वाशिंगटन (यूएस) : संयुक्त राज्य अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल से मुलाकात की. एंटनी ब्लिंकन ने कहा कि अमेरिका वैश्विक चुनौतियों का समाधान करने के लिए भारत के साथ अपने सहयोग का विस्तार कर रहा है. ब्लिंकन ने ट्वीट किया कि संयुक्त राज्य अमेरिका वैश्विक चुनौतियों से निपटने के लिए भारत के साथ सहयोग बढ़ा रहा है. हमारी रणनीतिक साझेदारी को गहरा करने पर चर्चा करने के लिए आज भारतीय राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के साथ मेरी अच्छी बैठक हुई.
डोभाल 30 जनवरी से 1 फरवरी तक वाशिंगटन की आधिकारिक यात्रा पर थे. उनके साथ वरिष्ठ सरकारी अधिकारी और भारतीय उद्योग जगत के नेता भी यात्रा के दौरान मौजूद रहे. अमेरिका में भारत के राजदूत तरणजीत सिंह संधू ने इंडिया हाउस में एनएसए डोभाल, अमेरिकी सीनेटर मार्क वार्नर और जॉन कॉर्निन की मेजबानी की और संबंधों को आगे बढ़ाने पर बातचीत की. संधू ने ट्वीट किया कि एनएसए अजीत डोभाल, सीनेटर @MarkWarner और सीनेटर जॉन कॉर्निन, इंटेलिजेंस पर प्रवर समिति के अध्यक्ष और सदस्य और इंडिया कॉकस के सह-अध्यक्षों की मेजबानी करने की खुशी मिली. संबंधों को आगे बढ़ाने पर महत्वपूर्ण बातचीत हुई.
गठबंधन और साझेदारी बनाना सर्वोच्च प्राथमिकता: अमेरिका की उप रक्षा मंत्री डॉ. कैथलीन हिक्स ने यहां राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल से मुलाकात में कहा कि उनके विभाग के लिए गठबंधन और साझेदारी का निर्माण करना सर्वोच्च प्राथमिकता है. अमेरिका के रक्षा मंत्रालय के मुख्यालय पेंटागन ने यह जानकारी दी. हिंद-प्रशांत क्षेत्र के प्रतिस्पर्धी रणनीतिक माहौल और चीन के आक्रामक व्यवहार के बीच यह मुलाकात हुई. पेंटागन ने मंगलवार को कहा कि हिक्स ने यहां डोभाल के साथ बैठक के दौरान अमेरिका-भारत द्विपक्षीय रक्षा साझेदारी के लिए प्राथमिकताओं पर चर्चा की.
पेंटागन के अनुसार, हिंद-प्रशांत क्षेत्र में नीतियों व उनके संचालन में समन्वय को गहरा करने और दोनों देशों के बीच रक्षा औद्योगिक सहयोग बढ़ाने पर भी चर्चा हुई. भारतीय दूतावास ने मंगलवार को ट्वीट किया कि दोनों ने अमेरिका-भारत रक्षा सहयोग और क्षेत्रीय सुरक्षा सहित कई मुद्दों पर चर्चा की. पेंटागन के प्रवक्ता एरिक पाहोन ने बैठक के बाद एक बयान में कहा कि हिक्स ने दोहराया कि गठबंधन बनाना तथा साझेदारी करना उनके मंत्रालय की पहली प्राथमिकता है और अमेरिकी राष्ट्रीय रक्षा रणनीति का अभिन्न अंग भी है.
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पाहोन ने बताया कि उन्होंने (हिक्स ने) क्षेत्र में भारत के नेतृत्व के लिए डोभाल का शुक्रिया अदा किया और साथ ही अमेरिका तथा भारतीय सेनाओं के बीच समन्वय को गहरा करने के तरीकों पर चर्चा की ताकि क्षेत्र के तेजी से बढ़ते विवादित रणनीतिक माहौल से निपटा जा सके. उन्होंने कहा कि दोनों ने अमेरिका और भारतीय कंपनियों के बीच अभिनव संयुक्त प्रयासों के माध्यम से द्विपक्षीय रक्षा औद्योगिक सहयोग बढ़ाने के अवसरों पर भी चर्चा की जो भारत की विशिष्ट संचालन की जरूरतों के अनुरूप है.
