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अमेरिका ने गुरुपतवंत सिंह पन्नून को बचाया, 'हत्यारे' पहुंच गए थे बिल्कुल नजदीक - USA warned India on Pannun

सिख आतंकवादी गुरपतवंत सिंह पन्नून की हत्या की कोशिश की गई थी, लेकिन हमलावर सफल नहीं हो सका. इस घटना के बाद अमेरिका ने भारत को जानकारी दी और अपनी अप्रसन्नता भी जाहिर की.

gurupatwant singh sikh terrorist
गुरपतवंत सिंह
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By IANS

Published : Nov 22, 2023, 7:27 PM IST

वाशिंगटन : अमेरिकी अधिकारियों ने अमेरिकी धरती पर एक सिख अलगाववादी की हत्या की साजिश को नाकाम कर दिया है. मामले से परिचित कई लोगों का कहना है कि इस साजिश में शामिल होने की चिंता के साथ भारत को चेतावनी जारी की गई है. एक मीडिया रिपोर्ट में यह बात कही गई.

फाइनेंशियल टाइम्स के मुताबिक, साजिश का लक्ष्य एक अमेरिकी और कनाडाई नागरिक गुरपतवंत सिंह पन्नून था, जो एक अमेरिकी-आधारित समूह सिख फॉर जस्टिस (एसएफजे) का सामान्य वकील है, जो "खालिस्तान" नामक एक स्वतंत्र सिख राज्य की मांग करने वाले आंदोलन से जुड़ा हुआ है.

मामले से परिचित लोगों ने, जिन्होंने चेतावनी देने वाली खुफिया जानकारी की संवेदनशील प्रकृति के कारण नाम जाहिर न करने का अनुरोध किया, यह नहीं बताया कि क्या नई दिल्ली में विरोध प्रदर्शन के कारण साजिशकर्ताओं ने अपनी योजना छोड़ दी या क्या एफबीआई ने हस्तक्षेप किया और पहले से ही एक योजना को विफल कर दिया.

जून में वैंकूवर में मारे गए कनाडाई सिख अलगाववादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के बाद अमेरिका ने कुछ सहयोगियों को साजिश के बारे में सूचित किया. सितंबर में कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने कहा था कि उन्‍हें विश्‍वस्‍त सूत्रों के जरिए निज्जर पर गोलीबारी का तार भारत से जुड़े होने का पता चला है.

फाइनेंशियल टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, मामले से वाकिफ एक व्यक्ति ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जून में वाशिंगटन की हाई-प्रोफाइल राजकीय यात्रा के बाद अमेरिका ने विरोध प्रकट किया था. राजनयिक चेतावनी से अलग, अमेरिकी संघीय अभियोजकों ने न्यूयॉर्क जिला अदालत में साजिश में शामिल कम से कम एक कथित अपराधी के खिलाफ सीलबंद अभियोग दायर किया है.

अमेरिकी न्याय विभाग इस बात पर बहस कर रहा है कि क्या अभियोग वाले सीलबंद लिफाफे को खोला जाए और आरोपों को सार्वजनिक किया जाए या कनाडा द्वारा निज्जर की हत्या की जांच पूरी होने तक इंतजार किया जाए.

कार्यवाही से परिचित लोगों के अनुसार, माना जाता है कि अभियोग में आरोपित एक व्यक्ति अमेरिका छोड़ चुका है. यह इस मामले को और अधिक जटिल बनाता है. अमेरिकी न्याय विभाग और एफबीआई ने इस मामले पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया.

नेशनल सिक्योरिटी काउंसिल ने कहा, "अमेरिका ने हमारे सहयोगियों से जुड़े कानून प्रवर्तन मामलों या निजी राजनयिक चर्चाओं पर टिप्पणी नहीं की है, लेकिन अमेरिकी नागरिकों की सुरक्षा बनाए रखना सर्वोपरि है."

