देहरादून (उत्तराखंड): देश के तीन राज्यों में भाजपा की जीत ने पार्टी की हिंदुत्व को लेकर रणनीति को सही साबित किया है. इन चुनावी नतीजों के बाद स्पष्ट हो गया है कि आगामी लोकसभा चुनाव 2024 में भी भाजपा इसी एजेंडे के साथ आगे बढ़ेगी. खास बात ये है कि उत्तराखंड राज्य भाजपा के इस एजेंडे पर सबसे ज्यादा सटीक बैठता है. इसके पीछे पिछले कुछ समय में प्रदेश की राजनीति के वो मुद्दे शामिल हैं, जिन्होंने उत्तराखंड की चर्चा देश भर में करवाई है. इनमें अधिकतर मामले राष्ट्रीय राजनीति में भी छाए रहे.
उत्तराखंड में सनातन और हिंदुत्व का बोलबाला: वहीं, उत्तराखंड में धार्मिक एजेड़ों ने देश में भाजपा को धर्म आधारित राजनीति के नए आइडिया भी दिए हैं. वहीं तीन राज्यों में भाजपा की बंपर जीत इसी पैटर्न की राजनीति का इशारा भी कर रही है और इसमें कोई दो राय नहीं कि आने वाले चुनावों में भाजपा इसी स्टाइल से राजनीति करेगी. इस मामले पर प्रदेश भाजपा की मानें तो उत्तराखंड सैन्य प्रदेश है और यहां के लोगों में धार्मिक भावनाएं भी बेहद ज्यादा हैं. भाजपा प्रदेश प्रवक्ता वीरेंद्र बिष्ट का कहना है कि देश की संस्कृति को बचाने का जिम्मा देश के साथ-साथ उत्तराखंड का भी है. हालांकि, इस पर राजनीति को लेकर पार्टी के नेता कुछ ज्यादा नहीं कहते, लेकिन यह जरूर बताते हैं कि सनातन को बचाने की जिम्मेदारी उत्तराखंड की भी है और यहां पर सनातन और हिंदुत्व का बोलबाला भी है.
कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता बोले भाजपा की झूठ की राजनीति: इस पूरे मामले पर कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता शीशपाल बिष्ट का कहना कि भाजपा केवल झूठ और ध्रुवीकरण की राजनीति के जरिए सत्ता की सीढ़ी पर चढ़ गई है. कुल मिलाकर वोट प्रतिशत देखा जाए तो कांग्रेस ने भाजपा से ज्यादा वोट हासिल किए हैं. भाजपा का ध्रुवीकरण एक आखिरी हथियार है और वह इसकी बदौलत राज्य और देश के महत्वपूर्ण और बड़े मुद्दों को छिपाने की कोशिश करती है. उन्होंने कहा कि भाजपा ने उत्तराखंड को सांप्रदायिक बंटवारे की प्रयोगशाला बना दिया है और इसका प्रयोग पूरे देश में वोट पाने के लिए किया जा रहा है.
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उत्तराखंड पूरे देश का कर रहा नेतृत्व: यूनिफॉर्म सिविल कोड के लिए उत्तराखंड सरकार ने विशेष कमेटी का गठन किया हुआ है, जिसकी रिपोर्ट अभी आनी बाकी है. ऐसे में बड़ी बात यह है कि इस मामले में उत्तराखंड पूरे देश का नेतृत्व कर रहा है और इस मुद्दे पर राष्ट्रीय स्तर पर भी आरोप-प्रत्यारोप लगते रहे हैं.
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