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एक लाख करोड़ के घाटे में यूपी बिजली विभाग! जानिए कितना है बिल बकाया

उत्तर प्रदेश पाॅवर काॅरपोरेशन का साल दर साल घाटा बढ़ता ही जा रहा है. माना जा रहा है कि लापरवाही के चलते विभाग को घाटा हो रहा है. वर्तमान समय में विभाग का घाटा एक लाख करोड़ रुपये पहुंच गया है.

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Published : Jul 31, 2023, 9:56 PM IST

जानकारी देते उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा

लखनऊ : उत्तर प्रदेश पाॅवर काॅरपोरेशन वर्तमान में एक लाख करोड़ रुपए के घाटे में चल रहा है, जबकि इसमें से अगर सिर्फ बिजली बिल के बकाए की बात करें तो यह घाटा 45 हजार करोड़ रुपए का है. यानी देखा जाए तो पाॅवर काॅरपोरेशन के आधे घाटे में से बिल बकाए का ही घाटा लगभग 50 फीसद है. ऐसे में अब पाॅवर काॅरपोरेशन विशेष तौर पर चेकिंग अभियान चलाकर वसूली में तेजी लाने की तैयारी कर रहा है.

शक्ति भवन (फाइल फोटो)
शक्ति भवन (फाइल फोटो)


उत्तर प्रदेश पाॅवर काॅरपोरेशन अपने घाटे को किसी भी कीमत पर पूरा नहीं कर पा रहा है. बकाया वसूलने के लिए लगातार चेकिंग अभियान चलाने से भी कोई खास कामयाबी नहीं मिल पा रही है. बिजली का बकाया होने के साथ ही महंगी बिजली की खरीद करने के चलते काॅरपोरेशन का घाटा एक लाख करोड़ रुपए से ऊपर पहुंचा है. पाॅवर काॅरपोरेशन की तरफ से उत्तर प्रदेश में बिजली चोरी वाले इलाकों में सघन चेकिंग अभियान भी चलाया गया, लेकिन बकाया वसूलने में बहुत ज्यादा सफलता पाॅवर काॅरपोरेशन को मिल नहीं पाई है. यह जरूर है कि कुछ राजस्व जरूर बढ़ा है. पाॅवर काॅरपोरेशन के अधिकारी बताते हैं कि अब ऐसे स्थान चिन्हित किए गए हैं, जहां पर ज्यादा बिजली चोरी होती है और बिजली का बिल भी काफी संख्या में बकाया है. अब ऐसे इलाकों में सघन चेकिंग अभियान चलाकर वसूली की जाएगी, जिससे पाॅवर काॅरपोरेशन का घाटा पूरा किया जा सके.

उत्तर प्रदेश पाॅवर काॅरपोरेशन (फाइल फोटो)
उत्तर प्रदेश पाॅवर काॅरपोरेशन (फाइल फोटो)

बड़े बकाएदार किए जाएंगे चिन्हित : पाॅवर काॅरपोरेशन के अधिकारी बताते हैं कि 'बड़े बकायेदारों पर काफी ज्यादा बकाया है. इसी से घाटा कम नहीं हो पा रहा है. अब प्रदेश भर में हर उपकेंद्र के अधिकारी को कहा गया है कि वे अपने यहां के बड़े बकायेदारों को चिन्हित कर सबसे पहले उन्हीं से वसूली करें. उनसे जब ज्यादा बकाये की वसूली होगी तो राजस्व लक्ष्य पूरा किया जा सकेगा. काफी हद तक घाटा भी पूरा हो जाएगा. लखनऊ में ही बिजली विभाग का हजारों करोड़ रुपए उपभोक्ताओं पर बकाया है. अब यहां पर भी इसकी वसूली की तैयारी हो गई है.'



क्या कहते हैं उपभोक्ता परिषद अध्यक्ष : उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा का कहना है कि '45 हजार करोड़ का पूरे उत्तर प्रदेश में बकाया है. 19 हजार करोड़ घरेलू का बकाया है. किसानों पर 33 करोड़ रुपए का बकाया है. दुकानदारों पर भी लगभग 37 करोड़ बकाया है. कुल मिलाकर 45 हजार करोड़ का बकाया वसूल पाना पाॅवर काॅरपोरेशन के लिए ऐसे संभव नहीं हो पा रहा है. लिहाजा, बकाया कम करना है तो मुख्यमंत्री की तरफ से घोषित एकमुश्त समाधान योजना को जल्द लागू करना पड़ेगा.'

उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन के चेयरमैन आशीष गोयल का कहना है कि 'उपभोक्ताओं को निर्धारित रोस्टर के मुताबिक, बिजली आपूर्ति की जा रही है. ऐसे में उपभोक्ताओं का भी दायित्व है कि वे अपने बिजली बिल का भुगतान समय पर करें, जिससे पाॅवर काॅरपोरेशन को बिजली आपूर्ति करने में कोई दिक्कत न हो. सघन चेकिंग अभियान चलाकर बकायेदारों से वसूली की जाएगी.'

