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UP Election 2022 : क्या योगी के गढ़ में चल पाएगी 'साइकिल'? आंकड़े तो कुछ और कह रहे

समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव की विजय रथ यात्रा गोरखपुर पहुंचने के बाद सियासी हलचल तेज हो गई है. अखिलेश के आगमन के बाद जहां सपा यूपी विधानसभा चुनाव 2022 (UP Assembly Election 2022) में वापसी की उम्मीद जता रही है. वहीं, भाजपा ने फिर से सपा का सूपड़ा साफ होने का दावा किया है.

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Published : Nov 14, 2021, 6:11 PM IST

गोरखपुर : समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव दो दिवसीय रथयात्रा पर सवार होकर सीएम योगी के गढ़ में दहाड़ लगाई है. अखिलेश की इस रथयात्रा को लेकर राजनीतिक सरगर्मियां तेज हो गई हैं. समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव की इस रथयात्रा से 2022 के विधानसभा चुनाव में बड़ी सफलता की उम्मीद जता रहे हैं. वहीं, भाजपा का कहना है कि गोरखपुर क्षेत्र में योगी-मोदी में विश्वास करने वाली जनता 2022 के चुनाव में अखिलेश को हवा में उड़ा देगी. आइए जानते हैं कि पिछले विधानसभा चुनावों में गोरखपुर मंडल में समाजवादी पार्टी और भारतीय जनता पार्टी के क्या चुनावी समीकरण थे?


उल्लेखनीय है कि 2012 और 2017 के विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी का गोरखपुर मंडल में सीटों को जीतने का रिकॉर्ड अच्छा नहीं रहा. 2017 तो उसके लिए बेहद खराब रहा. गोरखपुर जिले की 9 विधानसभा सीटों में सपा के हाथ एक भी सीट नहीं आई. सिर्फ देवरिया में भाटपार रानी विधानसभा सीट से आशुतोष उपाध्याय उर्फ बबलू चुनाव जीतने में कामयाब हुए. वहीं, 2012 में जीती हुई गोरखपुर की पिपराइच विधानसभा सीट को भी सपा ने गवां दिया था. 2017 के विधानसभा चुनाव में गोरखपुर की ग्रामीण विधानसभा में बीजेपी से सपा का काफी नजदीकी मुकाबला रहा तो समझौते में गई कांग्रेस के पाले में गोरखपुर सदर सीट पर भी सपा समर्थित प्रत्याशी बीजेपी से 60 हजार वोटों से हार गए. जिले की बांसगांव, खजनी और कैंपियरगंज सीट पर समाजवादी पार्टी तीसरे नंबर पर रही.

विजय रथ यात्रा गोरखपुर पहुंचने के बाद सियासी हलचल तेज हो गई है.

2017 में सपा हुई धराशाई

2017 के चुनाव में देवरिया की 7 विधानसभा सीटों में 6 पर भाजपा ने कब्जा जमाया था. सिर्फ भाटपाररानी की सीट ही सपा के खाते में गई. इस चुनाव में 2012 में जीती 4 सीटों को सपा को हारना पड़ा था. वहीं, बसपा अपना खाता भी नहीं खोल पाई. इसी प्रकार कुशीनगर की 7 विधानसभा सीटों में सातों सीट 2012 में भाजपा जीती. जबकि 2012 के चुनाव में सपा के पास यहां 3 सीट थी. कांग्रेस भी 2 सीटों पर जीतने में कामयाब हुई थी. बसपा और भाजपा तो एक-एक सीट पर ही सिमट गई थी. महराजगंज की बात करें तो 2017 के चुनाव में 5 विधानसभा सीटों में 4 पर बीजेपी जीती जबकि नौतनवा विधानसभा सीट निर्दलीय उम्मीदवार अमनमणि त्रिपाठी जीतने में कामयाब हुए. हालांकि 2012 में समाजवादी पार्टी को जिले से 3 सीटों को जीतने में कामयाबी मिली थी.

ऐसे में देखा जाए तो गोरखपुर मंडल के 4 जिलों में सपा की हालत 2012 में ठीक हुई तो प्रदेश में सरकार बनी. 2017 में सपा धराशाई हुई तो बीजेपी सत्ता में लौट आई. यही वजह है कि जहां बीजेपी अपने इस गढ़ को बचाते हुए सत्ता में वापसी का ख्वाब देख रही है तो अखिलेश यादव की रथयात्रा को मजबूती देते हुए समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ता, पूर्व विधायक चुनाव लड़ने की उम्मीद जता रहे हैं.

