आगर मालवा : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 71वें (Narendra Modi Birthday) जन्मदिन के दिन टीकाकरण अभियान (Vaccination Campaign) के तहत 2 करोड़ से अधिक डोज लगाने का दावा किया गया. कोरोना के खिलाफ यह एक बड़ी उपलब्धि हो सकती है, इसमें कोई शक नहीं. वहीं जब मृतक को ही टीके का डोज लगने का प्रमाण पत्र जारी हो जाए, तो तमाम तरह के सवाल खड़े होते हैं. आगर मालवा जिला में कुछ ऐसे ही मामले सामने आये हैं.
पहली डोज के बाद कोरोना के चलते हो गया था निधन
जिला मुख्यालय में आशुतोष शर्मा अपनी मां विद्या शर्मा की यादों को सहेजने की कोशिश कर रहे हैं, कभी नजरें इस कागज पर जाती हैं, तो कभी उस कागज पर. विद्या शर्मा को 8 मार्च को कोविशील्ड (Covishield Vaccine) का पहला डोज लगा था. जून के पहले सप्ताह में दूसरा डोज (Vaccine Second Dose) लगाया जाना था, लेकिन एक मई 2021 को कोरोना के चलते विद्या शर्मा का निधन हो गया.
चार महीने बाद आया वैक्सीन का मैसेज
अब करीब 4 महीने बाद 17 सितंबर को उनके पुत्र आशुतोष के मोबाइल पर मैसेज आया है कि विद्या शर्मा का कोविशील्ड का दूसरा डोज 17 सितंबर को नगर पालिका टाउन हाल के वैक्सीनेशन सेंटर (Vaccination center Agar) में लगाया जा चुका है. आशुतोष ने वेबसाइट खंगाली तो वहां से कोविशील्ड के दूसरे डोज का सर्टिफिकेट भी मिल गया. अब आशुतोष आंकड़ों की सरकारी बाजीगरी पर सवाल उठा रहे हैं.
एमपी की महिला को राजस्थान में लगा सेकेंड डोज
आगर के ही छावनी इलाके में रहने वाली 26 वर्षीय पिंकी वर्मा 8 जून को कोविशील्ड का पहला डोज लगवा चुकी हैं और दूसरा डोज लगना अभी बाकी है. 17 सितंबर को अचानक से मोबाइल पर आए मैसेज देख कर वह चौंक गईं कि उनका वैक्सीनेशन का दूसरा डोज लग चुका है, वह भी राजस्थान के झालावाड़ जिले (vaccination in Rajashthan) के डग में स्थित टीकाकरण केंद्र पर. पिंकी आंकड़ों में गड़बड़ी का आरोप भी लगाती हैं.
आंकड़े बढ़ने पर उठ रहे सवाल
दावा किया गया है कि मध्य प्रदेश में 80 फीसदी वयस्क आबादी को कोरोना वैक्सीन का पहला डोज (Vaccine First Dose) लगाने का लक्ष्य हासिल (Mp Government vaccination target) कर लिया है. शुक्रवार को ही देश में टीकाकरण के सभी रिकॉर्ड तोड़ते हुए 2.23 करोड़ टीके लगाने का दावा भी हुआ. करीब ढाई महीने पहले ही मध्य प्रदेश टीकाकरण के मामले में देश में सातवें स्थान पर था, जो अब आंकड़ों के हिसाब से दूसरे स्थान पर आ गया है. जिस तरह के मामले सामने आ रहे हैं, उससे आंकड़े को लेकर सवाल उठ रहे हैं.