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सीमित संसाधनों में सिमटा उत्तराखंड, राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय कार्यक्रमों से मिल रही नई पहचान, जानें क्यों तव्वजो दे रही मोदी सरकार

Uttarakhand is getting new identity सीमित संसाधनों वाले उत्तराखंड को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय कार्यक्रमों से नई पहचान मिल रही है. जी-20, केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण परिषद की बैठक के सफल आयोजन के बाद अब केंद्र सरकार की मध्य परिषद की बैठक और ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट से उत्तराखंड, देश-विदेश में नई पहचान बनाने में काफी आगे बढ़ेगा. ऐसे में उत्तराखंड के प्रति भ्रामक प्रचार-प्रसार पर भी विराम लगेगा.

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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Oct 5, 2023, 10:06 PM IST

Updated : Oct 5, 2023, 10:55 PM IST

उत्तराखंड को राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय कार्यक्रमों से मिल रही नई पहचान.

देहरादूनः हिमालय की गोद में बसा उत्तराखंड छोटा सा पहाड़ी राज्य है, लेकिन केंद्र सरकार की नजर में उत्तराखंड का स्थान इससे कई गुना ऊंचा है. यही कारण है कि बीते कुछ महीनों में उत्तराखंड को कई बड़े राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय कार्यक्रमों का संचालन करने का मौका मिला है. इन कार्यक्रमों के जरिए उत्तराखंड ने ना केवल देश के कोने-कोने से आए भारतीय मेहमान बल्कि विदेशी मेहमानों के सामने भी देवभूमि की संस्कृति, सभ्यता और संस्कार को उकेरा है. अभी तक ऐसे कार्यक्रम दिल्ली, मुंबई, कोलकत्ता और लखनऊ जैसे मेट्रो सीटीज में देखने को मिलते थे. ऐसे में इन कार्यक्रमों के आयोजनों से उत्तराखंड को भविष्य में कई लाभ होंगे.

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उत्तराखंड के नरेंद्र नगर में जी-20 की बैठक हो चुकी है.

उत्तराखंड की भौगोलिक हालात कुछ ऐसे हैं कि 75 फीसदी प्रदेश का भूभाग जंगलों से घिरा हुआ है. राज्य की आबादी अन्य राज्यों के मुकाबले भी बेहद कम है और संसाधन भी सीमित है. इसके साथ ही हर साल मॉनसून के समय गढ़वाल से लेकर कुमाऊं तक बारिश अपना कहर बरपाती है. जिससे राज्य को करोड़ों रुपए का नुकसान उठाना पड़ता है. बावजूद इसके केंद्र सरकार ने राज्य में ऐसे कई कार्यक्रम प्रस्तावित किए हुए हैं जिससे यह मालूम होता है कि केंद्र सरकार की नजर में उत्तराखंड को महत्वत्ता अन्य राज्यों के मुकाबले कम नहीं है. कार्यक्रमों के अलावा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के एक के बाद एक दौरे भी राज्य को नई पहचान दे रहे हैं.
ये भी पढ़ेंः Uttarakhand G20 Meeting: नरेंद्र नगर में तीन दिवसीय इंफ्रास्ट्रक्चर वर्किंग ग्रुप की बैठक, ऐसा रहा पहला दिन

G-20 से मिली नरेंद्र नगर को पहचान: उत्तराखंड में राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय कार्यक्रमों का सिलसिला बीते कुछ महीनों से ही शुरू हुआ है. जून 2022 में उत्तराखंड के छोटे से क्षेत्र नरेंद्र नगर में G-20 बैठक का आयोजन हुआ. जिसमें 20 देशों के मेहमानों ने प्रतिभाग किया. उत्तराखंड में आयोजित इस बैठक में 20 देश के प्रतिनिधिमंडल ने मूलभूत ढांचागत विकास पर चर्चा की. एक अनुमान के मुताबिक राज्य सरकार द्वारा इस कार्यक्रम में लगभग 3 हजार मेहमानों की व्यवस्था की थी. इससे नरेंद्र नगर को एक नई पहचान भी मिली.