बीजेपी को हराने में होंगे कामयाबः सपा
समाजवादी पार्टी के जिला अध्यक्ष नगीना साहनी ने 2022 के चुनाव को लेकर कहा कि इस बार माहौल बदला है. महंगाई और बेरोजगारी से जनता तबाह है. बीजेपी के दावे झूठे साबित हुए हैं. ऐसे में बीजेपी को हराने में सपा कामयाब होगी. मनोज यादव ने कहा कि अखिलेश यादव की रथयात्रा से समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं में नई एनर्जी आएगी. कमजोर पड़ा उत्साह परवान चढ़ेगा, जिससे समाजवादी पार्टी गोरखपुर, कुशीनगर, देवरिया, महाराजगंज जिलों की 28 सीटों में बड़ी जीत हासिल करने में कामयाब होगी.

जनता 2022 के चुनाव में अखिलेश को हवा में उड़ा देगीः भाजपा

भारतीय जनता पार्टी के नेता और योगी आदित्यनाथ के संगठन हिंदू युवा वाहिनी के जिला प्रभारी आनंद शाही ने कहा कि जिस प्रकार रथ यात्रा पर सवार होने के लिए अखिलेश यादव हवा में उड़ते हुए गोरखपुर आये हैं. वैसे ही गोरखपुर क्षेत्र में योगी-मोदी में विश्वास करने वाली जनता 2022 के चुनाव में अखिलेश को हवा में उड़ा देगी. समाजवादी पार्टी का सूपड़ा साफ होगा और बीजेपी सभी सीटों पर कमल खिलाने में कामयाब होगी. उन्होंने कहा कि सपा की सरकार में हुई गुंडई, लूट और भू माफियाओं के आतंक को जनता भूली नहीं हैं. योगी राज में गोरखपुर क्षेत्र में हो रहे विकास से जनता खुश है तो भगवान राम का मंदिर भी मोदी-योगी राज में बन रहा है. उन्होंने कहा कि बीजेपी के कार्यकर्ता अपनी कड़ी मेहनत से सभी सीटों पर कमल खिलाने में कामयाब होंगे.

पढ़ेंः सीएम योगी आदित्यनाथ बोले- 1947 में मोदी जैसा नेतृत्व होता तो आज भारत विश्व की सबसे बड़ी ताकत होता

गोरखपुर : समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव दो दिवसीय रथयात्रा पर सवार होकर सीएम योगी के गढ़ में दहाड़ लगाई है. अखिलेश की इस रथयात्रा को लेकर राजनीतिक सरगर्मियां तेज हो गई हैं. समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव की इस रथयात्रा से 2022 के विधानसभा चुनाव में बड़ी सफलता की उम्मीद जता रहे हैं. वहीं, भाजपा का कहना है कि गोरखपुर क्षेत्र में योगी-मोदी में विश्वास करने वाली जनता 2022 के चुनाव में अखिलेश को हवा में उड़ा देगी. आइए जानते हैं कि पिछले विधानसभा चुनावों में गोरखपुर मंडल में समाजवादी पार्टी और भारतीय जनता पार्टी के क्या चुनावी समीकरण थे?


उल्लेखनीय है कि 2012 और 2017 के विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी का गोरखपुर मंडल में सीटों को जीतने का रिकॉर्ड अच्छा नहीं रहा. 2017 तो उसके लिए बेहद खराब रहा. गोरखपुर जिले की 9 विधानसभा सीटों में सपा के हाथ एक भी सीट नहीं आई. सिर्फ देवरिया में भाटपार रानी विधानसभा सीट से आशुतोष उपाध्याय उर्फ बबलू चुनाव जीतने में कामयाब हुए. वहीं, 2012 में जीती हुई गोरखपुर की पिपराइच विधानसभा सीट को भी सपा ने गवां दिया था. 2017 के विधानसभा चुनाव में गोरखपुर की ग्रामीण विधानसभा में बीजेपी से सपा का काफी नजदीकी मुकाबला रहा तो समझौते में गई कांग्रेस के पाले में गोरखपुर सदर सीट पर भी सपा समर्थित प्रत्याशी बीजेपी से 60 हजार वोटों से हार गए. जिले की बांसगांव, खजनी और कैंपियरगंज सीट पर समाजवादी पार्टी तीसरे नंबर पर रही.

