ETV Bharat / bharat

Kargil Vijay Diwas 2023: 24वें कारगिल विजय दिवस पर अपने 75 जांबाज शहीदों को याद कर रहा उत्तराखंड - कारगिल शहीदों को नमन

24th Kargil Vijay Diwas आज कारगिल दिवस की 24वीं बरसी है. 26 जुलाई 1999 को हुए कारगिल युद्ध में भारत के जांबाज सैनिकों ने दुश्मन मुल्क की सेना को चारों खाने चित कर चोटी पर तिरंगा लहराया था. कारगिल की कठिन लड़ाई में हमारी सेना के 526 जवान शहीद हुए थे. अकेले उत्तराखंड के 75 जांबाजों ने पाकिस्तान के कब्जे से अपनी मातृभूमि के टुकड़े को मुक्त कराने के लिए अपने प्राण न्योछावर कर दिए थे. पेश है इन बलिदानियों की शहादत की कहानी

Kargil Vijay Diwas 2023
कारगिल विजय दिवस
author img

By

Published : Jul 26, 2023, 2:31 PM IST

Updated : Jul 26, 2023, 8:31 PM IST

कारगिल विजय दिवस

देहरादून (उत्तराखंड): 26 जुलाई 1999 को कारगिल के युद्ध में भारतीय सेना ने दुश्मन मुल्क पाकिस्तान की सेना को धूल चटा दी थी. कारगिल और द्रास की जानलेवा चोटियों पर लड़े गए इस युद्ध में भारतीय वीर सैनिकों ने जो जांबाजी दिखाई थी वो सैन्य इतिहास में स्वर्ण अक्षरों में लिखी गई है. पाकिस्तान के कब्जे से भारत की भूमि को मुक्त कराने के लिए देश के 526 जवानों ने प्राणों की आहुति दी तो देवभूमि के 75 वीर सैनिकों ने भी अपने प्राण भारत माता के लिए अर्पित कर दिए थे. इनमें से 37 जांबाजों के नाम पर उनके परिजनों को बहादुरी का पुरस्कार प्राप्त हुआ था.

आज है कारगिल विजय दिवस: आज जब पूरा देश कारगिल विजय दिवस मना रहा है तो उत्तराखंड के लिए भी यह दिन खास मायने रखता है. पहाड़ी राज्य उत्तराखंड का ऐसा कोई जिला नहीं था, जिसने अपने वीर सपूतों को इस युद्ध में न खोया हो.

उत्तराखंड के 75 जवान कारगिल में हुए थे शहीद: आइए आपको उत्तराखंड के उन वीर सपूतों के बारे में बताते हैं, जिनकी बदौलत आज हम कारगिल विजय दिवस मना रहे हैं. जिन सैनिकों को शहादत के बाद उनकी जांबाजी के लिए सम्मानित किया गया और उनके गर्वित परिजनों ने उस सम्मान को प्राप्त किया.

Kargil Vijay Diwas 2023
कारगिल युद्ध में उत्तराखंड के सैनिकों को मिले मेडल

एक साथ लाए गए थे 9 शहीदों के शव: दिलचस्प बात ये है कि उन दिनों उत्तराखंड आंदोलन चल रहा था. उत्तराखंड का हर नागरिक अलग राज्य की मांग कर रहा था. उधर कारगिल में उत्तराखंड के जांबाज सैनिक हमारे देश की भूमि को पाकिस्तान के नापाक कब्जे से छुड़ाने के लिए अपने प्राण जोखिम में डालकर दुर्गम पहाड़ियों पर डटे थे. एक छोटे राज्य के जांबाजों का ये जज्बा आज भी पहाड़ी राज्य के लोग भुला नहीं पाये हैं, जब गढ़वाल रेजीमेंटल सेंटर के परेड ग्राउंड पर हेलीकॉप्टर से 9 शहीदों के शव एक साथ उतारे गए थे. ऐसा लगा मानो पूरा पहाड़ एक साथ अपने लाड़लों की शहादत पर रो पड़ा था.

Kargil Vijay Diwas 2023
कारगिल युद्ध में पराक्रम दिखाने वाले उत्तराखंड के सैनिकों की रेजीमेंट
ये भी पढ़ें: कारगिल शहीद कृपाल सिंह के गांव की रोड खस्ताहाल, जान जोखिम में डालकर हो रही यात्रा

कारगिल युद्ध में शहीद हुए थे देश के 524 सैनिक: साल 1999 में हुए कारगिल युद्ध में भारतीय सेना ने अपने 524 सैनिकों को खो दिया था. इस भीषण युद्ध में विपरीत परिस्थितियों के बावजूद अपना पराक्रम दिखाने वाले 1363 सैनिक गंभीर रूप से घायल हुए थे. भारतीय सैनिकों ने इससे बड़ी चोट पाकिस्तान को दी थी. इस युद्ध में पाकिस्तानी सेना के चार हजार से ज्यादा जवान मारे गए थे.