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देहरादून में जुलाई माह में केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण परिषद की बैठक का आयोजन हुआ.

देहरादून में जुटे कई राज्यों के स्वास्थ्य मंत्री-अधिकारी: इसी साल 14 जुलाई को देहरादून में एक और बड़ा कार्यक्रम आयोजित हुआ, जिसमें देश के तमाम राज्यों के स्वास्थ्य मंत्री और स्वास्थ्य विभाग से जुड़े अधिकारियों के साथ-साथ केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने शिरकत की. देहरादून के होटल में आयोजित केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण परिषद की 15वीं बैठक में देश के लगभग सभी राज्यों के स्वास्थ्य मंत्री और अधिकारियों ने प्रतिभा किया. बैठक का पूरा आयोजन राज्य सरकार द्वारा किया गया. बैठक में बाहर से आए मेहमानों ने राजधानी देहरादून और आसपास के इलाके को बेहद करीब से जाना. देहरादून में आयोजित इस बैठक में स्वास्थ्य से जुड़े कई बड़े कार्यक्रमों पर मुहर लगी और राज्य सरकार के द्वारा एक और सफल कार्यक्रम का समापन हुआ.

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ऋषिकेश में 2023 मई माह में Youth 20 Summit का आयोजन हुआ.

सीएम-गृह मंत्री के कार्यक्रम से मिलेगी पहचान: ऐसे ही कार्यक्रम आने वाले समय में प्रदेश में और होने जा रहे हैं. कम संसाधनों के साथ बेहतर कार्यक्रमों का प्रबंधन के बदौलत ही केंद्र सरकार ने मध्य परिषद की बैठक को भी उत्तराखंड में आयोजित करने का मन बनाया है. केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा आयोजित मध्य क्षेत्रीय परिषद की बैठक 7 अक्टूबर को होने जा रही है. खास बात यह है कि इसमें केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह मौजूद रहेंगे. इस कार्यक्रम का आयोजन भी नरेंद्र नगर में होने जा रहा है. 7 अक्टूबर को होने जा रही इस बैठक में देश के सबसे बड़े राज्य के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेंद्र बघेल और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के अलावा चारों राज्यों के तमाम बड़े अधिकारी भी मौजूद रहेंगे. पूरे दिन चलने वाली इस बैठक में मध्य क्षेत्र के विकास और आगामी तमाम योजनाओं पर चर्चा की जाएगी.
ये भी पढ़ेंः ब्रिटेन से लौटने पर सीएम का दून में भव्य स्वागत, 12,500 करोड़ का MoU साइन करा कर लौटे हैं धामी

ग्लोबल इन्वेस्टर समिट के लिए बड़ी तैयारी: राज्य सरकार जैसे ही मध्य क्षेत्रीय परिषद की बैठक से फ्री होगी, वैसे ही उसके सामने एक और बड़ा आयोजन तैयार है. राज्य सरकार दिसंबर महीने में एक बड़ा इन्वेस्टर समिट करवाने जा रही है. देहरादून में आयोजित होने वाले इस इन्वेस्टर समिट में देश के ही नहीं बल्कि विदेशी उद्योगपति भी शामिल होंगे. इसके लिए राज्य सरकार के अधिकारी और खुद मुख्यमंत्री, देश और विदेश का दौरा कर रहे हैं. एक अनुमान के मुताबिक लगभग 4 हजार लोगों की गैदरिंग इस कार्यक्रम में होने की तैयारी की जा रही है.

पीएम मोदी का पिथौरागढ़ दौरा प्रस्तावित: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पिथौरागढ़ दौरा भी राज्य के पर्यटन को एक नई ऊर्जा देकर जाएगा. पिथौरागढ़ के जिस क्षेत्र में अभी तक गिने-चुने पर्यटक पहुंचते थे, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दौरे के बाद ना केवल पर्यटकों को एक नया खूबसूरत पर्यटन स्थल घूमने के लिए मिलेगा, बल्कि कैलाश मानसरोवर के दर्शन के लिए भी लोग पिथौरागढ़ का रुख करेंगे.

