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जोशीमठ आपदा पीड़ितों ने मैगी खाकर गुजारी रात, ग्राउंड जीरो से Reality Check - आपदा पीड़ितों ने मैगी खाकर गुजारी रात

जोशीमठ में भू धंसाव (Landslide in Chamoli Joshimath) किसी बड़ी अनहोनी की ओर इशारा कर रहा है. इस ऐतिहासिक शहर में पड़ी दरारें, इस बात की तस्दीक कर रही हैं की हालात ठीक नहीं. वहीं प्रशासन के राहत बचाव कार्य के इतर लोगों की सुध नहीं ली जा रही है. जिससे प्रभावितों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. ईटीवी भारत संवाददाता लक्ष्मण राणा ने ग्राउंड जीरो पर जाकर लोगों की समस्याओं को सुना.

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जोशीमठ आपदा पीड़ितों का दर्द
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Published : Jan 7, 2023, 11:02 AM IST

Updated : Jan 7, 2023, 2:24 PM IST

जोशीमठ आपदा पीड़ितों का रियलिटी चेक

जोशीमठ: चमोली के जोशीमठ में भू धंसाव (Landslide in Chamoli Joshimath) से हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं. सैकड़ों लोगों के आशियानों में आई दरारें दिनों-दिन बढ़ती जा रही हैं. हालात ऐसे हैं कि लोग अपने पुश्तैनी आशियानों को छोड़ने पर मजबूर हैं और कुछ लोग सरकार के खिलाफ मुखर हैं. वहीं कड़ाके की ठंड में प्रभावित लोग सरकार से उचित व्यवस्था करने की मांग कर रहे हैं. ईटीवी भारत संवाददाता लक्ष्मण राणा ने ग्राउंड जीरो (etv bharat ground zero report) पर जाकर हालात का जायजा लिया और प्रभावितों की पीड़ा (People troubled by landslide in Joshimath) को सुना.

प्रभावितों का दिखा दर्द: गौर हो कि इस दौरान प्रभावितों (joshimath disaster affected) की आंखों में साफ देखा जा सकता था कि उनको अपने आशियाने खोने का कितना दर्द है. जहां उनकी पुश्तों ने दिन गुजारे, वहां एक झटके में भू धंसाव से हालात बदल गए. जोशीमठ में भू धंसाव के कारण स्थिति रोज खतरनाक होती जा रही है. घरों और सड़कों में पड़ी दरारें चौड़ी होती जा रही हैं. 600 से ज्यादा घर खतरे की जद में हैं. वहीं, सीएम पुष्कर सिंह धामी (CM Pushkar Singh Dhami) ने भी बैठक में अधिकारियों को सबसे पहले प्रभावित लोगों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट करने के निर्देश दिए हैं. राज्य सरकार की टीम जोशीमठ में हालात का स्थलीय निरीक्षण कर रही है. इसके अलावा 7 जनवरी यानी आज खुद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी जोशीमठ जाएंगे और ताजा हालात का जायजा लेंगे.

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जोशीमठ में दीवारें भी गिरने लगीं
पढ़ें-जोशीमठ भू धंसाव: केंद्र सरकार ने बनाई 6 सदस्यीय अध्ययन समिति, सीएम धामी आज करेंगे दौरा

प्रभावितों ने मैगी खाकर गुजारी रात: वहीं ईटीवी भारत संवाददाता लक्ष्मण राणा ने ग्राउंड जीरो पर जाकर हालात का जायजा लिया और प्रभावितों की पीड़ा को सुना. जोशीमठ में प्रशासन के द्वारा उन लोगों को राहत शिविरों में रुकवाया गया है, जिनके घर पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो चुके हैं और रहने लायक नहीं बचे हैं. जोशीमठ में नगर पालिका के रैन बसेरे, गुरुद्वारे के साथ साथ सिंहधार वार्ड के प्राथमिक विद्यालय में आपदा प्रभावितों को ठहराया गया है. आपदा प्रभावितों से मिलने जब ईटीवी भारत की टीम सिंहधार के प्राइमरी स्कूल में बनाये गए आपदा राहत शिविर में पहुंची तो उन्होंने अपना दर्द बयां किया. उन्होंने कहा कि प्रशासन के द्वारा उन्हें कुछ नहीं दिया गया है. यहां तक कि खाने की व्यवस्था भी आपदा प्रभावितों ने खुद की, जो छोटे-छोटे बच्चों को लेकर राहत कैंप पहुंचे हैं.