यह भी पढ़ें : कांवड़ियों पर लाठी चार्ज के बाद हटाए गए IPS प्रभाकर चौधरी की लाइफ फिल्मी कहानी से कम नहीं, पढ़िए किस्से

जानकारी देते उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा

लखनऊ : उत्तर प्रदेश पाॅवर काॅरपोरेशन वर्तमान में एक लाख करोड़ रुपए के घाटे में चल रहा है, जबकि इसमें से अगर सिर्फ बिजली बिल के बकाए की बात करें तो यह घाटा 45 हजार करोड़ रुपए का है. यानी देखा जाए तो पाॅवर काॅरपोरेशन के आधे घाटे में से बिल बकाए का ही घाटा लगभग 50 फीसद है. ऐसे में अब पाॅवर काॅरपोरेशन विशेष तौर पर चेकिंग अभियान चलाकर वसूली में तेजी लाने की तैयारी कर रहा है.

शक्ति भवन (फाइल फोटो)
शक्ति भवन (फाइल फोटो)


उत्तर प्रदेश पाॅवर काॅरपोरेशन अपने घाटे को किसी भी कीमत पर पूरा नहीं कर पा रहा है. बकाया वसूलने के लिए लगातार चेकिंग अभियान चलाने से भी कोई खास कामयाबी नहीं मिल पा रही है. बिजली का बकाया होने के साथ ही महंगी बिजली की खरीद करने के चलते काॅरपोरेशन का घाटा एक लाख करोड़ रुपए से ऊपर पहुंचा है. पाॅवर काॅरपोरेशन की तरफ से उत्तर प्रदेश में बिजली चोरी वाले इलाकों में सघन चेकिंग अभियान भी चलाया गया, लेकिन बकाया वसूलने में बहुत ज्यादा सफलता पाॅवर काॅरपोरेशन को मिल नहीं पाई है. यह जरूर है कि कुछ राजस्व जरूर बढ़ा है. पाॅवर काॅरपोरेशन के अधिकारी बताते हैं कि अब ऐसे स्थान चिन्हित किए गए हैं, जहां पर ज्यादा बिजली चोरी होती है और बिजली का बिल भी काफी संख्या में बकाया है. अब ऐसे इलाकों में सघन चेकिंग अभियान चलाकर वसूली की जाएगी, जिससे पाॅवर काॅरपोरेशन का घाटा पूरा किया जा सके.

उत्तर प्रदेश पाॅवर काॅरपोरेशन (फाइल फोटो)
उत्तर प्रदेश पाॅवर काॅरपोरेशन (फाइल फोटो)

बड़े बकाएदार किए जाएंगे चिन्हित : पाॅवर काॅरपोरेशन के अधिकारी बताते हैं कि 'बड़े बकायेदारों पर काफी ज्यादा बकाया है. इसी से घाटा कम नहीं हो पा रहा है. अब प्रदेश भर में हर उपकेंद्र के अधिकारी को कहा गया है कि वे अपने यहां के बड़े बकायेदारों को चिन्हित कर सबसे पहले उन्हीं से वसूली करें. उनसे जब ज्यादा बकाये की वसूली होगी तो राजस्व लक्ष्य पूरा किया जा सकेगा. काफी हद तक घाटा भी पूरा हो जाएगा. लखनऊ में ही बिजली विभाग का हजारों करोड़ रुपए उपभोक्ताओं पर बकाया है. अब यहां पर भी इसकी वसूली की तैयारी हो गई है.'



क्या कहते हैं उपभोक्ता परिषद अध्यक्ष : उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा का कहना है कि '45 हजार करोड़ का पूरे उत्तर प्रदेश में बकाया है. 19 हजार करोड़ घरेलू का बकाया है. किसानों पर 33 करोड़ रुपए का बकाया है. दुकानदारों पर भी लगभग 37 करोड़ बकाया है. कुल मिलाकर 45 हजार करोड़ का बकाया वसूल पाना पाॅवर काॅरपोरेशन के लिए ऐसे संभव नहीं हो पा रहा है. लिहाजा, बकाया कम करना है तो मुख्यमंत्री की तरफ से घोषित एकमुश्त समाधान योजना को जल्द लागू करना पड़ेगा.'

उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन के चेयरमैन आशीष गोयल का कहना है कि 'उपभोक्ताओं को निर्धारित रोस्टर के मुताबिक, बिजली आपूर्ति की जा रही है. ऐसे में उपभोक्ताओं का भी दायित्व है कि वे अपने बिजली बिल का भुगतान समय पर करें, जिससे पाॅवर काॅरपोरेशन को बिजली आपूर्ति करने में कोई दिक्कत न हो. सघन चेकिंग अभियान चलाकर बकायेदारों से वसूली की जाएगी.'

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