ईटीवी भारत से बोले सीएम धामी: ईटीवी भारत के ब्यूरो चीफ किरनकांत शर्मा से बातचीत करते हुए सीएम धामी ने कहा कि एक के बाद एक आयोजित इन कार्यक्रमों से राज्य को काफी फायदा मिलेगा. देसी-विदेशी मेहमानों से प्रदेश के हर क्षेत्र को एक नई पहचान मिलेगी. सीएम धामी का कहना है कि कम संसाधनों में बेहतर आयोजन करना राज्य को बहुत कुछ सीख रहा है. इसके साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उत्तराखंड और खासकर पिथौरागढ़ आने से भी राज्य को पर्यटन के क्षेत्र में कई तरह का फायदा मिलेगा.
ये भी पढ़ेंः देहरादून में आयोजित होगा 6वां विश्व आपदा प्रबंधन सम्मेलन, सदी के महानायक अमिताभ बच्चन होंगे ब्रांड एंबेसडर

भ्रामक प्रचार-प्रसार पर लगेगा विराम: वरिष्ठ पत्रकार सुनील दत्त पांडे कहते हैं कि उत्तराखंड में जिस तरह से कार्यक्रम आयोजित हो रहे हैं उनमे राज्य सरकार का पैसा लग रहा है. उन्होंने कहा इन कार्यक्रमों में से राज्य को एक नई पहचान भी मिल रही है. उदाहरण के तौर पर प्रधानमंत्री, गृह मंत्री या विदेशी मेहमान किसी क्षेत्र में जाते हैं तो उस स्थान के बारे में खबरें छपती हैं. उसकी चर्चा देशभर में होती है. लोग उस स्थान के बारे में पढ़ते हैं. लोगों के अंदर भी उस क्षेत्र में की इच्छा जागृत होती है. दूसरी बात ये है कि वीआईपी मूवमेंट से उन क्षेत्रों की व्यवस्थाओं को भी दुरुस्त किया जाता है. इसके साथ ही अधिकारी भी उन जगहों पर तवज्जो देते हैं. उन्होंने कहा इस तरह के बड़े आयोजनों से उत्तराखंड को जो भी भ्रामक प्रचार किया जाता है उस पर विराम लगेगा.

उत्तराखंड को राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय कार्यक्रमों से मिल रही नई पहचान.

देहरादूनः हिमालय की गोद में बसा उत्तराखंड छोटा सा पहाड़ी राज्य है, लेकिन केंद्र सरकार की नजर में उत्तराखंड का स्थान इससे कई गुना ऊंचा है. यही कारण है कि बीते कुछ महीनों में उत्तराखंड को कई बड़े राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय कार्यक्रमों का संचालन करने का मौका मिला है. इन कार्यक्रमों के जरिए उत्तराखंड ने ना केवल देश के कोने-कोने से आए भारतीय मेहमान बल्कि विदेशी मेहमानों के सामने भी देवभूमि की संस्कृति, सभ्यता और संस्कार को उकेरा है. अभी तक ऐसे कार्यक्रम दिल्ली, मुंबई, कोलकत्ता और लखनऊ जैसे मेट्रो सीटीज में देखने को मिलते थे. ऐसे में इन कार्यक्रमों के आयोजनों से उत्तराखंड को भविष्य में कई लाभ होंगे.

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उत्तराखंड के नरेंद्र नगर में जी-20 की बैठक हो चुकी है.