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जोशीमठ में फटी सड़क

सर्द रातों ने बढ़ाई मुश्किल: प्रशासन की बदइंतजामी से प्रभावित खासे नाराज दिखाई दिए. आपदा प्रभावितों को हीटर देने की बात कही गई थी, लेकिन कड़कड़ती ठंड में प्रशासन उनके लिए हीटर की व्यवस्था तक नहीं कर पाया. वहीं प्रभावितों ने कहा कि प्रशासन ने एक टाइम तो भोजन उपलब्ध कराया लेकिन दूसरे टाइम उन्होंने मैगी खाकर रात गुजारी. प्रभावितों ने प्रशासन से कहा कि उन्हें घर बनाकर दिए जाएं, क्योंकि उनके घर अब रहने लायक नहीं रह गए हैं.

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जोशीमठ भवन के अंदर आईं दरारें
पढ़ें-जोशीमठ में मंदिर धराशायी होकर मकान पर गिरा, दरारें चौड़ी होने से दहशत में लोग

हर महीने सरकार देगी चार हजार रुपए: प्रदेश सरकार की तरफ से घोषणा की गई है कि बेघर हुए परिवारों को चार हजार रुपए हर माह दिया जाएगा. इसके अलावा एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीम भी मौके पर पहुंच चुकी हैं और हालातों का जायजा ले रही है. ताकि किसी भी तरह की स्थिति से निपटा जा सके. वहीं मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के आदेश पर आपदा कंट्रोल रूम गठित किया गया है. वहीं सीएम ने बैठक में बड़ा अस्थाई पुनर्वास केंद्र बनाने का भी निर्देश दिए हैं. जिससे प्रभावितों को समय रहते राहत दी जा सके.

एनटीपीसी की टनल का कार्य रोका: जोशीमठ में भू धंसाव को देखते हुए एनटीपीसी पावर प्रोजेक्ट के टनल के अंदर का कार्य भी पूरी तरह से रोक दिया गया है. बढ़ती गंभीर समस्या को देखते हुए जिला प्रशासन ने बीआरओ के अंतर्गत निर्मित हेलंग बाईपास निर्माण कार्य, एनटीपीसी के तपोवन विष्णुगाड़ जल विद्युत परियोजना के अंतर्गत निर्माण कार्य एवं नगरपालिका क्षेत्र के अंतर्गत निर्माण कार्यों पर अग्रिम आदेशों तक तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी है. साथ ही शासन-प्रशासन हालातों पर जल्द काबू पाने की कोशिश कर रही है, जिससे विकराल होती समस्या को रोका जा सके.

जोशीमठ आपदा पीड़ितों का रियलिटी चेक

जोशीमठ: चमोली के जोशीमठ में भू धंसाव (Landslide in Chamoli Joshimath) से हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं. सैकड़ों लोगों के आशियानों में आई दरारें दिनों-दिन बढ़ती जा रही हैं. हालात ऐसे हैं कि लोग अपने पुश्तैनी आशियानों को छोड़ने पर मजबूर हैं और कुछ लोग सरकार के खिलाफ मुखर हैं. वहीं कड़ाके की ठंड में प्रभावित लोग सरकार से उचित व्यवस्था करने की मांग कर रहे हैं. ईटीवी भारत संवाददाता लक्ष्मण राणा ने ग्राउंड जीरो (etv bharat ground zero report) पर जाकर हालात का जायजा लिया और प्रभावितों की पीड़ा (People troubled by landslide in Joshimath) को सुना.

प्रभावितों का दिखा दर्द: गौर हो कि इस दौरान प्रभावितों (joshimath disaster affected) की आंखों में साफ देखा जा सकता था कि उनको अपने आशियाने खोने का कितना दर्द है. जहां उनकी पुश्तों ने दिन गुजारे, वहां एक झटके में भू धंसाव से हालात बदल गए. जोशीमठ में भू धंसाव के कारण स्थिति रोज खतरनाक होती जा रही है. घरों और सड़कों में पड़ी दरारें चौड़ी होती जा रही हैं. 600 से ज्यादा घर खतरे की जद में हैं. वहीं, सीएम पुष्कर सिंह धामी (CM Pushkar Singh Dhami) ने भी बैठक में अधिकारियों को सबसे पहले प्रभावित लोगों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट करने के निर्देश दिए हैं. राज्य सरकार की टीम जोशीमठ में हालात का स्थलीय निरीक्षण कर रही है. इसके अलावा 7 जनवरी यानी आज खुद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी जोशीमठ जाएंगे और ताजा हालात का जायजा लेंगे.

