ETV Bharat / bharat

उत्तराखंड में 'महाराज' ने 35 साल बाद खाया फाणु और बाड़ी, जानिए इसकी खासियत

यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को उत्तराखंड दौरे के दौरान 35 साल बाद फाणु भात और बाड़ी खाई. उन्होंने बताया कि एक बार कुंभ में सतपाल महाराज ने महंत अवैद्यनाथ को फाणु और बाड़ी खिलाया था और अक्सर महंत जी इस खाने की चर्चा करता थे.

yogi adityanath eat phanu and bari
उत्तराखंड में 'महाराज' ने 35 साल बाद खाया फाणू और बाड़ी.
author img

By

Published : May 3, 2022, 8:37 PM IST

यमकेश्वरः यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (UP CM Yogi adityanath) उत्तराखंड दौरे पर हैं. मंगलवार को उत्तराखंड पहुंचे योगी आदित्यनाथ ने पौड़ी के यमकेश्वर ब्लॉक के गोरक्षनाथ राजकीय महाविद्यालय बिथ्याणी (Gorakshanath Government College Bithyani) में आयोजित एक कार्यक्रम में शिरकत की. इस दौरान उन्होंने अपने गुरु ब्रह्मलीन महंत अवैद्यनाथ महाराज की मूर्ति का अनावरण किया. इस दौरान अपने संबोधन में उन्होंने पुराने दिनों को याद किया.

जनता को संबोधित करते हुए उन्होंने बताया कि आज उन्होंने 35 साल बाद फाणु भात और बाड़ी खाई है. उन्होंने कहा कि ये खाकर बहुत अच्छा लगा. क्योंकि अक्सर मैं ये बचपन में खाता था और ये हमारा परंपरागत व्यंजन है. उन्होंने आगे बताया कि सतपाल महाराज महंत अवैद्यनाथ के प्रिय रहे हैं. महाराज जी ने मुझे बताया था कि सतपाल महाराज ने एक बार उन्हें हरिद्वार कुंभ मेले में फाणु और बाड़ी खिलाया था. महाराज जी अक्सर इस बात को कहते थे.

उत्तराखंड में 'महाराज' ने 35 साल बाद खाया फाणु और बाड़ी.
ये भी पढ़ेंः CM योगी ने महंत अवैद्यनाथ की मूर्ति का किया अनावरण, गुरू को याद कर आंखों में आ गए आंसू

सीएम योगी ने सतपाल महाराज की तारीफ करते हुए कहा कि सतपाल महाराज कहीं भी रहे हो, लेकिन धार्मिक और अध्यात्मिक रूप से वह महाराज जी से जुड़े रहे. सीएम योगी ने कहा कि महाराज जी अक्सर सतपाल महाराज के फाणु और बाड़ी का जिक्र किया करते थे और आज मैंने ये बात सतपाल महाराज को भी बताई. साथ ही उन्होंने कहा कि मुझे आज बहुत खुशी हुई कि मैंने आज करीब 35 साल बाद फाणू और बाड़ी खाया है, जिसे मैं बचपन में खाता था. ये हमारी परंपरागत डिश है और इसका बड़ा महत्व है. इसके बाद सीएम योगी अपने पैतृक गांव पंचूर गए और अपनी मां से मिलकर उनका आशीर्वाद लिया.

क्या होता है फाणु? यमकेश्वर में यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ ने उत्तराखंड की जिस फाणु का नाम लिया, उसे गढ़वाल क्षेत्र में सबसे ज्यादा खाया जाता है. इसे तैयार करना थोड़ा मुश्किल है, जिसे कई तरह की दाल को मिलाकर बनाया जाता है. दाल को रातभर भिगोकर इसकी स्मूदी तैयार की जाती है. इसे ज्यादातर चावल के साथ परोसा जाता है. फाणु का स्वाद इतना अनोखा है कि आपने शायद ही ऐसी डिश पहले कभी चखी होगी. इसमें गहथ की दाल को पीसकर गाढ़ा पकाया जाता है. इसमें पानी का खास ख्याल रखा जाता है. यह जितनी गाढ़ी बने उतना बेहतर होता है. जब पीसी हुई गहथ अच्छे से गाढ़ी हो जाए तब उसमें बारीक टमाटर, प्याज, अदरक, लहसन आदि डालकर इसे अच्छी तरह पकाया जाता है.
ये भी पढ़ेंः CM योगी आदित्यनाथ के टीचर और दोस्तों से खास बातचीत

क्या होता है बाड़ी? बाड़ी उत्तराखंड का परंपरागत व्यंजन में से एक है. यह न केवल अपने स्वाद के लिए लोकप्रिय है, बल्कि इसमें कई पोषक तत्व भी पाए जाते हैं. जिस वजह से इसे गढ़वाल क्षेत्र का सबसे अच्छा पारंपरिक भोजन माना जाता है. इसे लोहे की कढ़ाई में बनाया जाता है. इसे बनाने के लिए मंडुवे के आटे में नमक, लाल मिर्च पाउडर मिलाकर हलवे की तरह गाढ़ा पकाया जाता है. उत्तराखंड में लोग इस फाणु के साथ खाते हैं.

