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उप्र: उम्रकैद की सजा काट रहे दो भाइयों को दूसरी बार मिली उम्रकैद की सजा

उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में एक व्यक्ति की हत्या के जुर्म में उम्रकैद की सजा काट रहे दो भाइयों को मृतक के बेटे की हत्या के मामले में दूसरी बार कोर्ट ने उम्रकैद की सजा सुनाई है.

court decision
कोर्ट का फैसला (प्रतीकात्मक फोटो)
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Published : Feb 20, 2022, 3:53 AM IST

मुजफ्फरनगर (उप्र) : उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में वर्ष 2009 में एक व्यक्ति की हत्या के जुर्म में उम्रकैद की सजा काट रहे दो भाइयों को मृतक के बेटे की वर्ष 2008 में की हत्या के मामले में दूसरी बार उम्रकैद की सजा सुनाई गई है. अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश जय सिंह पुंढीर की अदालत ने मुजफ्फरनगर निवासी सुहैल और हसीन नामक भाइयों को वर्ष 2008 में नासिर के बेटे अबाद की हत्या का दोषी ठहराने के बाद सजा का ऐलान किया.

अभियोजन पक्ष के वकील आशीष त्यागी और मनोज ठाकुर ने बताया कि अदालत ने दोनों दोषियों पर 1.12- 1.12 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है. उन्होंने बताया कि दोनों भाइयों को नासिर की वर्ष 2009 में हुई हत्या के मामले में वर्ष 2012 में दोषी ठहराया गया था. अभियोजन पक्ष के वकील ने बताया कि वर्ष 2008 के शुरुआत में अबाद की सुहैल, हसीन, बाबर और उनके पिता शेर अली ने जिले के कोतवाली पुलिस थाने के अंतर्गत सरजू गांव में गोली मारकर हत्या कर दी थी.

ये भी पढ़ें - आपराधिक कार्यवाही को रद्द करने की शक्ति का इस्तेमाल सावधानी से किया जाना चाहिए: सुप्रीम कोर्ट

दोनों भाइयों ने वर्ष 2009 में अबाद के पिता की भी बेटे की हत्या का मुकदमा दर्ज कराने पर हत्या कर दी थी. गौरतलब है कि दोनों दोषियों के पिता शेर अली की सुनवाई के दौरान मौत हो गई थी जबकि बाबर को अदालत ने अपराध के समय किशोर घोषित किया.

(पीटीआई-भाषा)

मुजफ्फरनगर (उप्र) : उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में वर्ष 2009 में एक व्यक्ति की हत्या के जुर्म में उम्रकैद की सजा काट रहे दो भाइयों को मृतक के बेटे की वर्ष 2008 में की हत्या के मामले में दूसरी बार उम्रकैद की सजा सुनाई गई है. अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश जय सिंह पुंढीर की अदालत ने मुजफ्फरनगर निवासी सुहैल और हसीन नामक भाइयों को वर्ष 2008 में नासिर के बेटे अबाद की हत्या का दोषी ठहराने के बाद सजा का ऐलान किया.

अभियोजन पक्ष के वकील आशीष त्यागी और मनोज ठाकुर ने बताया कि अदालत ने दोनों दोषियों पर 1.12- 1.12 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है. उन्होंने बताया कि दोनों भाइयों को नासिर की वर्ष 2009 में हुई हत्या के मामले में वर्ष 2012 में दोषी ठहराया गया था. अभियोजन पक्ष के वकील ने बताया कि वर्ष 2008 के शुरुआत में अबाद की सुहैल, हसीन, बाबर और उनके पिता शेर अली ने जिले के कोतवाली पुलिस थाने के अंतर्गत सरजू गांव में गोली मारकर हत्या कर दी थी.

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दोनों भाइयों ने वर्ष 2009 में अबाद के पिता की भी बेटे की हत्या का मुकदमा दर्ज कराने पर हत्या कर दी थी. गौरतलब है कि दोनों दोषियों के पिता शेर अली की सुनवाई के दौरान मौत हो गई थी जबकि बाबर को अदालत ने अपराध के समय किशोर घोषित किया.

(पीटीआई-भाषा)

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