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Upendra Kushwaha Vs Nitish: कुशवाहा बोले- 'मैं अपनी मर्जी से JDU में आया..नीतीश जी कसम खाएं..' मुख्यमंत्री ने दिया जवाब

2009 में सीएम नीतीश कुमार ने मुझसे आग्रह किया था और पार्टी में बुलाया था. अब कहते हैं कि अपने मन से आए गए. मैं अकेला नहीं हूं जो पार्टी में आया और गया. राष्ट्रीय अध्यक्ष भी पार्टी में आए गए लेकिन उनके बारे में कुछ नहीं कहते हैं. उपेंद्र कुशवाहा ने पटना में पीसी के दौरान सीएम नीतीश कुमार पर करारा हमला किया है. मुख्यमंत्री ने भी इसपर पलटवार किया.

Upendra Kushwaha Etv Bharat
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Published : Jan 27, 2023, 5:41 PM IST

उपेंद्र कुशवाहा.

पटना: सीएम नीतीश कुमार और जेडीयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा के बीच कोल्ड वॉर जारी है. दोनों एक दूसरे के बयानों पर पलटवार करने के लिए हमेशा तैयार दिख रहे हैं. सीएम नीतीश कुमार ने अपने एक बयान में कहा था कि जितना जल्दी हो पार्टी से चले जाएं. इसके बाद से तो उपेंद्र कुशवाहा ने सीएम नीतीश कुमार पर शब्दों के तीर चलाने शुरू कर दिए हैं. पटना में उपेंद्र कुशवाहा ने प्रेस कांफ्रेंस कर सीएम कुमार पर एक बार फिर से हमला किया है.

पढ़ें- CM Nitish On Upendra Kushwaha: 'जितना जल्दी जाना हो.. चले जाएं'- उपेंद्र कुशवाहा को CM नीतीश की सलाह

'सीएम नीतीश कुमार ने जदयू में वापस बुलाया था' : उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि सीएम नीतीश कुमार मुझे कहते हैं कि पार्टी में कितने बार आए गए. लेकिन मैं अकेला नहीं हूं जो पार्टी में अकला आया और गया. राष्ट्रीय अध्यक्ष भी पार्टी में आए गए लेकिन उनके बारे में कुछ नहीं कहते हैं. पार्टी में दो बार हम आए लेकिन तीन बार कहते हैं, यह सुनकर हंसी आती है.

"मेरे मन में कई तरह की बातें चल रही हैं. मुख्यमंत्री भी उसमें शामिल हो गए हैं. मुख्यमंत्री से जानना चाहता हूं दिल्ली एम्स में जब भर्ती था तो बीजेपी के कुछ नेता मिले थे. मुख्यमंत्री ने ही मीडिया में जाकर बयान देकर शुरुआत की थी. मैंने राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक बुलाने की मांग की है. बैठक बुलाएंगे तब तो हम अपनी बात करेंगे. नीतीश कुमार ने मेरे बारे में कहा कि 3 बार आए गए तो मैं इकलौता नहीं हूं राष्ट्रीय अध्यक्ष भी हैं और भी कई नेता हैं."- उपेंद्र कुशवाहा, अध्यक्ष, जेडीयू संसदीय बोर्ड

' 2009 में कॉल कर वापस बुलाया था': उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि हमने भी पार्टी को अपना खून पसीना देकर सींचा है. आज पार्टी में संघर्ष वाले लोग नहीं है. 31 अक्टूबर 2009 को पटेल जयंती के अवसर में कार्यक्रम हुआ था. मैं सीएम से अलग था. सीएम को भी उस कार्यक्रम में बुलाया गया था. हम दोनों उस कार्यक्रम में पहुंचे थे. सीएम ने सार्वजनिक रूप से भाषण देते हुए कहा था कि उपेंद्र कुशवाहा से आग्रह है कि पार्टी में चले आएं.

'2021 में भी सीएम ने ही फोन किया था': 2021 में जब हम वापस फिर से आए तो 2020 विधानसभा चुनाव के परिणाम आ चुका थे. बिहार विधानसभा के सत्र में तत्कालीन नेता प्रतिपक्ष ने सीएम पर टिप्पणी की थी. भाषण देते हुए तेजस्वी यादव ने कहा था कि सीएम नीतीश जी आपका एक बेटा है. अब वो आपका अपना बेटा है कि नहीं आप ही जानिएगा. सीएम के बारे में जब ऐसी बात कही गई तो मैंने ट्वीट किया था. उसके बाद मैंने नहीं फोन नहीं किया था बल्कि मुझे सीएम नीतीश कुमार ने कॉल किया था.

मुख्यमंत्री ने किया पलटवार : नीतीश कुमार ने कहा कि वो कहीं भी कुछ भी बोल रहे हैं, फ्रेस कांफ्रेस कर रहे हैं, और आप लोग हमसे पूछ रहे हैं. वो हमसे कुछ कहते तब ना. जब पार्टी कमजोर थी तो आएं क्यों. बताईये ना हमको इन सब बातों से कोई लेना देना नहीं है, उसको जो करना है करे. हालांकि सीएम नीतीश ने गुरुवार को ये भी कहा था कि कोई बात है तो उन्हें अपनी बात खुद आकर उनसे कहनी चाहिए थी, यूं इस तरह सोशल मीडिया में आकर, ट्वीट करके बयानबाजी करने की जरूरत नहीं थी. सीएम नीतीश ने साफ संकेत दिया था कि उन्हें पार्टी उन्हें निकालेगी नहीं.. 'उन्हें रहना हो तो रहें या जाना हो तो जाएं..'