गढ़वाल राइफल्स के 47 जवान हुए थे शहीद: कारगिल ऑपरेशन में गढ़वाल राइफल्स के 47 जवान शहीद हुए थे. इनमें 41 जांबाज उत्तराखंड मूल के ही थे. वहीं, कुमाऊं रेजीमेंट के भी 16 जांबाज शहीद हुए थे. जवानों ने कारगिल, द्रास, मशकोह, बटालिक जैसी दुर्गम पहाड़ियों पर दुश्मन से जमकर लोहा लिया था. युद्ध में वीरता प्रदर्शित करने पर मिलने वाले वीरता पदक इसी की बानगी हैं. देश अपने इन जांबाजों को कारगिल विजय दिवस पर नमन करता है.

कारगिल विजय दिवस

देहरादून (उत्तराखंड): 26 जुलाई 1999 को कारगिल के युद्ध में भारतीय सेना ने दुश्मन मुल्क पाकिस्तान की सेना को धूल चटा दी थी. कारगिल और द्रास की जानलेवा चोटियों पर लड़े गए इस युद्ध में भारतीय वीर सैनिकों ने जो जांबाजी दिखाई थी वो सैन्य इतिहास में स्वर्ण अक्षरों में लिखी गई है. पाकिस्तान के कब्जे से भारत की भूमि को मुक्त कराने के लिए देश के 526 जवानों ने प्राणों की आहुति दी तो देवभूमि के 75 वीर सैनिकों ने भी अपने प्राण भारत माता के लिए अर्पित कर दिए थे. इनमें से 37 जांबाजों के नाम पर उनके परिजनों को बहादुरी का पुरस्कार प्राप्त हुआ था.

आज है कारगिल विजय दिवस: आज जब पूरा देश कारगिल विजय दिवस मना रहा है तो उत्तराखंड के लिए भी यह दिन खास मायने रखता है. पहाड़ी राज्य उत्तराखंड का ऐसा कोई जिला नहीं था, जिसने अपने वीर सपूतों को इस युद्ध में न खोया हो.

उत्तराखंड के 75 जवान कारगिल में हुए थे शहीद: आइए आपको उत्तराखंड के उन वीर सपूतों के बारे में बताते हैं, जिनकी बदौलत आज हम कारगिल विजय दिवस मना रहे हैं. जिन सैनिकों को शहादत के बाद उनकी जांबाजी के लिए सम्मानित किया गया और उनके गर्वित परिजनों ने उस सम्मान को प्राप्त किया.

Kargil Vijay Diwas 2023
कारगिल युद्ध में उत्तराखंड के सैनिकों को मिले मेडल

एक साथ लाए गए थे 9 शहीदों के शव: दिलचस्प बात ये है कि उन दिनों उत्तराखंड आंदोलन चल रहा था. उत्तराखंड का हर नागरिक अलग राज्य की मांग कर रहा था. उधर कारगिल में उत्तराखंड के जांबाज सैनिक हमारे देश की भूमि को पाकिस्तान के नापाक कब्जे से छुड़ाने के लिए अपने प्राण जोखिम में डालकर दुर्गम पहाड़ियों पर डटे थे. एक छोटे राज्य के जांबाजों का ये जज्बा आज भी पहाड़ी राज्य के लोग भुला नहीं पाये हैं, जब गढ़वाल रेजीमेंटल सेंटर के परेड ग्राउंड पर हेलीकॉप्टर से 9 शहीदों के शव एक साथ उतारे गए थे. ऐसा लगा मानो पूरा पहाड़ एक साथ अपने लाड़लों की शहादत पर रो पड़ा था.

Kargil Vijay Diwas 2023
कारगिल युद्ध में पराक्रम दिखाने वाले उत्तराखंड के सैनिकों की रेजीमेंट
ये भी पढ़ें: कारगिल शहीद कृपाल सिंह के गांव की रोड खस्ताहाल, जान जोखिम में डालकर हो रही यात्रा

कारगिल युद्ध में शहीद हुए थे देश के 524 सैनिक: साल 1999 में हुए कारगिल युद्ध में भारतीय सेना ने अपने 524 सैनिकों को खो दिया था. इस भीषण युद्ध में विपरीत परिस्थितियों के बावजूद अपना पराक्रम दिखाने वाले 1363 सैनिक गंभीर रूप से घायल हुए थे. भारतीय सैनिकों ने इससे बड़ी चोट पाकिस्तान को दी थी. इस युद्ध में पाकिस्तानी सेना के चार हजार से ज्यादा जवान मारे गए थे.

गढ़वाल राइफल्स के 47 जवान हुए थे शहीद: कारगिल ऑपरेशन में गढ़वाल राइफल्स के 47 जवान शहीद हुए थे. इनमें 41 जांबाज उत्तराखंड मूल के ही थे. वहीं, कुमाऊं रेजीमेंट के भी 16 जांबाज शहीद हुए थे. जवानों ने कारगिल, द्रास, मशकोह, बटालिक जैसी दुर्गम पहाड़ियों पर दुश्मन से जमकर लोहा लिया था. युद्ध में वीरता प्रदर्शित करने पर मिलने वाले वीरता पदक इसी की बानगी हैं. देश अपने इन जांबाजों को कारगिल विजय दिवस पर नमन करता है.

Last Updated : Jul 26, 2023, 8:31 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.