विजय रथ यात्रा गोरखपुर पहुंचने के बाद सियासी हलचल तेज हो गई है.

2017 में सपा हुई धराशाई

2017 के चुनाव में देवरिया की 7 विधानसभा सीटों में 6 पर भाजपा ने कब्जा जमाया था. सिर्फ भाटपाररानी की सीट ही सपा के खाते में गई. इस चुनाव में 2012 में जीती 4 सीटों को सपा को हारना पड़ा था. वहीं, बसपा अपना खाता भी नहीं खोल पाई. इसी प्रकार कुशीनगर की 7 विधानसभा सीटों में सातों सीट 2012 में भाजपा जीती. जबकि 2012 के चुनाव में सपा के पास यहां 3 सीट थी. कांग्रेस भी 2 सीटों पर जीतने में कामयाब हुई थी. बसपा और भाजपा तो एक-एक सीट पर ही सिमट गई थी. महराजगंज की बात करें तो 2017 के चुनाव में 5 विधानसभा सीटों में 4 पर बीजेपी जीती जबकि नौतनवा विधानसभा सीट निर्दलीय उम्मीदवार अमनमणि त्रिपाठी जीतने में कामयाब हुए. हालांकि 2012 में समाजवादी पार्टी को जिले से 3 सीटों को जीतने में कामयाबी मिली थी.

ऐसे में देखा जाए तो गोरखपुर मंडल के 4 जिलों में सपा की हालत 2012 में ठीक हुई तो प्रदेश में सरकार बनी. 2017 में सपा धराशाई हुई तो बीजेपी सत्ता में लौट आई. यही वजह है कि जहां बीजेपी अपने इस गढ़ को बचाते हुए सत्ता में वापसी का ख्वाब देख रही है तो अखिलेश यादव की रथयात्रा को मजबूती देते हुए समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ता, पूर्व विधायक चुनाव लड़ने की उम्मीद जता रहे हैं.

बीजेपी को हराने में होंगे कामयाबः सपा
समाजवादी पार्टी के जिला अध्यक्ष नगीना साहनी ने 2022 के चुनाव को लेकर कहा कि इस बार माहौल बदला है. महंगाई और बेरोजगारी से जनता तबाह है. बीजेपी के दावे झूठे साबित हुए हैं. ऐसे में बीजेपी को हराने में सपा कामयाब होगी. मनोज यादव ने कहा कि अखिलेश यादव की रथयात्रा से समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं में नई एनर्जी आएगी. कमजोर पड़ा उत्साह परवान चढ़ेगा, जिससे समाजवादी पार्टी गोरखपुर, कुशीनगर, देवरिया, महाराजगंज जिलों की 28 सीटों में बड़ी जीत हासिल करने में कामयाब होगी.

जनता 2022 के चुनाव में अखिलेश को हवा में उड़ा देगीः भाजपा

भारतीय जनता पार्टी के नेता और योगी आदित्यनाथ के संगठन हिंदू युवा वाहिनी के जिला प्रभारी आनंद शाही ने कहा कि जिस प्रकार रथ यात्रा पर सवार होने के लिए अखिलेश यादव हवा में उड़ते हुए गोरखपुर आये हैं. वैसे ही गोरखपुर क्षेत्र में योगी-मोदी में विश्वास करने वाली जनता 2022 के चुनाव में अखिलेश को हवा में उड़ा देगी. समाजवादी पार्टी का सूपड़ा साफ होगा और बीजेपी सभी सीटों पर कमल खिलाने में कामयाब होगी. उन्होंने कहा कि सपा की सरकार में हुई गुंडई, लूट और भू माफियाओं के आतंक को जनता भूली नहीं हैं. योगी राज में गोरखपुर क्षेत्र में हो रहे विकास से जनता खुश है तो भगवान राम का मंदिर भी मोदी-योगी राज में बन रहा है. उन्होंने कहा कि बीजेपी के कार्यकर्ता अपनी कड़ी मेहनत से सभी सीटों पर कमल खिलाने में कामयाब होंगे.

पढ़ेंः सीएम योगी आदित्यनाथ बोले- 1947 में मोदी जैसा नेतृत्व होता तो आज भारत विश्व की सबसे बड़ी ताकत होता

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