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जोशीमठ में दीवारें भी गिरने लगीं
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प्रभावितों ने मैगी खाकर गुजारी रात: वहीं ईटीवी भारत संवाददाता लक्ष्मण राणा ने ग्राउंड जीरो पर जाकर हालात का जायजा लिया और प्रभावितों की पीड़ा को सुना. जोशीमठ में प्रशासन के द्वारा उन लोगों को राहत शिविरों में रुकवाया गया है, जिनके घर पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो चुके हैं और रहने लायक नहीं बचे हैं. जोशीमठ में नगर पालिका के रैन बसेरे, गुरुद्वारे के साथ साथ सिंहधार वार्ड के प्राथमिक विद्यालय में आपदा प्रभावितों को ठहराया गया है. आपदा प्रभावितों से मिलने जब ईटीवी भारत की टीम सिंहधार के प्राइमरी स्कूल में बनाये गए आपदा राहत शिविर में पहुंची तो उन्होंने अपना दर्द बयां किया. उन्होंने कहा कि प्रशासन के द्वारा उन्हें कुछ नहीं दिया गया है. यहां तक कि खाने की व्यवस्था भी आपदा प्रभावितों ने खुद की, जो छोटे-छोटे बच्चों को लेकर राहत कैंप पहुंचे हैं.

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जोशीमठ में फटी सड़क

सर्द रातों ने बढ़ाई मुश्किल: प्रशासन की बदइंतजामी से प्रभावित खासे नाराज दिखाई दिए. आपदा प्रभावितों को हीटर देने की बात कही गई थी, लेकिन कड़कड़ती ठंड में प्रशासन उनके लिए हीटर की व्यवस्था तक नहीं कर पाया. वहीं प्रभावितों ने कहा कि प्रशासन ने एक टाइम तो भोजन उपलब्ध कराया लेकिन दूसरे टाइम उन्होंने मैगी खाकर रात गुजारी. प्रभावितों ने प्रशासन से कहा कि उन्हें घर बनाकर दिए जाएं, क्योंकि उनके घर अब रहने लायक नहीं रह गए हैं.

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पढ़ें-जोशीमठ में मंदिर धराशायी होकर मकान पर गिरा, दरारें चौड़ी होने से दहशत में लोग

हर महीने सरकार देगी चार हजार रुपए: प्रदेश सरकार की तरफ से घोषणा की गई है कि बेघर हुए परिवारों को चार हजार रुपए हर माह दिया जाएगा. इसके अलावा एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीम भी मौके पर पहुंच चुकी हैं और हालातों का जायजा ले रही है. ताकि किसी भी तरह की स्थिति से निपटा जा सके. वहीं मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के आदेश पर आपदा कंट्रोल रूम गठित किया गया है. वहीं सीएम ने बैठक में बड़ा अस्थाई पुनर्वास केंद्र बनाने का भी निर्देश दिए हैं. जिससे प्रभावितों को समय रहते राहत दी जा सके.

एनटीपीसी की टनल का कार्य रोका: जोशीमठ में भू धंसाव को देखते हुए एनटीपीसी पावर प्रोजेक्ट के टनल के अंदर का कार्य भी पूरी तरह से रोक दिया गया है. बढ़ती गंभीर समस्या को देखते हुए जिला प्रशासन ने बीआरओ के अंतर्गत निर्मित हेलंग बाईपास निर्माण कार्य, एनटीपीसी के तपोवन विष्णुगाड़ जल विद्युत परियोजना के अंतर्गत निर्माण कार्य एवं नगरपालिका क्षेत्र के अंतर्गत निर्माण कार्यों पर अग्रिम आदेशों तक तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी है. साथ ही शासन-प्रशासन हालातों पर जल्द काबू पाने की कोशिश कर रही है, जिससे विकराल होती समस्या को रोका जा सके.

Last Updated : Jan 7, 2023, 2:24 PM IST
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