नई दिल्ली : उत्तराखंड के हरिद्वार में एक धर्म संसद (Dharma Sansad in Haridwar uttarakhand) में अल्पसंख्यकों के खिलाफ दिए गए अभद्र भाषणों (hate speeches against minorities at Haridwar Dharma Sansad) की आरएसएस के वरिष्ठ नेता इंद्रेश कुमार ने निंदा की है. उन्होंने कहा कि भड़काऊ और विभाजनकारी टिप्पणी करने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए.
उन्होंने नफरत फैलानी वाली राजनीति को भ्रष्टाचार करार दिया और कहा कि सभी राजनीतिक दलों और उनके नेताओं को नफरत फैलाने और समाज के एक वर्ग को दूसरे के खिलाफ खड़ा करने से दूर रहना चाहिए. उन्होंने कहा कि किसी भी तरह की अभद्र भाषा निंदनीय (Any kind of hate speech is condemnable) है. सभी अभद्र भाषा की निंदा की जानी चाहिए और कानून के अनुसार सजा मिलनी चाहिए. उत्तराखंड के हरिद्वार में एक धर्म संसद और हाल ही में छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में इसी तरह के एक कार्यक्रम में दिए गए कथित नफरत भरे भाषणों के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि किसी को भी अपवाद नहीं माना जाना चाहिए.
इंद्रेश कुमार ने कहा कि क्रूर घृणास्पद भाषणों के कई उदाहरण हैं. उन्होंने इस पर जोर देकर कहा कि ऐसे सभी विभाजनकारी कृत्यों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करना समय की जरूरत है, क्योंकि वे देश के माहौल को खराब करते हैं. उन्होंने महात्मा गांधी की हत्या के लिए आरएसएस और इसकी विचारधारा को जिम्मेदार ठहराने के लिए कांग्रेस और अन्य विपक्षी पार्टियों को आड़े हाथों लेते हुए (RSS slammed the Congress) कहा कि इनके पास कोई सबूत नहीं है. फिर भी निराधार आरोप लगाए जा रहे हैं.
(पीटीआई)