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दिलीप कुमार के नाम पर रखा जाएगा उर्दू सांस्कृतिक केंद्र का नाम

महाराष्ट्र के अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री नवाब मलिक ने बुधवार को कहा कि राज्य के नांदेड़ में सांस्कृतिक केंद्र 'उर्दू घर' का नाम दिवंगत महान अभिनेता दिलीप कुमार के नाम पर रखा जाएगा. पीडब्ल्यूडी मंत्री अशोक चव्हाण ने मलिक और अन्य नेताओं की मौजूदगी में बुधवार को उर्दू घर का उद्घाटन किया.

नांदेड़
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Published : Jul 14, 2021, 10:59 PM IST

औरंगाबाद/नांदेड़ : महाराष्ट्र के अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री नवाब मलिक ने कहा, 'दिलीप कुमार न केवल एक कलाकार थे, बल्कि उन्हें कई भाषाएं भी आती थीं. उन्होंने उर्दू माध्यम से अपनी शिक्षा हासिल की थी. इसलिए, सरकार इस उर्दू घर का नाम दिवंगत अभिनेता के नाम पर रखने का फैसला करेगी.'

मंत्री ने कहा, 'मैं जहां भी जाता हूं, लोग मुझसे पूछते हैं कि उर्दू अकादमी कब अस्तित्व में आएगी. चूंकि राज्य की सरकार में तीन दल शामिल हैं, हम तब तक कुछ नहीं कर सकते जब तक कि सर्वसम्मति से निर्णय नहीं लिया जाता. जब कभी भविष्य में कोई उर्दू अकादमी अस्तित्व में आती है तो हम यह सुनिश्चित करेंगे कि उर्दू के विद्वान इस परियोजना में शामिल हों.'

राज्य में अल्पसंख्यकों के लिए अधिक बजटीय आवंटन की आवश्यकता व्यक्त करते हुए, चव्हाण ने कहा, 'अल्पसंख्यक विभाग का बजट लगभग 350 करोड़ रुपये है, जो कम है. आवंटन को बढ़ाकर 1,000 करोड़ रुपये किया जाना चाहिए और मैं इस मुद्दे को मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के समक्ष उठाऊंगा. नांदेड़ में इंजीनियरिंग और चिकित्सा की शिक्षा प्राप्त करने वाले अल्पसंख्यक छात्रों के लिए छात्रावास की आवश्यकता है.'

औरंगाबाद/नांदेड़ : महाराष्ट्र के अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री नवाब मलिक ने कहा, 'दिलीप कुमार न केवल एक कलाकार थे, बल्कि उन्हें कई भाषाएं भी आती थीं. उन्होंने उर्दू माध्यम से अपनी शिक्षा हासिल की थी. इसलिए, सरकार इस उर्दू घर का नाम दिवंगत अभिनेता के नाम पर रखने का फैसला करेगी.'

मंत्री ने कहा, 'मैं जहां भी जाता हूं, लोग मुझसे पूछते हैं कि उर्दू अकादमी कब अस्तित्व में आएगी. चूंकि राज्य की सरकार में तीन दल शामिल हैं, हम तब तक कुछ नहीं कर सकते जब तक कि सर्वसम्मति से निर्णय नहीं लिया जाता. जब कभी भविष्य में कोई उर्दू अकादमी अस्तित्व में आती है तो हम यह सुनिश्चित करेंगे कि उर्दू के विद्वान इस परियोजना में शामिल हों.'

राज्य में अल्पसंख्यकों के लिए अधिक बजटीय आवंटन की आवश्यकता व्यक्त करते हुए, चव्हाण ने कहा, 'अल्पसंख्यक विभाग का बजट लगभग 350 करोड़ रुपये है, जो कम है. आवंटन को बढ़ाकर 1,000 करोड़ रुपये किया जाना चाहिए और मैं इस मुद्दे को मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के समक्ष उठाऊंगा. नांदेड़ में इंजीनियरिंग और चिकित्सा की शिक्षा प्राप्त करने वाले अल्पसंख्यक छात्रों के लिए छात्रावास की आवश्यकता है.'

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