"अरे भाई चले गए थे फिर आए , तो पता ही था कि हमलोग की 43 सीट हो गई है, तो फिर क्यों आए. उसका दुख तो है, ये सबको पता है कि हमलोग कम सीटे जीते ये क्यों हुआ, क्योंकि जिनके साथ थे वो एक वोट नहीं दिए और उनको हमारा पूरा वोट मिला".अब वो इधर उधर कुछ भी लिख रहे हैं बोल रहे हैं, तो करें. आप लोग हमसे पूछते हैं. हम क्या बताएं उनको जो करना हैं करें"- नीतीश कुमार, सीएम

उपेंद्र कुशवाहा.

पटना: सीएम नीतीश कुमार और जेडीयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा के बीच कोल्ड वॉर जारी है. दोनों एक दूसरे के बयानों पर पलटवार करने के लिए हमेशा तैयार दिख रहे हैं. सीएम नीतीश कुमार ने अपने एक बयान में कहा था कि जितना जल्दी हो पार्टी से चले जाएं. इसके बाद से तो उपेंद्र कुशवाहा ने सीएम नीतीश कुमार पर शब्दों के तीर चलाने शुरू कर दिए हैं. पटना में उपेंद्र कुशवाहा ने प्रेस कांफ्रेंस कर सीएम कुमार पर एक बार फिर से हमला किया है.

पढ़ें- CM Nitish On Upendra Kushwaha: 'जितना जल्दी जाना हो.. चले जाएं'- उपेंद्र कुशवाहा को CM नीतीश की सलाह

'सीएम नीतीश कुमार ने जदयू में वापस बुलाया था' : उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि सीएम नीतीश कुमार मुझे कहते हैं कि पार्टी में कितने बार आए गए. लेकिन मैं अकेला नहीं हूं जो पार्टी में अकला आया और गया. राष्ट्रीय अध्यक्ष भी पार्टी में आए गए लेकिन उनके बारे में कुछ नहीं कहते हैं. पार्टी में दो बार हम आए लेकिन तीन बार कहते हैं, यह सुनकर हंसी आती है.

"मेरे मन में कई तरह की बातें चल रही हैं. मुख्यमंत्री भी उसमें शामिल हो गए हैं. मुख्यमंत्री से जानना चाहता हूं दिल्ली एम्स में जब भर्ती था तो बीजेपी के कुछ नेता मिले थे. मुख्यमंत्री ने ही मीडिया में जाकर बयान देकर शुरुआत की थी. मैंने राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक बुलाने की मांग की है. बैठक बुलाएंगे तब तो हम अपनी बात करेंगे. नीतीश कुमार ने मेरे बारे में कहा कि 3 बार आए गए तो मैं इकलौता नहीं हूं राष्ट्रीय अध्यक्ष भी हैं और भी कई नेता हैं."- उपेंद्र कुशवाहा, अध्यक्ष, जेडीयू संसदीय बोर्ड

' 2009 में कॉल कर वापस बुलाया था': उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि हमने भी पार्टी को अपना खून पसीना देकर सींचा है. आज पार्टी में संघर्ष वाले लोग नहीं है. 31 अक्टूबर 2009 को पटेल जयंती के अवसर में कार्यक्रम हुआ था. मैं सीएम से अलग था. सीएम को भी उस कार्यक्रम में बुलाया गया था. हम दोनों उस कार्यक्रम में पहुंचे थे. सीएम ने सार्वजनिक रूप से भाषण देते हुए कहा था कि उपेंद्र कुशवाहा से आग्रह है कि पार्टी में चले आएं.

'2021 में भी सीएम ने ही फोन किया था': 2021 में जब हम वापस फिर से आए तो 2020 विधानसभा चुनाव के परिणाम आ चुका थे. बिहार विधानसभा के सत्र में तत्कालीन नेता प्रतिपक्ष ने सीएम पर टिप्पणी की थी. भाषण देते हुए तेजस्वी यादव ने कहा था कि सीएम नीतीश जी आपका एक बेटा है. अब वो आपका अपना बेटा है कि नहीं आप ही जानिएगा. सीएम के बारे में जब ऐसी बात कही गई तो मैंने ट्वीट किया था. उसके बाद मैंने नहीं फोन नहीं किया था बल्कि मुझे सीएम नीतीश कुमार ने कॉल किया था.

मुख्यमंत्री ने किया पलटवार : नीतीश कुमार ने कहा कि वो कहीं भी कुछ भी बोल रहे हैं, फ्रेस कांफ्रेस कर रहे हैं, और आप लोग हमसे पूछ रहे हैं. वो हमसे कुछ कहते तब ना. जब पार्टी कमजोर थी तो आएं क्यों. बताईये ना हमको इन सब बातों से कोई लेना देना नहीं है, उसको जो करना है करे. हालांकि सीएम नीतीश ने गुरुवार को ये भी कहा था कि कोई बात है तो उन्हें अपनी बात खुद आकर उनसे कहनी चाहिए थी, यूं इस तरह सोशल मीडिया में आकर, ट्वीट करके बयानबाजी करने की जरूरत नहीं थी. सीएम नीतीश ने साफ संकेत दिया था कि उन्हें पार्टी उन्हें निकालेगी नहीं.. 'उन्हें रहना हो तो रहें या जाना हो तो जाएं..'

"अरे भाई चले गए थे फिर आए , तो पता ही था कि हमलोग की 43 सीट हो गई है, तो फिर क्यों आए. उसका दुख तो है, ये सबको पता है कि हमलोग कम सीटे जीते ये क्यों हुआ, क्योंकि जिनके साथ थे वो एक वोट नहीं दिए और उनको हमारा पूरा वोट मिला".अब वो इधर उधर कुछ भी लिख रहे हैं बोल रहे हैं, तो करें. आप लोग हमसे पूछते हैं. हम क्या बताएं उनको जो करना हैं करें"- नीतीश कुमार, सीएम

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