ETV Bharat / bharat

बेरोजगारों के समर्थन में नंगे पांव सड़क पर निकले पूर्व CM, सरकार पर लगाया युवाओं को भटकाने का आरोप - उत्तराखंड लेटेस्ट न्यूज

बेरोजगार युवाओं के समर्थन में आज तीन जनवरी को कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने नंगे पाव पदयात्रा निकाली. इस दौरान उन्होंने प्रदेश में बढ़ती बेरोजगारी को लेकर बीजेपी सरकार पर भी हमला बोला और युवाओं को भटकाने का आरोप लगाया.

Etv Bharat
Etv Bharat
author img

By

Published : Jan 3, 2023, 8:19 PM IST

बेरोजगारों के समर्थन में नंगे पांव सड़क पर निकले पूर्व CM हरीश रावत.

देहरादून: उत्तराखंड में बढ़ती बेरोजगारी बड़ा मुद्दा बनता जा रहा है. प्रदेश का युवा जहां सरकार से नौकरी मांग रहा है, वहीं कांग्रेस भी सरकार पर दबाव बनाने में लगी हुई है. आज तीन जनवरी को इसी क्रम में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और उत्तराखंड के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष हरीश रावत ने बेरोजगारों के प्रति भावनात्मक एकता प्रकट करने के उद्देश्य से नंगे पाव पदयात्रा निकाली. इस दौरान उनके सैकड़ों समर्थक मौजूद रहे.

मंगलवार को तीन बजे पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने देहरादून के डिस्पेंसरी रोड स्थित राजीव गांधी की प्रतिमा से अपनी पदयात्रा की शुरुआत की. उन्होंने इस दौरान घंटाघर स्थित स्वर्गीय इंद्रमणि बडोनी की प्रतिमा पर भी माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की. हरीश रावत ने बढ़ती बेरोजगारी पर भी सरकार को निशाने पर लिया.
पढ़ें- उत्तराखंड में बेलगाम बेरोजगारी, राजधानी देहरादून में ही खड़ी है बेरोजगारों की 'फौज'

उन्होंने कहा कि आज सरकार बेरोजगार नौजवानों को भटका रही है. प्रदेश सरकार की नीतियों से नौजवान भटक रहे हैं और यह नौजवान सरकार की अवहेलना के शिकार हैं. उन्होंने कहा कि राज्य में 85 हजार के करीब पद रिक्त हैं, लेकिन राज्य सरकार की तरफ से कोई कदम इन रिक्तियों को भरने में नहीं उठाया जा रहा है.

हरीश रावत ने कहा कि पिछले साल जितनी नौकरियां लगी नहीं उससे ज्यादा नौजवान निकाल दिए गए. इधर जिन लोगों ने बड़ी उम्मीद के साथ परीक्षाएं दी थी, वह परीक्षा या तो रद्द हो गई, या फिर वह नौजवान नौकरी की उम्मीद में लटके पड़े हैं. उन्होंने उपनल कर्मी, दैनिक वेतन भोगी, अंशकालिक शिक्षकों का मसला उठाते हुए कहा कि यह लोग पिछले 6 साल से सरकार की अवहेलना का शिकार हैं.
पढ़ें- उधमसिंह नगर के ACMO के साथ काशीपुर में मारपीट, 10 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज

बता दें कि राज्य में शासकीय और अशासकीय क्षेत्र में प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगारों की बात करें तो प्रदेश में मौजूद 2 सेवा चयन आयोग हैं. जिसमें उत्तराखंड अधीनस्थ चयन आयोग uksssc और उत्तराखंड लोक सेवा चयन आयोग ukpsc सीधे गवर्नमेंट सेक्टर में जॉब देते हैं. इस साल इन दोनों आयोग से लगी सरकारी नौकरियां इतनी हैं कि बेरोजगारों के आंकड़े के सामने ये नौकरियों ऊंट के मुंह में जीरा हैं. राज्य के दोनों आयोगों से साल 2022 में केवल 3 हजार लोगों को ही सरकारी नौकरी मिली है. यानी अगर बात करें तो प्रदेश में 8 लाख में से 1 प्रतिशत लोगों को भी नौकरी नहीं मिली.

बेरोजगारों के समर्थन में नंगे पांव सड़क पर निकले पूर्व CM हरीश रावत.

देहरादून: उत्तराखंड में बढ़ती बेरोजगारी बड़ा मुद्दा बनता जा रहा है. प्रदेश का युवा जहां सरकार से नौकरी मांग रहा है, वहीं कांग्रेस भी सरकार पर दबाव बनाने में लगी हुई है. आज तीन जनवरी को इसी क्रम में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और उत्तराखंड के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष हरीश रावत ने बेरोजगारों के प्रति भावनात्मक एकता प्रकट करने के उद्देश्य से नंगे पाव पदयात्रा निकाली. इस दौरान उनके सैकड़ों समर्थक मौजूद रहे.

मंगलवार को तीन बजे पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने देहरादून के डिस्पेंसरी रोड स्थित राजीव गांधी की प्रतिमा से अपनी पदयात्रा की शुरुआत की. उन्होंने इस दौरान घंटाघर स्थित स्वर्गीय इंद्रमणि बडोनी की प्रतिमा पर भी माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की. हरीश रावत ने बढ़ती बेरोजगारी पर भी सरकार को निशाने पर लिया.
पढ़ें- उत्तराखंड में बेलगाम बेरोजगारी, राजधानी देहरादून में ही खड़ी है बेरोजगारों की 'फौज'

उन्होंने कहा कि आज सरकार बेरोजगार नौजवानों को भटका रही है. प्रदेश सरकार की नीतियों से नौजवान भटक रहे हैं और यह नौजवान सरकार की अवहेलना के शिकार हैं. उन्होंने कहा कि राज्य में 85 हजार के करीब पद रिक्त हैं, लेकिन राज्य सरकार की तरफ से कोई कदम इन रिक्तियों को भरने में नहीं उठाया जा रहा है.

हरीश रावत ने कहा कि पिछले साल जितनी नौकरियां लगी नहीं उससे ज्यादा नौजवान निकाल दिए गए. इधर जिन लोगों ने बड़ी उम्मीद के साथ परीक्षाएं दी थी, वह परीक्षा या तो रद्द हो गई, या फिर वह नौजवान नौकरी की उम्मीद में लटके पड़े हैं. उन्होंने उपनल कर्मी, दैनिक वेतन भोगी, अंशकालिक शिक्षकों का मसला उठाते हुए कहा कि यह लोग पिछले 6 साल से सरकार की अवहेलना का शिकार हैं.
पढ़ें- उधमसिंह नगर के ACMO के साथ काशीपुर में मारपीट, 10 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज

बता दें कि राज्य में शासकीय और अशासकीय क्षेत्र में प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगारों की बात करें तो प्रदेश में मौजूद 2 सेवा चयन आयोग हैं. जिसमें उत्तराखंड अधीनस्थ चयन आयोग uksssc और उत्तराखंड लोक सेवा चयन आयोग ukpsc सीधे गवर्नमेंट सेक्टर में जॉब देते हैं. इस साल इन दोनों आयोग से लगी सरकारी नौकरियां इतनी हैं कि बेरोजगारों के आंकड़े के सामने ये नौकरियों ऊंट के मुंह में जीरा हैं. राज्य के दोनों आयोगों से साल 2022 में केवल 3 हजार लोगों को ही सरकारी नौकरी मिली है. यानी अगर बात करें तो प्रदेश में 8 लाख में से 1 प्रतिशत लोगों को भी नौकरी नहीं मिली.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.