उत्तराखंड की भौगोलिक हालात कुछ ऐसे हैं कि 75 फीसदी प्रदेश का भूभाग जंगलों से घिरा हुआ है. राज्य की आबादी अन्य राज्यों के मुकाबले भी बेहद कम है और संसाधन भी सीमित है. इसके साथ ही हर साल मॉनसून के समय गढ़वाल से लेकर कुमाऊं तक बारिश अपना कहर बरपाती है. जिससे राज्य को करोड़ों रुपए का नुकसान उठाना पड़ता है. बावजूद इसके केंद्र सरकार ने राज्य में ऐसे कई कार्यक्रम प्रस्तावित किए हुए हैं जिससे यह मालूम होता है कि केंद्र सरकार की नजर में उत्तराखंड को महत्वत्ता अन्य राज्यों के मुकाबले कम नहीं है. कार्यक्रमों के अलावा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के एक के बाद एक दौरे भी राज्य को नई पहचान दे रहे हैं.
ये भी पढ़ेंः Uttarakhand G20 Meeting: नरेंद्र नगर में तीन दिवसीय इंफ्रास्ट्रक्चर वर्किंग ग्रुप की बैठक, ऐसा रहा पहला दिन

G-20 से मिली नरेंद्र नगर को पहचान: उत्तराखंड में राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय कार्यक्रमों का सिलसिला बीते कुछ महीनों से ही शुरू हुआ है. जून 2022 में उत्तराखंड के छोटे से क्षेत्र नरेंद्र नगर में G-20 बैठक का आयोजन हुआ. जिसमें 20 देशों के मेहमानों ने प्रतिभाग किया. उत्तराखंड में आयोजित इस बैठक में 20 देश के प्रतिनिधिमंडल ने मूलभूत ढांचागत विकास पर चर्चा की. एक अनुमान के मुताबिक राज्य सरकार द्वारा इस कार्यक्रम में लगभग 3 हजार मेहमानों की व्यवस्था की थी. इससे नरेंद्र नगर को एक नई पहचान भी मिली.

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देहरादून में जुलाई माह में केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण परिषद की बैठक का आयोजन हुआ.

देहरादून में जुटे कई राज्यों के स्वास्थ्य मंत्री-अधिकारी: इसी साल 14 जुलाई को देहरादून में एक और बड़ा कार्यक्रम आयोजित हुआ, जिसमें देश के तमाम राज्यों के स्वास्थ्य मंत्री और स्वास्थ्य विभाग से जुड़े अधिकारियों के साथ-साथ केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने शिरकत की. देहरादून के होटल में आयोजित केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण परिषद की 15वीं बैठक में देश के लगभग सभी राज्यों के स्वास्थ्य मंत्री और अधिकारियों ने प्रतिभा किया. बैठक का पूरा आयोजन राज्य सरकार द्वारा किया गया. बैठक में बाहर से आए मेहमानों ने राजधानी देहरादून और आसपास के इलाके को बेहद करीब से जाना. देहरादून में आयोजित इस बैठक में स्वास्थ्य से जुड़े कई बड़े कार्यक्रमों पर मुहर लगी और राज्य सरकार के द्वारा एक और सफल कार्यक्रम का समापन हुआ.

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ऋषिकेश में 2023 मई माह में Youth 20 Summit का आयोजन हुआ.

सीएम-गृह मंत्री के कार्यक्रम से मिलेगी पहचान: ऐसे ही कार्यक्रम आने वाले समय में प्रदेश में और होने जा रहे हैं. कम संसाधनों के साथ बेहतर कार्यक्रमों का प्रबंधन के बदौलत ही केंद्र सरकार ने मध्य परिषद की बैठक को भी उत्तराखंड में आयोजित करने का मन बनाया है. केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा आयोजित मध्य क्षेत्रीय परिषद की बैठक 7 अक्टूबर को होने जा रही है. खास बात यह है कि इसमें केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह मौजूद रहेंगे. इस कार्यक्रम का आयोजन भी नरेंद्र नगर में होने जा रहा है. 7 अक्टूबर को होने जा रही इस बैठक में देश के सबसे बड़े राज्य के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेंद्र बघेल और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के अलावा चारों राज्यों के तमाम बड़े अधिकारी भी मौजूद रहेंगे. पूरे दिन चलने वाली इस बैठक में मध्य क्षेत्र के विकास और आगामी तमाम योजनाओं पर चर्चा की जाएगी.
ये भी पढ़ेंः ब्रिटेन से लौटने पर सीएम का दून में भव्य स्वागत, 12,500 करोड़ का MoU साइन करा कर लौटे हैं धामी

