रायपुर: समय के साथ-साथ साइबर ठगी (cyber fraud) के मामले भी हाईटेक होते जा रहे हैं. साइबर ठगी करने वाले आरोपी नए-नए तरीकों से लोगों को अपनी बातों में फंसाकर उन्हें ठगी का शिकार बना रहे हैं. बारिश के मौसम में अक्सर मोबाइल नेटवर्क (Mobile network) में समस्या देखने को मिलती है. साइबर ठग अब इन्हीं बातों का फायदा उठाकर लोगों को ठगी का शिकार बना रहे हैं. नेटवर्क की स्पीड बढ़ाने के नाम से साइबर ठग लोगों को कोड भेजते हैं और जैसे ही वह कोड पीड़ित अपने मोबाइल पर रजिस्टर करते हैं उनका व्हाट्सएप और फेसबुक हैक जाता है. जिसके बाद साइबर ठग लोगों से पैसे की डिमांड करते हैं.
मोबाइल नेटवर्क स्पीड बढ़ाने के नाम ठग शिकार बनाना
देश में ज्यादातर उत्तर प्रदेश का बुलंदशहर, झारखंड का जामताड़ा, हरियाणा और दिल्ली से ठग, लोगों को ठगी का शिकार बनाते हैं. नेटवर्क स्पीड बढ़ाने के नाम पर अब तक रायपुर में 8 से ज्यादा लोगों के साथ ठगी हो चुकी है. आरोपी नेटवर्क स्पीड (network speed) बढ़ाने के नाम से मोबाइल पर कोड भेजते हैं और लोगों को कोड रजिस्टर करने को कहते हैं. जिसके बाद पीड़ित लोगों का व्हाट्सएप और फेसबुक हैक होता जाता है और लोगों को इमरजेंसी के नाम पर 50 हजार से 60 हजार की डिमांड करते हैं.
मोबाइल के कॉल और मैसेज को करते हैं डाइवर्ट
साइबर एक्सपर्ट मोहित साहू ने बताया कि अब बहुत तरीके के साइबर क्राइम के मामले सामने आ रहे हैं. फाइनेंशियल फ्रॉड (financial fraud) भी काफी देखने को भी मिल रहे हैं. अभी बारिश के मौसम में कहीं ना कहीं नेटवर्क का प्रॉब्लम (network problem) रहता है तो इस समय ये लोग इसका फायदा उठाते हैं और रेंडमली, लोगों को कॉल करते हैं और बोलते हैं कि आपके मोबाइल नेटवर्क में प्रॉब्लम हो रही है. उसको सॉल्व करने के लिए हम संबंधित कंपनी से बोल रहे हैं.
ऐसे फैलता है ठगी का जाल
आपको अपने मोबाइल पर एक नंबर डायल करना है. डायल करने के बाद आपका नेटवर्क ठीक हो जाएगा. नंबर डायल करने के बाद आपको एक ओटीपीपी आएगा जो आपको बताना होगा. जिसके बाद यूजर यह सोचता है कि हां अभी नेटवर्क का इश्यू हो रहा है. इसलिए वह इस झांसे में आसानी से आ जाता है. यूएसएसडी कोड होता है, ठग यह यूएसएसडी कोड (USSD CODE) डायल करवाते हैं. डायल करने से यूजर के मोबाइल में जो कॉल या मैसेज आने वाला रहता है वह डाइवर्ट हो जाता है.
इसके बाद ठग उस यूएसएसडी कोड (ussd code) के साथ मोबाइल नंबर यूजर के मोबाइल नंबर पर डायल करता हैं. जिससे मोबाइल का पूरा फोन कॉल और मैसेज ठग के पास ट्रांसफर हो जाता है. इसके बाद वह सोशल मीडिया को हैक करके यूजर के पहचान वालों को मैसेज करता है और पैसे की डिमांड करता है.
ठगी के शिकार ऐसे बचे
• किसी अनजान व्यक्ति को अपना फोन ना दें.
• अनजान लिंक या कोड पर क्लिक ना करें.
• अनजान व्यक्ति के कहने पर स्टार या हैश लगाकर कोई नंबर डायल ना करें.
• अपने सोशल मीडिया साइट पर टू स्टेप वेरीफिकेशन कोड डालकर रखें.