ट्रूडो ने वैंकूवर में निज्‍जर की हत्या का ब्‍योरा सार्वजनिक किया, उसके बाद वाशिंगटन ने सहयोगियों के एक व्यापक समूह के साथ पन्‍नून मामले का ब्‍योरा साझा किया, जिसके संयोजन ने व्यवहार के संभावित पैटर्न के बारे में सहयोगियों के बीच चिंता पैदा कर दी.

ये भी पढ़ें : ऑस्ट्रेलिया में सिख रेस्तरां मालिक पर नस्लीय निशाना, कहा- 'घर जाओ, भारतीय'

वाशिंगटन : अमेरिकी अधिकारियों ने अमेरिकी धरती पर एक सिख अलगाववादी की हत्या की साजिश को नाकाम कर दिया है. मामले से परिचित कई लोगों का कहना है कि इस साजिश में शामिल होने की चिंता के साथ भारत को चेतावनी जारी की गई है. एक मीडिया रिपोर्ट में यह बात कही गई.

फाइनेंशियल टाइम्स के मुताबिक, साजिश का लक्ष्य एक अमेरिकी और कनाडाई नागरिक गुरपतवंत सिंह पन्नून था, जो एक अमेरिकी-आधारित समूह सिख फॉर जस्टिस (एसएफजे) का सामान्य वकील है, जो "खालिस्तान" नामक एक स्वतंत्र सिख राज्य की मांग करने वाले आंदोलन से जुड़ा हुआ है.

मामले से परिचित लोगों ने, जिन्होंने चेतावनी देने वाली खुफिया जानकारी की संवेदनशील प्रकृति के कारण नाम जाहिर न करने का अनुरोध किया, यह नहीं बताया कि क्या नई दिल्ली में विरोध प्रदर्शन के कारण साजिशकर्ताओं ने अपनी योजना छोड़ दी या क्या एफबीआई ने हस्तक्षेप किया और पहले से ही एक योजना को विफल कर दिया.

जून में वैंकूवर में मारे गए कनाडाई सिख अलगाववादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के बाद अमेरिका ने कुछ सहयोगियों को साजिश के बारे में सूचित किया. सितंबर में कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने कहा था कि उन्‍हें विश्‍वस्‍त सूत्रों के जरिए निज्जर पर गोलीबारी का तार भारत से जुड़े होने का पता चला है.

फाइनेंशियल टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, मामले से वाकिफ एक व्यक्ति ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जून में वाशिंगटन की हाई-प्रोफाइल राजकीय यात्रा के बाद अमेरिका ने विरोध प्रकट किया था. राजनयिक चेतावनी से अलग, अमेरिकी संघीय अभियोजकों ने न्यूयॉर्क जिला अदालत में साजिश में शामिल कम से कम एक कथित अपराधी के खिलाफ सीलबंद अभियोग दायर किया है.

अमेरिकी न्याय विभाग इस बात पर बहस कर रहा है कि क्या अभियोग वाले सीलबंद लिफाफे को खोला जाए और आरोपों को सार्वजनिक किया जाए या कनाडा द्वारा निज्जर की हत्या की जांच पूरी होने तक इंतजार किया जाए.

कार्यवाही से परिचित लोगों के अनुसार, माना जाता है कि अभियोग में आरोपित एक व्यक्ति अमेरिका छोड़ चुका है. यह इस मामले को और अधिक जटिल बनाता है. अमेरिकी न्याय विभाग और एफबीआई ने इस मामले पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया.

नेशनल सिक्योरिटी काउंसिल ने कहा, "अमेरिका ने हमारे सहयोगियों से जुड़े कानून प्रवर्तन मामलों या निजी राजनयिक चर्चाओं पर टिप्पणी नहीं की है, लेकिन अमेरिकी नागरिकों की सुरक्षा बनाए रखना सर्वोपरि है."

ट्रूडो ने वैंकूवर में निज्‍जर की हत्या का ब्‍योरा सार्वजनिक किया, उसके बाद वाशिंगटन ने सहयोगियों के एक व्यापक समूह के साथ पन्‍नून मामले का ब्‍योरा साझा किया, जिसके संयोजन ने व्यवहार के संभावित पैटर्न के बारे में सहयोगियों के बीच चिंता पैदा कर दी.

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