ETV Bharat / bharat

अमेरिकी डॉक्टर्स ने पहली बार मानव में लगाया सुअर का दिल

अमेरिका के चिकित्सकों ने इतिहास रचते हुए दुनिया में पहली बार मनुष्य में सुअर के हृदय का प्रत्यारोपण किया ( pig hearts into humans) है. ‘यूनिवर्सिटी ऑफ मैरीलैंड मेडिकल सेंटर’ (University of Maryland Medical Center) के चिकित्सकों ने कहा कि यह प्रत्यारोपण दर्शाता है कि आनुवंशिक बदलाव के साथ जानवर का हृदय तत्काल अस्वीकृति के लक्षण दिखाए बिना मानव शरीर में कार्य कर सकता है.

अमेरिकी डॉक्टर्स ने पहली बार मानव में लगाया सुअर का दिल
अमेरिकी डॉक्टर्स ने पहली बार मानव में लगाया सुअर का दिल
author img

By

Published : Jan 11, 2022, 1:02 PM IST

Updated : Jan 11, 2022, 1:40 PM IST

बाल्टीमोर : मरीज का जीवन बचाने के आखिरी प्रयास के तहत अमेरिकी चिकित्सकों ने उसमें एक सुअर के हृदय का प्रत्यारोपण किया (american doctors transplanted pig hearts into humans), जो चिकित्सा जगत में पहली बार किया गया प्रयोग है.

मैरीलैंड के एक अस्पताल ने सोमवार को बताया कि अत्यधिक प्रयोगात्मक इस ऑपरेशन के तीन दिन बाद भी मरीज की तबीयत ठीक है.हालांकि ऑपरेशन की सफलता के बारे में अभी कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी, लेकिन जीवन रक्षक प्रत्यारोपण में किसी जानवर के अंगों का इस्तेमाल करने को लेकर जारी दशकों पुराने अनुसंधान की दिशा में यह एक कदम है.

'यूनिवर्सिटी ऑफ मैरीलैंड मेडिकल सेंटर' (University of Maryland Medical Center) के चिकित्सकों ने कहा कि यह प्रत्यारोपण दर्शाता है कि आनुवंशिक बदलाव के साथ जानवर का हृदय तत्काल अस्वीकृति के लक्षण दिखाए बिना मानव शरीर में कार्य कर सकता है.

मरीज डेविड बेनेट (57) के बेटे ने ‘द एसोसिएटेड प्रेस’ (एपी) को बताया कि डेविड को पता था कि इस प्रयोग के सफल होने की कोई गारंटी नहीं थी, लेकिन वह मरणासन्न अवस्था में थे, वह मनुष्य के हृदय के प्रत्यारोपण के योग्य नहीं थे और उनके पास कोई और विकल्प नहीं था.

‘यूनिवर्सिटी ऑफ मैरीलैंड मेडिकल सेंटर’ द्वारा मुहैया कराए गए एक बयान के अनुसार ऑपरेशन से एक दिन पहले बेनेट ने कहा, यहप्रत्यारोपण मेरे लिए करो या मरो की स्थिति थी. मैं जीना चाहता हूं. मैं जानता हूं कि यह अंधेरे में तीर चलाने के समान है, लेकिन मेरे पास यही अंतिम विकल्प है.

बेनेट सोमवार को स्वयं सांस ले पा रहे थे, लेकिन वह अब भी हृदय और फेफड़ों संबंधी मशीनों की मदद ले रहे हैं. उनके स्वास्थ्य के लिहाज से आगामी कुछ दिन अहम होंगे. मैरीलैंड यूनीवर्सिटी के पशुओं-से-मानवों में प्रत्यारोपण कार्यक्रम के वैज्ञानिक निदेशक डॉ. मोहम्मद मोहिउद्दीन ने कहा, अगर यह ऑपरेशन सफल रहता है, तो पीड़ित मरीजों के लिए इन अंगों की अंतहीन आपूर्ति होगी.

पढ़ें : DDMA revised guidelines : दिल्ली में प्राइवेट ऑफिस, बार और रेस्टोरेंट बंद

इससे पहले इस प्रकार के प्रत्यारोपण की कोशिशें नाकाम रही हैं और इनका मुख्य कारण यह रहा कि इंसानी शरीरों ने जानवरों के अंगों को स्वीकार करने से इनकार कर दिया.

बाल्टीमोर : मरीज का जीवन बचाने के आखिरी प्रयास के तहत अमेरिकी चिकित्सकों ने उसमें एक सुअर के हृदय का प्रत्यारोपण किया (american doctors transplanted pig hearts into humans), जो चिकित्सा जगत में पहली बार किया गया प्रयोग है.

मैरीलैंड के एक अस्पताल ने सोमवार को बताया कि अत्यधिक प्रयोगात्मक इस ऑपरेशन के तीन दिन बाद भी मरीज की तबीयत ठीक है.हालांकि ऑपरेशन की सफलता के बारे में अभी कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी, लेकिन जीवन रक्षक प्रत्यारोपण में किसी जानवर के अंगों का इस्तेमाल करने को लेकर जारी दशकों पुराने अनुसंधान की दिशा में यह एक कदम है.

'यूनिवर्सिटी ऑफ मैरीलैंड मेडिकल सेंटर' (University of Maryland Medical Center) के चिकित्सकों ने कहा कि यह प्रत्यारोपण दर्शाता है कि आनुवंशिक बदलाव के साथ जानवर का हृदय तत्काल अस्वीकृति के लक्षण दिखाए बिना मानव शरीर में कार्य कर सकता है.

मरीज डेविड बेनेट (57) के बेटे ने ‘द एसोसिएटेड प्रेस’ (एपी) को बताया कि डेविड को पता था कि इस प्रयोग के सफल होने की कोई गारंटी नहीं थी, लेकिन वह मरणासन्न अवस्था में थे, वह मनुष्य के हृदय के प्रत्यारोपण के योग्य नहीं थे और उनके पास कोई और विकल्प नहीं था.

‘यूनिवर्सिटी ऑफ मैरीलैंड मेडिकल सेंटर’ द्वारा मुहैया कराए गए एक बयान के अनुसार ऑपरेशन से एक दिन पहले बेनेट ने कहा, यहप्रत्यारोपण मेरे लिए करो या मरो की स्थिति थी. मैं जीना चाहता हूं. मैं जानता हूं कि यह अंधेरे में तीर चलाने के समान है, लेकिन मेरे पास यही अंतिम विकल्प है.

बेनेट सोमवार को स्वयं सांस ले पा रहे थे, लेकिन वह अब भी हृदय और फेफड़ों संबंधी मशीनों की मदद ले रहे हैं. उनके स्वास्थ्य के लिहाज से आगामी कुछ दिन अहम होंगे. मैरीलैंड यूनीवर्सिटी के पशुओं-से-मानवों में प्रत्यारोपण कार्यक्रम के वैज्ञानिक निदेशक डॉ. मोहम्मद मोहिउद्दीन ने कहा, अगर यह ऑपरेशन सफल रहता है, तो पीड़ित मरीजों के लिए इन अंगों की अंतहीन आपूर्ति होगी.

पढ़ें : DDMA revised guidelines : दिल्ली में प्राइवेट ऑफिस, बार और रेस्टोरेंट बंद

इससे पहले इस प्रकार के प्रत्यारोपण की कोशिशें नाकाम रही हैं और इनका मुख्य कारण यह रहा कि इंसानी शरीरों ने जानवरों के अंगों को स्वीकार करने से इनकार कर दिया.

Last Updated : Jan 11, 2022, 1:40 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.