नोएडा/ जेनेवा: नोएडा स्थित दवा कंपनी मैरियन बायोटेक का उत्पादन लाइलेंस निलंबित कर दिया गया है वहीं कफ सीरप के नमूनों की जांच रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है. उत्तर प्रदेश के एक औषधि अधिकारी ने गुरुवार को यह जानकारी दी. उज्बेकिस्तान में कथित तौर पर इस कंपनी का कफ सीरप पीने से बच्चों की मौत होने का मामला सामने आने के बाद सीरप की बिक्री पर रोक लगा दी गई थी. विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने उत्तर प्रदेश के नोएडा में मैरियन बायोटेक द्वारा निर्मित एंब्रोनॉल और डॉक-1 मैक्स सीरप पर एक चिकित्सा उत्पाद अलर्ट भी जारी किया है.
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केंद्रीय एजेंसियों और उत्तर प्रदेश औषधि विभाग के एक दल ने 29 दिसंबर को यहां कंपनी के कार्यालय का निरीक्षण किया था और जांच के लिए छह और नमूने लिए थे. गौतमबुद्ध नगर के औषधि निरीक्षक वैभव बब्बर ने बताया कि निरीक्षण के दौरान कंपनी के प्रतिनिधि 'डॉक-1 मैक्स' के उत्पादन से जुड़े दस्तावेज पेश नहीं कर सके जिसके बाद सरकार ने इसके उत्पादन पर तत्काल रोक लगा दी थी. उन्होंने कहा कि 29 दिसंबर के आदेश के अनुरूप कंपनी का उत्पादन लाइसेंस निलंबित है अब कंपनी को निलंबन आदेश 10 जनवरी को लिखित रूप से जारी किया गया है और कंपनी ने इसे स्वीकार किया है.
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नमूनों के परिणामों के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि परिणामों की प्रतीक्षा की जा रही है. डब्ल्यूएचओ ने बुधवार को खराब गुणवत्ता वाले (दूषित) दो उत्पादों का जिक्र करते हुए 'चिकित्सा उत्पाद अलर्ट' जारी किया. ये उज्बेकिस्तान में मिले थे. डब्ल्यूएचओ के अनुसार, खराब गुणवत्ता वाले चिकित्सा उत्पाद ऐसे उत्पाद हैं जो गुणवत्ता मानकों या विशिष्टताओं को पूरा करने में विफल रहते हैं. डब्ल्यूएचओ ने कहा कि दो उत्पाद, एंब्रोनॉल सिरप और डॉक-1 मैक्स सीरप हैं. दोनों उत्पादों की निर्माता मैरियन बायोटेक प्राइवेट लिमिटेड (उत्तर प्रदेश, भारत) है. इसने कहा कि दोनों उत्पादों के प्रयोगशाल आकलन में डाइएथिलीन ग्लाइकॉल अथवा एथिलीन ग्लाइकॉल की अधिक मात्रा पाई गई है. डब्ल्यूएचओ ने कहा कि दोनों ही तत्व इंसानों के लिए खतरनाक हैं और जानलेवा साबित हो सकते हैं.
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