नई दिल्ली : 31 अगस्त की डेड लाइन से एक दिन पहले ही अमेरिकी सैनिकों ने काबुल छोड़ दिया. इस जल्दी की क्या वजहें थीं, अभी तक पता नहीं चल पाया है. लेकिन अब ये खबरें आ रहीं हैं कि अफगानिस्तान में अभी भी कुछ अमेरिकी सैनिक, नागरिक और जिन कुत्तों की सेवा ली गई थी, वे फंसे हुए हैं. इसे लेकर अमेरिका में आवाज उठने लगी है.
अमेरिकी सैनिकों ने जिन कुत्तों की सेवा ली थी, उसे वापस नहीं लाया गया है. उन्हें यूं ही छोड़ दिया गया है. वेटरन शिपडॉग्स ऑफ अमेरिका नाम की संस्था ने उसे वापस लाने के प्रयास तेज कर दिए हैं.
सैनिकों के वापस आने के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा कि पिछले 17 दिनों से हमारे जवानों ने अमेरिकी इतिहास का सबसे बड़ा रेस्क्यू ऑपरेशन पूरा किया. 1.20 लाख से अधिक अमेरिकी नागरिकों, हमारे सहयोगियों और मित्र देशों के साथियों को वापस लाया गया. उन्होंने अदम्य साहस, संकल्प और अपनी लगन को दर्शाया है. अब 20 सालों से चली आ रही सैन्य उपस्थिति खत्म हो गई है.
बाइडेन ने ये भी कहा कि इसके बावजूद अभी भी जो नागरिक वहां पर फंसे हुए हैं, चाहे वे अमेरिकी हों या अफगान से सहयोगी देशों के नागरिक, अगर वे बाहर निकलना चाहते हैं, तो हम उनके लिए प्रयास करते रहेंगे.
अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने कहा कि अमेरिका अपने नागरिकों को अफगानिस्तान से बाहर निकालने का प्रयास करता रहेगा. उन्होंने कहा कि अमेरिका अफगानिस्तान के पड़ोसियों के साथ मिलकर काम करता रहेगा.
अमेरिकी सैन्य कमांडर जनरल केनिथ एफ मैकेंजे ने कहा कि एक तरह जहां सैन्य निकासी पूरी हो चुकी है, अमेरिकी नागरिकों और अफगानों के बाहर निकालने के लिए राजनयिक प्रयास जारी रहेंगे.
उन्होंने कहा कि आखिर क्षणों में हम सिर्फ 1500 अफगानों की मदद कर सके. उन्हें बाहर निकालने में सफलता मिली.