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Caste Census in Bihar: जातिगत जनगणना के खिलाफ SC में याचिका, आज सुनवाई - सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़

बिहार में जातीय जनगणना को लेकर सुप्रीम कोर्ट में तत्काल सुनवाई होने जा रही है. अब कयास लगाए जा रहे हैं कि क्या सर्वोच्च अदालत बिहार में चल रही जातीय जनगणना पर रोक लगाएगा या फिर पिछली बार की तरह इसे सुनवाई के बाद खारिज कर देगा. पूरे देश की निगाहें इसपर लगी हुई हैं. पढे़ं पूरी खबर-

Caste Census in Bihar
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Published : Apr 28, 2023, 9:08 AM IST

पटना/दिल्ली: बिहार में जाति आधारित जनगणना को लेकर दायर की गई नई याचिका के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट सुनवाई को तैयार है. आज इस केस में सर्वोच्च अदालत अर्जेंट सुनवाई करेगी. याचिका के जरिए याचिकाकर्ता ने कोर्ट को बताया कि बिहार में जाति आधारित गणना 15 अप्रैल से शुरू है जो कि 15 मई तक चलेगी. इस मामले पर कोर्ट ने याचिकाकर्ता की दलील सुनकर तत्काल सुनवाई को तैयार हो गया था. 21 अप्रैल को हुई सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने तब आज का दिन सुनवाई के लिए मुकर्र किया है.

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बिहार में जातीय जनगणना पर अर्जेंट सुनवाई आज: सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस नरसिम्हा की पीठ इस मामले में आज अर्जेंट सुनवाई करेगी. बता दें कि बिहार में 215 जातियों का कोड निर्धारित कर दो चरणों में जातीय जनगणना का काम पूरा किया जा रहा है. इससे पहले एक और याचिका सुप्रीम कोर्ट में डाली गई थी जिसे 20 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट ने याचिका पर ही विचार करने से इंकार कर दिया था और याचिका को खारिज करते हुए उसे मेरिट पर नहीं माना था. हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता को ये सहूलियत दी थी कि वो इसे लेकर हाईकोर्ट जा सकता है.

क्या सुप्रीम कोर्ट लगाएगा रोक? : जातीय जनगणना को लेकर कोर्ट में याचिकाकर्ता ने दलील दी थी कि स्टेट के द्वारा जनगणना का कार्य करना संविधान के मूल ढांचे के खिलाफ है. क्योंकि जातीय जनगणना कराने का अधिकार सिर्फ केंद्र को है. हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने इन याचिकाओं को तब खारिज कर दिया था. लेकिन तत्काल सुनवाई से चर्चा होने लगी है कि क्या बिहार में जातीय जनगणना पर रोक लगेगी. गौरतलब है कि 500 करोड़ रुपए खर्च करके बिहार में जातीय जनगणना का काम चल रहा है. इस फैसले पर अब पूरे देश की नजर है.

पटना/दिल्ली: बिहार में जाति आधारित जनगणना को लेकर दायर की गई नई याचिका के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट सुनवाई को तैयार है. आज इस केस में सर्वोच्च अदालत अर्जेंट सुनवाई करेगी. याचिका के जरिए याचिकाकर्ता ने कोर्ट को बताया कि बिहार में जाति आधारित गणना 15 अप्रैल से शुरू है जो कि 15 मई तक चलेगी. इस मामले पर कोर्ट ने याचिकाकर्ता की दलील सुनकर तत्काल सुनवाई को तैयार हो गया था. 21 अप्रैल को हुई सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने तब आज का दिन सुनवाई के लिए मुकर्र किया है.

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बिहार में जातीय जनगणना पर अर्जेंट सुनवाई आज: सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस नरसिम्हा की पीठ इस मामले में आज अर्जेंट सुनवाई करेगी. बता दें कि बिहार में 215 जातियों का कोड निर्धारित कर दो चरणों में जातीय जनगणना का काम पूरा किया जा रहा है. इससे पहले एक और याचिका सुप्रीम कोर्ट में डाली गई थी जिसे 20 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट ने याचिका पर ही विचार करने से इंकार कर दिया था और याचिका को खारिज करते हुए उसे मेरिट पर नहीं माना था. हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता को ये सहूलियत दी थी कि वो इसे लेकर हाईकोर्ट जा सकता है.

क्या सुप्रीम कोर्ट लगाएगा रोक? : जातीय जनगणना को लेकर कोर्ट में याचिकाकर्ता ने दलील दी थी कि स्टेट के द्वारा जनगणना का कार्य करना संविधान के मूल ढांचे के खिलाफ है. क्योंकि जातीय जनगणना कराने का अधिकार सिर्फ केंद्र को है. हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने इन याचिकाओं को तब खारिज कर दिया था. लेकिन तत्काल सुनवाई से चर्चा होने लगी है कि क्या बिहार में जातीय जनगणना पर रोक लगेगी. गौरतलब है कि 500 करोड़ रुपए खर्च करके बिहार में जातीय जनगणना का काम चल रहा है. इस फैसले पर अब पूरे देश की नजर है.

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