लखनऊ : उत्तर प्रदेश की योगी सरकार के दूसरे कार्यकाल के पहले बजट में भी कृषि व किसान 'प्रधान' रहे. कृषि प्रधान उत्तर प्रदेश की उन्नति के लिए वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने 2023-24 के बजट में इनका पूरा ध्यान रखा. बजट में इस क्षेत्र पर पिटारा खोल दिया. जयश्री राम से बजट का आगाज करने वाले सुरेश खन्ना ने खेती-किसान, कृषि शिक्षा व अनुसंधान, गन्ना व चीनी उद्योग पर विशेष निगाहें रखीं. कृषकों की आय में अभिवृद्धि के लिए कृषि शिक्षा, शोध व अनुसंधान पर जोर दिया तो महात्मा बुद्ध की परिनिर्वाण स्थली कुशीनगर में महात्मा बुद्ध कृषि व प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए 50 करोड़ रुपये की व्यवस्था भी की.
कृषि क्षेत्र के तहत वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने बताया कि द मिलियन फार्मर्स स्कूल के लिए वर्ष 2023-24 में 17 हजार किसान पाठशालाओं का आयोजन प्रस्तावित है. नेशनल मिशन फॉर सस्टेनेबल एग्रीकल्चर योजना के लिए 631 करोड़ 93 लाख रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है. नेशनल मिशन ऑन नेचुरल फार्मिंग योजना के लिए 113 करोड़ 52 लाख रुपये की व्यवस्था बजट में की गई है. कृषकों के लिए निजी नलकूपों को रियायती दरों पर विद्युत आपूर्ति के लिए 1950 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है. राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के लिए 984 करोड़ 54 लाख रुपये की व्यवस्था की गई है. नेशनल क्रॉप इन्श्योरेन्स योजना के लिए 753 करोड़ 70 लाख रुपये की व्यवस्था की गई है. उप्र मिलेट्स पुनरुद्धार कार्यक्रम के क्रियान्वयन के लिए 55 करोड़ 60 लाख रुपये की व्यवस्था की गई. बजट में पं. दीनदयाल उपाध्याय किसान समृद्धि योजना के लिए 102 करोड़ 88 लाख रुपये की व्यवस्था की गई है. बजट में आत्मनिर्भर कृषक समन्वित योजना के लिए 100 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है.
बजट में दलहन और तिलहन बीज मिनीकिट वितरण योजना के लिए 15-15 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है. बजट में कृषकों के डिजिटल डाटाबेस के एग्री-स्टैक योजना के लिए दो करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है. उत्तर प्रदेश के लगभग 46 लाख 22 हजार गन्ना किसानों को वर्ष 2017 से अब तक एक लाख 96 हजार करोड़ रुपये से अधिक का रिकार्ड गन्ना मूल्य भुगतान कराया गया, जो वर्ष 2012 से 2017 तक की अवधि में किए गए कुल गन्ना मूल्य भुगतान 95 हजार 125 करोड़ रुपये से 86 हजार 728 करोड़ रूपये अधिक है. गन्ना उत्पादकता में एक लाख 875 टन प्रति हेक्टेयर की वृद्धि से किसानों की आय में औसतन 349 रुपये प्रति क्विंटल की दर से 34 हजार 656 रुपये प्रति हेक्टेयर की वृद्धि हुई है. रबी विपणन वर्ष 2022--2023 में 2015 रुपये प्रति क्विंटल गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य निर्धारित था. विपणन वर्ष के दौरान 87 हजार 991 किसानों से 3.36 लाख मीट्रिक टन गेहूं का क्रय करते हुए किसानों के खातों में पीएफएमएस पोर्टल के माध्यम से 675 करोड़ रुपये का भुगतान किया जा चुका है.
खरीफ विपणन वर्ष 2022-23 के अंतर्गत भारत सरकार द्वारा कॉमन श्रेणी के लिए 2040 और ग्रेड-ए के लिए 2060 रुपये प्रति क्विंटल मूल्य निर्धारित किया गया है. अद्यतन 62.66 लाख मीट्रिक टन धान क्रय करते हुए सीधे किसानों के खातों में पीएफएमएस पोर्टल के माध्यम से कुल 10.30 लाख किसानों के बैंक खातों में 12 हजार करोड़ रुपये का भुगतान किया है. प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के अन्तर्गत वर्ष 2022--2023 में अब तक 51,639.68 करोड़ रुपये से अधिक धनराशि डीबीटी के माध्यम से किसानों के बैंक खातों में सीधे हस्तांतरित की गई. वित्त मंत्री ने बताया कि किसानों के निजी नलकूपों के क्षतिग्रस्त परिवर्तकों को निर्धारित समय पर बदला जा रहा है. प्रदेश के डार्क जोन में किसानों को निजी नलकूप कनेक्शन देने पर लगे प्रतिबंध को हटाने से एक लाख किसान लाभान्वित हुए हैं.
वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने कृषकों की आय में अभिवृद्धि के लिए कृषि शिक्षा, शोध एवं अनुसंधान पर जोर दिया है. प्रदेश के चार कृषि विश्वविद्यालयों में एग्रीटेक स्टार्टअप योजना के लिए 20 करोड़ रुपये की व्यवस्था के साथ महात्मा बुद्ध की परिनिर्वाण स्थली कुशीनगर में कृषि एवं प्रोद्योगिक विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए 50 करोड़ रुपये की व्यवस्था. कृषि विश्वविद्यालय कानपुर, अयोध्या, बांदा तथा मेरठ में अवस्थापना कार्यों के लिए लगभग 35 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है. आचार्य नरेन्द्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय, अयोध्या के अन्तर्गत कृषि महाविद्यालय (कैम्पस) आजमगढ़ में पठन- पाठन का कार्य प्रारम्भ हो चुका है. गोण्डा में कृषि महाविद्यालय (कैम्पस) की स्थापना का निर्माण कार्य प्रगति के लिए प्रावधान किया गया है.
वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने कहा कि चीनी उद्योग, उत्तर प्रदेश का कृषि आधारित महत्वपूर्ण उद्योग है. प्रदेश के लगभग 46 लाख गन्ना किसानों के परिवार की आजीविका का मुख्य आधार है. पेराई सत्र 2021-22 में प्रदेश में 27.60 लाख हेक्टेयर में गन्ने की खेती की गई और 120 चीनी मिलों ने 1016 लाख टन गन्ने की पेराई कर 101.98 लाख टन चीनी का उत्पादन. वर्तमान पेराई सत्र 2022-23 में 117 चीनी मिलों का संचालन हुआ है और इस सत्र में प्रदेश का गन्ना क्षेत्रफल 28.53 लाख हेक्टेयर है. जिससे चीनी का उत्पादन 105 लाख टन से अधिक होने का अनुमान है. वर्तमान सरकार ने कृषकों को गन्ना मूल्य भुगतान समय से सुनिश्चित कराने के लिए वर्ष 2017 से एस्क्रो अकाउंट मैकेनिज्म प्रारम्भ किया है. चीनी मिलों के गन्ना मूल्य मद की धनराशि के व्यावर्तन पर पूर्ण अंकुश लगा है. वित्त मंत्री ने बताया कि विगत पांच वर्षों में 27,531 हेक्टेयर गन्ना खेती में ड्रिप इरीगेशन संयंत्र की स्थापना हुई है. इससे 50 प्रतिशत तक सिंचाई जल की बचत होगी.
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