उत्तराखंड: उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने देश के पहले सीडीएस रहे स्वर्गीय जनरल बिपिन रावत को उनकी दूसरी पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि अर्पित की. सीएम धामी ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट एक्स पर लिखा- 'सैन्यधाम उत्तराखण्ड के गौरव, अदम्य शौर्य और साहस के पर्याय, देश के प्रथम सीडीएस पद्म विभूषण से अलंकृत स्व. बिपिन रावत जी की पुण्यतिथि पर देहरादून में उनकी प्रतिमा पर श्रद्धा-सुमन अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी.'
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सैन्यधाम उत्तराखण्ड के गौरव, अदम्य शौर्य और साहस के पर्याय, देश के प्रथम सीडीएस पद्म विभूषण से अलंकृत स्व. बिपिन रावत जी की पुण्यतिथि पर देहरादून में उनकी प्रतिमा पर श्रद्धा-सुमन अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी। pic.twitter.com/Uxlpl0KcAK
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आज है सीडीएस जनरल बिपिन रावत की दूसरी पुण्यतिथि: जनरल बिपिन रावत का हेलीकॉप्टर 8 दिसंबर 2021 को दुर्घटनाग्रस्त हो गया था. उनकी पत्नी मधुलिका और निजी स्टाफ समेत 14 लोगों की इस हवाई दुर्घटना में मौत हो गई थी. ये हादसा तमिलनाडु में नीलगिरि जिले में स्थित गुन्नूर तालुक में हुआ था. जब ये हादसा हुआ तब सीडीएस बिपिन रावत सुलुरु एयर फोर्स बेस से बेलिंगटन स्थित डिफेंस सर्विसेज स्टाफ कॉलेज जा रहे थे.
हवाई हादसे में सीडीएस बिपिन रावत की मौत हुई थी: चीफ आफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत, उनकी पत्नी मधुलिका रावत और उनके संग यात्रा में मौजूद रहे ब्रिगेडियर एलएस लिद्दर, लेफ्टिनेंट कर्नल हरजिंदर सिंह की जान भी इस हादसे में चली गई थी. इसके साथ ही विंग कमांडर पीएस चौहान, स्क्वॉड्रन लीडर के सिंह, नायक गुरसेवक सिंह, नायक जितेंद्र कुमार, लांसनायक विवेक कुमार और लांसनायक बी. साई तेजा भी हादसे में असमय जान गंवा बैठे थे. जूनियर वारंट ऑफिसर दास, जूनियर वारंट आफिसर ए प्रदीप और हवलदार सतपाल की भी इस हवाई हादसे में मौत हो गई थी. ये हादसा देश और भारती सेना के लिए इतना बड़ा था कि पूरा राष्ट्र शोक में डूब गया था.
उत्तराखंड के पौड़ी जिले में हुआ था सीडीएस बिपिन रावत का जन्म: जनरल बिपिन रावत का जन्म 16 मार्च 1958 को उत्तराखंड के पौड़ी जिले में एक सैनिक परिवार में हुआ था. अपने सैन्य करियर में उन्होंने विभिन्न जिम्मेदारियों का निर्वहन किया. पदोन्नति पाते हुए वो थल सेना अध्यक्ष बने. थल सेना अध्यक्ष के पद से रिटायर हुए तो उन्हें देश का पहला सीडीएस (चीफ आफ डिफेंस स्टाफ) नियुक्त किया गया.
म्यांमार ऑपरेशन से चर्चा में आए: 2015 में म्यांमार से आए आतंकियों की नापाक हरकत का जवाब देने के लिए भारतीय सेना ने बड़ा ऑपरेशन किया था. भारतीय सैनिकों ने म्यांमार में घुसकर बड़ी संख्या में आतंकवादियों का सफाया किया था. इससे पूरे देश के लोग जनरल बिपिन रावत का का शौर्य जान गए. इसके बाद 2016 में पीओके में घुसकर आतंक के ठिकानों को नष्ट करने के बाद बिपिन रावत की छवि राष्ट्र नायक की बन गई थी.
सर्जिकल स्ट्राइक के रणनीतिकार रहे: 2018 में जनरल बिपिन रावत थल सेना के अध्यक्ष बने. तब उन्होंने कहा था कि हमें एक और सर्जिकल स्ट्राइक करने की जरूरी है. जनरल बिपिन रावत 2019 में पुलवामा हमले के बाद बालाकोट एयर स्ट्राइक के रणनीतिकारों में भी शामिल थे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यकाल में भारत की जो दमदार सैन्य छवि बनी, उसमें भारत के पहले सीडीएस रहे जनरल बिपिन रावत का महत्वपूर्ण योगदान भुलाया नहीं जा सकता है.
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