तिथि को अपने आप में सबसे महत्त्वपूर्ण माना गया है. आज वैशाख पूर्णिमा का विशेष दिन है. कहते है कि वैशाख के समान कोई मास नहीं है, सतयुग के समान कोई युग नहीं है, वेद के समान कोई शास्त्र नहीं है और गंगा के समान कोई तीर्थ नहीं है. वैसे ही वैशाख मास की इस पूर्णिमा को बेहद खास माना जाता है. श्री काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास परिषद के सदस्य और ज्योतिषाचार्य पंडित प्रसाद दीक्षित ने बताया कि नारद जी ने स्वयं अमरीश से कहा था कि वैशाख मास को ब्रह्मा जी ने सबसे उत्तम सिद्ध किया है. इस दिन धर्म, यज्ञ, क्रिया और तपस्या का सार मिलता है.

यह मास संपूर्ण देवताओं द्वारा पूजित है. विद्याओं में वेद विद्या, मंत्रों में प्रणव, वृक्षों में कल्पवृक्ष, गाय में कामधेनु, देवताओं में विष्णु, वर्णों में ब्राह्मण, प्रिय वस्तुओं में प्राण, नदियों में गंगा जी, तेजों में सूर्य, धातुओं में स्वर्ण, वैष्णो में शिव और रत्नों में कौस्तुभमणि उत्तम है. उसी प्रकार महीनों में वैशाख पूर्णिमा सबसे उत्तम है. भगवान विष्णु को प्रसन्न करने वाला इसके समान दूसरा कोई मास नहीं है. जो वैशाख मास में सूर्य उदय से पहले स्नान करता है, उससे भगवान विष्णु निरंतर प्रीति करते हैं. पाप तभी तक गरजते हैं जब तक जीव वैशाख मास में प्रात: काल जल में स्नान नहीं करता.

वैशाख के महीने में सभी देवता आदि बाहर के जल में भी स्थित रहते हैं. भगवान विष्णु की आज्ञा से मनुष्य का कल्याण करने के लिए वे सूर्योदय से लेकर 6 डंड के भीतर उपस्थित रहते हैं. वैशाख सर्वश्रेष्ठ मास है और भगवान विष्णु को प्रिय है. जो मनुष्य वैशाख मास में मार्ग पर यात्रियों के लिए प्याऊ लगाता है, वह विष्णुलोक में प्रतिष्ठित होता है.

यह भी पढ़ें: Horoscope Today 16 may 2022 राशिफल: वृषभ, कन्या और मकर वालों को मिलेगा किस्मत का साथ

देवताओं और ऋषियों को अत्यंत प्रीति देने वाला है यह मास. प्याऊ लगाकर रास्ते के थके मनुष्य को जिसने संतुष्ट किया उसने ब्रह्मा, विष्णु और शिव आदि देवता को संतुष्ट कर लिया. वैशाख मास में जल की इच्छा रखने वालों को जल, छाया चाहने वालों को छाता और पंखे की इच्छा रखने वालों को पंखा देना चाहिए. जो प्यास से पीड़ित महात्मा पुरुष के लिए शीतल जल प्रदान करता है, वह उतनी ही मात्रा में 10,000 राजसूय यज्ञों का फल पाता है. वहीं, सब पापों से मुक्त हो भगवान विष्णु का सानिध्य प्राप्त कर लेता है. वह सब पापों का नाश करके ब्रह्मलोक को जाता है. जो वैशाख मास में पादुका दान करता है, वह यमदूत का तिरस्कार करके विष्णु लोक में जाता है.

ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप

वाराणसी: वैशाख मास और पूर्णिमा तिथि को अपने आप में सबसे महत्त्वपूर्ण माना गया है. आज वैशाख पूर्णिमा का विशेष दिन है. कहते है कि वैशाख के समान कोई मास नहीं है, सतयुग के समान कोई युग नहीं है, वेद के समान कोई शास्त्र नहीं है और गंगा के समान कोई तीर्थ नहीं है. वैसे ही वैशाख मास की इस पूर्णिमा को बेहद खास माना जाता है. श्री काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास परिषद के सदस्य और ज्योतिषाचार्य पंडित प्रसाद दीक्षित ने बताया कि नारद जी ने स्वयं अमरीश से कहा था कि वैशाख मास को ब्रह्मा जी ने सबसे उत्तम सिद्ध किया है. इस दिन धर्म, यज्ञ, क्रिया और तपस्या का सार मिलता है.

यह मास संपूर्ण देवताओं द्वारा पूजित है. विद्याओं में वेद विद्या, मंत्रों में प्रणव, वृक्षों में कल्पवृक्ष, गाय में कामधेनु, देवताओं में विष्णु, वर्णों में ब्राह्मण, प्रिय वस्तुओं में प्राण, नदियों में गंगा जी, तेजों में सूर्य, धातुओं में स्वर्ण, वैष्णो में शिव और रत्नों में कौस्तुभमणि उत्तम है. उसी प्रकार महीनों में वैशाख पूर्णिमा सबसे उत्तम है. भगवान विष्णु को प्रसन्न करने वाला इसके समान दूसरा कोई मास नहीं है. जो वैशाख मास में सूर्य उदय से पहले स्नान करता है, उससे भगवान विष्णु निरंतर प्रीति करते हैं. पाप तभी तक गरजते हैं जब तक जीव वैशाख मास में प्रात: काल जल में स्नान नहीं करता.

वैशाख के महीने में सभी देवता आदि बाहर के जल में भी स्थित रहते हैं. भगवान विष्णु की आज्ञा से मनुष्य का कल्याण करने के लिए वे सूर्योदय से लेकर 6 डंड के भीतर उपस्थित रहते हैं. वैशाख सर्वश्रेष्ठ मास है और भगवान विष्णु को प्रिय है. जो मनुष्य वैशाख मास में मार्ग पर यात्रियों के लिए प्याऊ लगाता है, वह विष्णुलोक में प्रतिष्ठित होता है.

यह भी पढ़ें: Horoscope Today 16 may 2022 राशिफल: वृषभ, कन्या और मकर वालों को मिलेगा किस्मत का साथ

देवताओं और ऋषियों को अत्यंत प्रीति देने वाला है यह मास. प्याऊ लगाकर रास्ते के थके मनुष्य को जिसने संतुष्ट किया उसने ब्रह्मा, विष्णु और शिव आदि देवता को संतुष्ट कर लिया. वैशाख मास में जल की इच्छा रखने वालों को जल, छाया चाहने वालों को छाता और पंखे की इच्छा रखने वालों को पंखा देना चाहिए. जो प्यास से पीड़ित महात्मा पुरुष के लिए शीतल जल प्रदान करता है, वह उतनी ही मात्रा में 10,000 राजसूय यज्ञों का फल पाता है. वहीं, सब पापों से मुक्त हो भगवान विष्णु का सानिध्य प्राप्त कर लेता है. वह सब पापों का नाश करके ब्रह्मलोक को जाता है. जो वैशाख मास में पादुका दान करता है, वह यमदूत का तिरस्कार करके विष्णु लोक में जाता है.

ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.