नई दिल्ली : अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के विशेष दूत जॉन केरी ने बुधवार को दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की और 40 वैश्विक नेताओं के आगामी सम्मेलन सहित जलवायु से जुड़े मुद्दों पर चर्चा की.
विदेश मंत्रालय ने बताया कि दोनों नेताओं के बीच चर्चा मुख्य रूप से जलवायु नेताओं के सम्मलेन, आगामी संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन सम्मेलन (कॉप26) और यूएन फ्रेमवर्क कन्वेन्शन ऑन क्लाइमेट चेंज (यूएनएफसीसी) से जुड़े मुद्दों पर केंद्रित रही.
जॉन केरी जलवायु संकट पर चर्चा करने के लिए भारत की आधिकारिक यात्रा पर हैं. इस महीने के अंत में बाइडेन प्रशासन जलवायु पर वैश्विक नेताओं के शिखर सम्मेलन का आयोजन करेगा.
बैठक के दौरान जॉन केरी ने पीएम मोदी को राष्ट्रपति बाइडेन की तरफ से शुभकामनाएं दीं. इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने भी क्वाड लीडर्स समिट के दौरान राष्ट्रपति बाइडेन के साथ अपनी हाल की बातचीत का जिक्र किया और राष्ट्रपति बाइडेन और उपराष्ट्रपति कमला हैरिस को अपनी शुभकामनाएं पहुंचाने का अनुरोध किया.
प्रधानमंत्री मोदी ने जॉन केरी को टैग करते हुए ट्वीट किया, हमारी पूरक शक्तियों के साथ, भारत और अमेरिका ग्रह (पृथ्वी) की सेवा में स्वच्छ और हरित प्रौद्योगिकियों के लिए 2030 के एजेंडे पर रचनात्मक सहयोग कर सकते हैं.
प्रधानमंत्री मोदी के साथ बैठक के दौरान केरी ने पिछले दो दिनों में भारत में अपनी उपयोगी और उत्पादक चर्चाओं की जानकारी दी. उन्होंने भारत की महत्वाकांक्षी नवीकरणीय ऊर्जा योजनाओं सहित भारत के जलवायु कार्यों को सकारात्मक रूप से लिया.
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत पेरिस समझौते के तहत अपने राष्ट्रीय रूप से निर्धारित योगदान को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध है और अपनी प्रतिबद्धताओं को पूरा करने के लिए कुछ देशों के साथ बातचीत में बना हुआ था.
साथ ही केरी ने यह भी कहा कि अमेरिका हरित प्रौद्योगिकियों और अपेक्षित वित्त की सुविधा प्रदान करके भारत की जलवायु योजनाओं को समर्थन करेगा.
जयशंकर के साथ जॉन केरी की बैठक
जॉन केरी ने मंगलवार को विदेश मंत्री एस जयशंकर और पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर के साथ अलग-अलग बैठकें की थी, जिनमें वैश्विक जलवायु कार्रवाई से जुड़े मुद्दों पर जोर रहा था. बैठकों के बाद केरी ने एक ट्वीट में भारत को जलवायु संकट के खिलाफ अमेरिका की लड़ाई में एक महत्वपूर्ण साझेदार बताया.
जलवायु संबंधी मामलों के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के विशेष दूत जॉन केरी ने कहा है कि भारत जलवायु परिवर्तन के खिलाफ लड़ाई में वैश्विक मंच पर एक बड़ा भागीदार है. केरी ने कहा कि भारत द्वारा उठाए जाने वाले निर्णायक कदम अब यह निर्धारित करेंगे कि आगामी पीढ़ियों के लिए इस परिवर्तन के क्या मायने होंगे.
उन्होंने कहा कि लैंगिक समानता और महिलाओं के नेतृत्व को बढ़ावा दिया जाना न सिर्फ आर्थिक वृद्धि और सतत विकास के लिए अहम है, बल्कि यह जलवायु परिवर्तन के संकट से निपटने के लिए भी आवश्यक है.
इससे पहले बुधवार को, जॉन केरी ने पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री धर्मेंद्र प्रधान से मुलाकात की और जलवायु परिवर्तन संकट और इसमें भारत की महत्वपूर्ण भूमिका पर चर्चा की.
जलवायु परिवर्तन के मुद्दे पर अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन खासा ध्यान दे रहे हैं. उन्होंने 20 जनवरी को अपने शपथ ग्रहण के बाद अमेरिका के पेरिस जलवायु समझौते में लौटने की घोषणा की थी.
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केरी पांच अप्रैल से आठ अप्रैल तक के लिए चार दिवसीय यात्रा पर भारत आए हैं और इस दौरान वह केंद्र सरकार, निजी क्षेत्र एवं विभिन्न एनजीओ के प्रतिनिधियों से मुलाकात करेंगे. यह जलवायु परिवर्तन संबंधी मामलों के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति के विशेष दूत के रूप में केरी की पहली यात्रा है. अमेरिका का बाइडेन प्रशासन पेरिस समझौते में जनवरी में फिर से शामिल हो गया था.
जलवायु परिवर्तन पर नेताओं का शिखर सम्मेलन
जॉन केरी की इस यात्रा का उद्देश्य जलवायु परिवर्तन से निपटने को लेकर वार्ता के मकसद से 22 अप्रैल और 23 अप्रैल को आयोजित होने वाले 'नेताओं के शिखर सम्मेलन' और इस साल बाद में होने वाले संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन सम्मेलन-सीओपी26 से पहले जलवायु संबंधी महत्वाकांक्षाओं को बढ़ाने पर चर्चा करना है.
बाइडेन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत विश्व के 40 नेताओं को 'नेताओं के शिखर सम्मेलन' के लिए आमंत्रित किया है. इस शिखर सम्मेलन का मकसद जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए ठोस कदम उठाने के आर्थिक लाभ एवं महत्व को रेखांकित करना है. बाइडेन पृथ्वी दिवस पर 22 अप्रैल से विश्व के नेताओं के दो दिवसीय जलवायु शिखर सम्मेलन की मेजबानी करेंगे.