ग्लोबल इन्वेस्टर समिट के लिए बड़ी तैयारी: राज्य सरकार जैसे ही मध्य क्षेत्रीय परिषद की बैठक से फ्री होगी, वैसे ही उसके सामने एक और बड़ा आयोजन तैयार है. राज्य सरकार दिसंबर महीने में एक बड़ा इन्वेस्टर समिट करवाने जा रही है. देहरादून में आयोजित होने वाले इस इन्वेस्टर समिट में देश के ही नहीं बल्कि विदेशी उद्योगपति भी शामिल होंगे. इसके लिए राज्य सरकार के अधिकारी और खुद मुख्यमंत्री, देश और विदेश का दौरा कर रहे हैं. एक अनुमान के मुताबिक लगभग 4 हजार लोगों की गैदरिंग इस कार्यक्रम में होने की तैयारी की जा रही है.

पीएम मोदी का पिथौरागढ़ दौरा प्रस्तावित: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पिथौरागढ़ दौरा भी राज्य के पर्यटन को एक नई ऊर्जा देकर जाएगा. पिथौरागढ़ के जिस क्षेत्र में अभी तक गिने-चुने पर्यटक पहुंचते थे, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दौरे के बाद ना केवल पर्यटकों को एक नया खूबसूरत पर्यटन स्थल घूमने के लिए मिलेगा, बल्कि कैलाश मानसरोवर के दर्शन के लिए भी लोग पिथौरागढ़ का रुख करेंगे.

ईटीवी भारत से बोले सीएम धामी: ईटीवी भारत के ब्यूरो चीफ किरनकांत शर्मा से बातचीत करते हुए सीएम धामी ने कहा कि एक के बाद एक आयोजित इन कार्यक्रमों से राज्य को काफी फायदा मिलेगा. देसी-विदेशी मेहमानों से प्रदेश के हर क्षेत्र को एक नई पहचान मिलेगी. सीएम धामी का कहना है कि कम संसाधनों में बेहतर आयोजन करना राज्य को बहुत कुछ सीख रहा है. इसके साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उत्तराखंड और खासकर पिथौरागढ़ आने से भी राज्य को पर्यटन के क्षेत्र में कई तरह का फायदा मिलेगा.
ये भी पढ़ेंः देहरादून में आयोजित होगा 6वां विश्व आपदा प्रबंधन सम्मेलन, सदी के महानायक अमिताभ बच्चन होंगे ब्रांड एंबेसडर

भ्रामक प्रचार-प्रसार पर लगेगा विराम: वरिष्ठ पत्रकार सुनील दत्त पांडे कहते हैं कि उत्तराखंड में जिस तरह से कार्यक्रम आयोजित हो रहे हैं उनमे राज्य सरकार का पैसा लग रहा है. उन्होंने कहा इन कार्यक्रमों में से राज्य को एक नई पहचान भी मिल रही है. उदाहरण के तौर पर प्रधानमंत्री, गृह मंत्री या विदेशी मेहमान किसी क्षेत्र में जाते हैं तो उस स्थान के बारे में खबरें छपती हैं. उसकी चर्चा देशभर में होती है. लोग उस स्थान के बारे में पढ़ते हैं. लोगों के अंदर भी उस क्षेत्र में की इच्छा जागृत होती है. दूसरी बात ये है कि वीआईपी मूवमेंट से उन क्षेत्रों की व्यवस्थाओं को भी दुरुस्त किया जाता है. इसके साथ ही अधिकारी भी उन जगहों पर तवज्जो देते हैं. उन्होंने कहा इस तरह के बड़े आयोजनों से उत्तराखंड को जो भी भ्रामक प्रचार किया जाता है उस पर विराम लगेगा.

Last Updated : Oct 5, 2023, 10:55 PM IST
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