डोभाल की अमेरिका यात्रा ने दोनों देशों के सहयोग को गति देने का आधार तैयार किया: राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजित के. डोभाल ने अपनी यात्रा के दौरान हुई चर्चाओं के माध्यम से अत्याधुनिक क्षेत्रों में भारत-अमेरिका सहयोग को गति देने का आधार तैयार किया जो कि वास्तव में एक व्यापक व वैश्विक रणनीतिक साझेदारी की परिपक्वता का परिचायक है। यहां भारतीय दूतावास ने एक बयान में यह जानकारी दी. बैठक के 'रीडआउट' (जानकारी) के अनुसार, हिक्स और डोभाल ने कहा कि वे अमेरिका-भारत रक्षा साझेदारी को आगे बढ़ाने की दिशा में काम करने के लिए तत्पर हैं.
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बयान में भारतीय दूतावास ने कहा कि इस यात्रा के दौरान हुईं चर्चाएं अत्याधुनिक क्षेत्रों में भारत-अमेरिका सहयोग को गहरा करने का आधार स्थापित करती हैं और वास्तव में भारत-अमेरिका व्यापक, वैश्विक रणनीतिक साझेदारी की परिपक्वता को दर्शाती हैं. डोभाल और उनके अमेरिकी समकक्ष जेक सुलिवन ने यहां व्हाइट हाउस में अपने-अपने प्रतिनिधिमंडल के साथ 'इनीशिएटिव फॉर क्रिटिकल एंड इमर्जिंग टेक्नोलॉजी' (आईसीईटी) की पहली उच्च-स्तरीय बैठक की. इसके अलावा डोभाल ने कई शीर्ष अधिकारियों से भी मुलाकात की.
डोभाल ने 30 जनवरी से एक फरवरी तक की यात्रा के दौरान, आपसी हित के द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर सरकार, कांग्रेस, उद्योग, अकादमिक, अनुसंधान से संबद्ध अमेरिकी नीति निर्माताओं और हितधारकों के साथ बैठकें कीं. सुलिवन के अलावा डोभाल ने अमेरिका के ज्वाइंट चीफ ऑफ स्टाफ के अध्यक्ष जनरल मार्क मिली, अमेरिका की उप रक्षा मंत्री डॉ. कैथलीन हिक्स, शीर्ष सासदों और उद्योग जगत के कई दिग्गजों से मुलाकात की. उनकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन से भी मिलने की योजना है. दूतावास ने कहा कि आईसीईटी का मकसद प्रौद्योगिकी श्रृंखलाओं का निर्माण करके और वस्तुओं के सह-विकास तथा सह-उत्पादन का समर्थन करके दोनों देशों के बीच विश्वसनीय प्रौद्योगिकी भागीदारी स्थापित करना है.
इसका मकसद स्थायी तंत्र के माध्यम से विनियामक प्रतिबंधों, निर्यात नियंत्रण और बाधाओं को दूर करना भी है. बैठक के दौरान, अमेरिकी पक्ष ने विधायी परिवर्तनों के प्रयासों सहित कुछ महत्वपूर्ण क्षेत्रों में भारत के लिए निर्यात बाधाओं को कम करने का आश्वासन दिया. भारत के प्रतिनिधिमंडल में डोभाल के अलावा अमेरिका में भारत के राजदूत, भारत सरकार के प्रमुख वैज्ञानिक सलाहकार, भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के अध्यक्ष, दूरसंचार विभाग में सचिव, रक्षा मंत्री के वैज्ञानिक सलाहकार, रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) के महानिदेशक शामिल थे. इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय और राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद सचिवालय के वरिष्ठ अधिकारियों ने भी बैठक में हिस्सा लिया.
अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल में नेशनल एयरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (नासा) के प्रशासक, नेशनल साइंस फाउंडेशन के निदेशक, नेशनल स्पेस काउंसिल के कार्यकारी सचिव और विदेश मंत्रालय, वाणिज्य मंत्रालय, रक्षा मंत्रालय और राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए. दूतावास ने बताया कि बैठक में भारत के अर्द्धचालक (सेमीकंडक्टर) अभियान के लिए इंडिया इलेक्ट्रॉनिक्स सेमीकंडक्टर एसोसिएशन (आईईएसए) और यूएस सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री एसोसिएशन (एसआईए) को शामिल करते हुए एक कार्यबल गठित करने पर सहमति बनी, ताकि निकट भविष्य के अवसरों की पहचान करने और अर्द्धचालक पारिस्थितिकी के दीर्घकालिक विकास की सुविधा के लिए तैयारी हो सके.
रक्षा विनिर्माण के क्षेत्र में दोनों पक्ष पारस्परिक हित की प्रमुख वस्तुओं के संयुक्त उत्पादन पर ध्यान केंद्रित करने पर सहमत हुए. साथ ही अगली पीढ़ी के दूरसंचार में, भारत की लागत-प्रतिस्पर्धात्मकता को देखते हुए दोनों पक्ष विश्वसनीय स्रोतों का उपयोग करते हुए एक सार्वजनिक-निजी संवाद शुरू करने पर सहमत हुए, जिसमें 5जी/6जी और ओआरएएन को भी शामिल किया जाएगा.
अमेरिका की उप रक्षा मंत्री डॉ. कैथलीन हिक्स ने एनएसए अजीत डोभाल से की मुलाकात : अमेरिका की उप रक्षा मंत्री डॉ. कैथलीन हिक्स ने यहां राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल से मुलाकात कर अमेरिका-भारत द्विपक्षीय रक्षा साझेदारी पर चर्चा की. अमेरिका के रक्षा मंत्रालय के मुख्यालय पेंटागन ने यह जानकारी दी. पेंटागन के अनुसार, हिंद-प्रशांत क्षेत्र में नीतियों व उनके संचालन में समन्वय को गहरा करने और दोनों देशों के बीच रक्षा औद्योगिक सहयोग बढ़ाने पर भी चर्चा हुई.
भारतीय दूतावास ने मंगलवार को ट्वीट किया कि दोनों ने अमेरिका-भारत रक्षा सहयोग और क्षेत्रीय सुरक्षा सहित कई मुद्दों पर चर्चा की. पेंटागन के प्रवक्ता एरिक पाहोन ने बैठक के बाद एक बयान में बताया कि हिक्स ने दोहराया कि गठबंधन बनाना तथा साझेदारी करना मंत्रालय की पहली प्राथमिकता है और अमेरिकी राष्ट्रीय रक्षा रणनीति का अभिन्न अंग भी है. पाहोन ने बताया कि उन्होंने (हिक्स ने) क्षेत्र में भारत के नेतृत्व के लिए डोभाल का शुक्रिया अदा किया. साथ ही अमेरिका तथा भारतीय सेनाओं के बीच समन्वय को गहरा करने के तरीकों पर चर्चा की ताकि क्षेत्र के तेजी से बढ़ते विवादित रणनीतिक माहौल से निपटा जा सके.
उन्होंने कहा कि दोनों ने अमेरिका और भारतीय कंपनियों के बीच अभिनव संयुक्त प्रयासों के माध्यम से द्विपक्षीय रक्षा औद्योगिक सहयोग बढ़ाने के अवसरों पर भी चर्चा की जो भारत की विशिष्ट संचालन की जरूरतों के अनुरूप है. बैठक के 'रीडआउट' (जानकारी) के अनुसार, हिक्स और डोभाल ने कहा कि वे अमेरिका-भारत रक्षा साझेदारी को आगे बढ़ाने की दिशा में काम करने के लिए तत्पर हैं.
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(इनपुट: पीटीआई-भाषा)