यमकेश्वरः यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (UP CM Yogi adityanath) उत्तराखंड दौरे पर हैं. मंगलवार को उत्तराखंड पहुंचे योगी आदित्यनाथ ने पौड़ी के यमकेश्वर ब्लॉक के गोरक्षनाथ राजकीय महाविद्यालय बिथ्याणी (Gorakshanath Government College Bithyani) में आयोजित एक कार्यक्रम में शिरकत की. इस दौरान उन्होंने अपने गुरु ब्रह्मलीन महंत अवैद्यनाथ महाराज की मूर्ति का अनावरण किया. इस दौरान अपने संबोधन में उन्होंने पुराने दिनों को याद किया.

जनता को संबोधित करते हुए उन्होंने बताया कि आज उन्होंने 35 साल बाद फाणु भात और बाड़ी खाई है. उन्होंने कहा कि ये खाकर बहुत अच्छा लगा. क्योंकि अक्सर मैं ये बचपन में खाता था और ये हमारा परंपरागत व्यंजन है. उन्होंने आगे बताया कि सतपाल महाराज महंत अवैद्यनाथ के प्रिय रहे हैं. महाराज जी ने मुझे बताया था कि सतपाल महाराज ने एक बार उन्हें हरिद्वार कुंभ मेले में फाणु और बाड़ी खिलाया था. महाराज जी अक्सर इस बात को कहते थे.

उत्तराखंड में 'महाराज' ने 35 साल बाद खाया फाणु और बाड़ी.
ये भी पढ़ेंः CM योगी ने महंत अवैद्यनाथ की मूर्ति का किया अनावरण, गुरू को याद कर आंखों में आ गए आंसू

सीएम योगी ने सतपाल महाराज की तारीफ करते हुए कहा कि सतपाल महाराज कहीं भी रहे हो, लेकिन धार्मिक और अध्यात्मिक रूप से वह महाराज जी से जुड़े रहे. सीएम योगी ने कहा कि महाराज जी अक्सर सतपाल महाराज के फाणु और बाड़ी का जिक्र किया करते थे और आज मैंने ये बात सतपाल महाराज को भी बताई. साथ ही उन्होंने कहा कि मुझे आज बहुत खुशी हुई कि मैंने आज करीब 35 साल बाद फाणू और बाड़ी खाया है, जिसे मैं बचपन में खाता था. ये हमारी परंपरागत डिश है और इसका बड़ा महत्व है. इसके बाद सीएम योगी अपने पैतृक गांव पंचूर गए और अपनी मां से मिलकर उनका आशीर्वाद लिया.

क्या होता है फाणु? यमकेश्वर में यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ ने उत्तराखंड की जिस फाणु का नाम लिया, उसे गढ़वाल क्षेत्र में सबसे ज्यादा खाया जाता है. इसे तैयार करना थोड़ा मुश्किल है, जिसे कई तरह की दाल को मिलाकर बनाया जाता है. दाल को रातभर भिगोकर इसकी स्मूदी तैयार की जाती है. इसे ज्यादातर चावल के साथ परोसा जाता है. फाणु का स्वाद इतना अनोखा है कि आपने शायद ही ऐसी डिश पहले कभी चखी होगी. इसमें गहथ की दाल को पीसकर गाढ़ा पकाया जाता है. इसमें पानी का खास ख्याल रखा जाता है. यह जितनी गाढ़ी बने उतना बेहतर होता है. जब पीसी हुई गहथ अच्छे से गाढ़ी हो जाए तब उसमें बारीक टमाटर, प्याज, अदरक, लहसन आदि डालकर इसे अच्छी तरह पकाया जाता है.
ये भी पढ़ेंः CM योगी आदित्यनाथ के टीचर और दोस्तों से खास बातचीत

क्या होता है बाड़ी? बाड़ी उत्तराखंड का परंपरागत व्यंजन में से एक है. यह न केवल अपने स्वाद के लिए लोकप्रिय है, बल्कि इसमें कई पोषक तत्व भी पाए जाते हैं. जिस वजह से इसे गढ़वाल क्षेत्र का सबसे अच्छा पारंपरिक भोजन माना जाता है. इसे लोहे की कढ़ाई में बनाया जाता है. इसे बनाने के लिए मंडुवे के आटे में नमक, लाल मिर्च पाउडर मिलाकर हलवे की तरह गाढ़ा पकाया जाता है. उत्तराखंड में लोग इस फाणु के साथ खाते हैं.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.