नई दिल्ली/पटना: इन दिनों बिहार के कई बड़े नेताओं से अमित शाह मुलाकात कर रहे हैं. कयास लगाए जा रहे हैं कि बीजेपी मिशन 2024 के तहत नेताओं को लामबंद करने में लगी है. इसी बीच उपेंद्र कुशवाहा ने भी अमित शाह से दिल्ली में मुलाकात की है. उपेंद्र कुशवाहा के साथ बीजेपी नेता संजय जायसवाल भी मौजूद रहे. इस मुलाकात के बाद एक बार फिर से बिहार की राजनीति गरमा गई है.
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क्या बीजेपी में शामिल होंगे कुशवाहा? : पिछले दिनों सियासी गलियारों में नीतीश से खटपट के बीच इस बात की चर्चा हो रही थी की क्या उपेंद्र कुशवाहा बीजेपी में शामिल होंगे. लेकिन हर बार उपेन्द्र कुशवाहा इन सवालों को टाल गए. उनसे जब बीजेपी नेताओं से मुलाकात को लेकर सवाल पूछा गया था तो उन्होंने कहा था कि बीजेपी नेताओं से मुलाकात का मतलब यह नहीं है कि मैं उनके (बीजेपी) के साथ जा रहा हूं.
अमित शाह से मिले उपेंद्र कुशवाहा : बीते दिनों सीएम नीतीश कुमार के खिलाफ मोर्चा खोलने वालों में सबसे ऊपर उपेंद्र कुशवाहा का ही नाम रहा है. जब नीतीश के साथ थे, तब भी वो दिल्ली में बीजेपी के कई नेताओं से मुलाकात कर चुके थे. उस दौरान भी बिहार में काफी बयानबाजी हुई थी. सीएम नीतीश को यहां तक कहना पड़ गया था कि उनके जाने से पार्टी को कोई फर्क नहीं पड़ता. जहां जाना है जाए. इस घटनाक्रम के कुछ ही दिनों में उपेंद्र कुशवाहा नीतीश से अलग हो गए और अपनी अलग पार्टी राष्ट्रीय लोक जनता दल बना ली. उसके बाद से उपेंद्र कुशवाहा लगातार सीएम नीतीश कुमार और महागठबंधन सरकार पर हमलावर हैं.
मिशन 2024 की तैयारी! : इसी बीच अब उपेंद्र कुशवाहा, संजय जायसवाल के साथ अमित शाह से मिलने पहुंच गए. कुशवाहा काफी समय से बीजेपी के साथ जाने की कोशिश कर रहे हैं लेकिन बात नहीं बन पा रही है. इसी बीच बीजेपी ने अपनी रणनीति में थोड़ा बदलाव किया है और बिहार के बड़े नेताओं के अपने साथ लाने में लगी है. बीते दिनों बिहार के पूर्व सीएम जीतन राम मांझी ने भी दिल्ली में अमित शाह से मुलाकात की थी. उसके बाद से मांझी के सुर बदले हुए हैं. अब उपेंद्र कुशवाहा की अमित शाह से मुलाकात के बाद बिहार का सियासी पारा एक बार फिर से बढ़ गया है.
बीजेपी का नया गेमप्लान : विपक्षी एकजुटता के लिए सीएम नीतीश प्रयास कर रहे हैं. बीजेपी के खिलाफ विपक्षी दलों के बड़े नेताओं से मुलाकात करके सभी को एक मंच पर लाने की कोशिश की जा रही है.आरजेडी भी नीतीश कुमार के इस प्रयास में साथ है. कयासों के राजनीतिक बाजर में यह चर्चा है कि अगर सीएम नीतीश देश की राजनीति में सक्रिय होते हैं तो बिहार की सत्ता तेजस्वी के हाथों में चली जाएगी. इन सबके बीच बीजेपी, नीतीश और तेजस्वी की कोशिशों पर पानी फेरने के लिए नया गेमप्लान कर चुकी है. सीएम नीतीश को बिहार में ही पूरी तरह से कमजोर करने की तैयारी है.
बीजेपी का कुशवाहा को लेकर क्या है जोड़-घटाव? : दरअसल, आगामी लोकसभा और विधानसभा चुनाव में बीजेपी अतिपछड़ा, दलित और अगड़ी जाति का गठजोड़ कर नीतीश कुमार झटका देना चाहती है. राजनीतिक जानकार की माने तो नीतीश की जेडीयू के बीजेपी से अलग होने के बाद तीन विधानसभा के उपचुनाव हुए. तीनों नतीजों ने साबित कर दिया कि बीजेपी की अति पिछड़ा पर मजबूत पकड़ है. दूसरी तरफ चिराग से भी पार्टी को फायदा हुआ. ऐसे में अब बीजेपी की उपेन्द्र कुशवाहा के सहारे कोयरी वोट बैंट पर नजर है. आपको याद हो कि पिछले चुनाव में भले ही कुशवाहा की पार्टी RLSP अपना खाता तक खोल नहीं पाई थी, लेकिन करीब 35 सीटों पर 5 हजार ज्यादा वोट मिले.