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विधानसभा अध्यक्ष पद खाली रहने के मुद्दे पर महाराष्ट्र विधानसभा में हंगामा

महाराष्ट्र विधानसभा में अध्यक्ष पद खाली रहने पर विधानसभा में हंगामा देखने को मिला, जिसके बाद सदन को कुछ देर के लिए स्थगित कर दिया गया.

महाराष्ट्र विधानसभा में अध्यक्ष पद खाली
महाराष्ट्र विधानसभा में अध्यक्ष पद खाली
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Published : Mar 4, 2021, 5:01 PM IST

मुंबई : विधानसभा अध्यक्ष का पद रिक्त रहने के मुद्दे पर बृहस्पतिवार को महाराष्ट्र विधानसभा में हंगामा हुआ, जिसके बाद कुछ समय के लिए सदन को स्थगित कर दिया गया.

कांग्रेस के नाना पटोले के चार फरवरी को विधानसभा अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने के बाद से यह पद खाली है. इस्तीफे के बाद उन्होंने कांग्रेस के प्रदेश इकाई के प्रमुख का कार्यभार संभाला.

सदन में भाजपा नेता सुधीर मुनगंटीवार ने मांग की कि पीठासीन अध्यक्ष जल्द से जल्द विधानसभा अध्यक्ष के चुनाव कार्यक्रम की घोषणा करें, क्योंकि पहले से ही 30 दिनों की देरी हो चुकी है, जो संविधान का उपहास है. उन्होंने कहा कि मामले में मुख्यमंत्री के निर्णय की कोई आवश्यकता नहीं है.

राज्य के पूर्व मंत्री ने कहा कि इससे पहले यह पद सिर्फ एक से सात दिन तक ही खाली रहा था. उन्होंने कहा, क्या आप इतिहास बनाना चाहते हैं और गिनीज बुक के विश्व रिकॉर्ड में नाम दर्ज कराना चाहते हैं?'

मुनगंटीवार ने अपने बयान के समर्थन में कहा कि इंदिरा गांधी ने किसी संवैधानिक तंत्र के मौजूद नहीं रहने के आधार पर 17 फरवरी 1980 को शरद पवार के नेतृत्व वाली महाराष्ट्र सरकार को बर्खास्त कर दिया था.

पढ़ें- HC ने कोरोना टीका बनाने वाले दोनों संस्थानों से मांगी विनिर्माण क्षमता की जानकारी

भाजपा नेता ने कहा, (विधानसभा अध्यक्ष पद के लिए) चुनाव कार्यक्रम की जल्द से जल्द घोषणा की जाए अन्यथा राष्ट्रपति शासन लगाया जायेगा.

इसके बाद पटोले ने भाजपा और मुनगंटीवार पर हमला बोलते हुए कहा, जो राम मंदिर निर्माण के लिए दान नहीं दे रहे हैं उन्हें धमकाया जा रहा है. उन्होंने सवाल किया कि भाजपा आखिर धन क्यों एकत्र कर रही है.

विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस ने इस पर आपत्ति जतायी. राज्य सरकार को अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के लिए दान के मुद्दे पर अलग से बहस कराने की चुनौती दी.

हंगामे के बीच विधानसभा उपाध्यक्ष नरहरि झिरवाल ने सदन को 10 मिनट के लिए स्थगित कर दिया.

मुंबई : विधानसभा अध्यक्ष का पद रिक्त रहने के मुद्दे पर बृहस्पतिवार को महाराष्ट्र विधानसभा में हंगामा हुआ, जिसके बाद कुछ समय के लिए सदन को स्थगित कर दिया गया.

कांग्रेस के नाना पटोले के चार फरवरी को विधानसभा अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने के बाद से यह पद खाली है. इस्तीफे के बाद उन्होंने कांग्रेस के प्रदेश इकाई के प्रमुख का कार्यभार संभाला.

सदन में भाजपा नेता सुधीर मुनगंटीवार ने मांग की कि पीठासीन अध्यक्ष जल्द से जल्द विधानसभा अध्यक्ष के चुनाव कार्यक्रम की घोषणा करें, क्योंकि पहले से ही 30 दिनों की देरी हो चुकी है, जो संविधान का उपहास है. उन्होंने कहा कि मामले में मुख्यमंत्री के निर्णय की कोई आवश्यकता नहीं है.

राज्य के पूर्व मंत्री ने कहा कि इससे पहले यह पद सिर्फ एक से सात दिन तक ही खाली रहा था. उन्होंने कहा, क्या आप इतिहास बनाना चाहते हैं और गिनीज बुक के विश्व रिकॉर्ड में नाम दर्ज कराना चाहते हैं?'

मुनगंटीवार ने अपने बयान के समर्थन में कहा कि इंदिरा गांधी ने किसी संवैधानिक तंत्र के मौजूद नहीं रहने के आधार पर 17 फरवरी 1980 को शरद पवार के नेतृत्व वाली महाराष्ट्र सरकार को बर्खास्त कर दिया था.

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भाजपा नेता ने कहा, (विधानसभा अध्यक्ष पद के लिए) चुनाव कार्यक्रम की जल्द से जल्द घोषणा की जाए अन्यथा राष्ट्रपति शासन लगाया जायेगा.

इसके बाद पटोले ने भाजपा और मुनगंटीवार पर हमला बोलते हुए कहा, जो राम मंदिर निर्माण के लिए दान नहीं दे रहे हैं उन्हें धमकाया जा रहा है. उन्होंने सवाल किया कि भाजपा आखिर धन क्यों एकत्र कर रही है.

विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस ने इस पर आपत्ति जतायी. राज्य सरकार को अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के लिए दान के मुद्दे पर अलग से बहस कराने की चुनौती दी.

हंगामे के बीच विधानसभा उपाध्यक्ष नरहरि झिरवाल ने सदन को 10 मिनट के लिए स्थगित कर दिया.

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