लखनऊ : भारतीय जनता पार्टी (BJP) के प्रदेश प्रभारी राधा मोहन सिंह (Radha Mohan Singh) रविवार सुबह 11:20 बजे राजभवन में राज्यपाल आनंदीबेन पटेल (Anandiben Patel) से मुलाकात करने पहुंचे. राधा मोहन के इस कदम से यूपी के सियासत में एक नई हलचल मच गई. वहीं राष्ट्रीय महामंत्री भूपेंद्र यादव ने बड़ा बयान देकर सूबे में मची हलचल पर विराम लगा दिया है.
राष्ट्रीय महामंत्री भूपेंद्र यादव का कहना है कि उत्तर प्रदेश में कैबिनेट विस्तार पर कोई चर्चा नहीं हुई है, फिलहाल नेतृत्व परिवर्तन में कोई बदलाव नहीं होगा.
बता दें कि प्रदेश प्रभारी राधा मोहन सिंह की राज्यपाल से मुलाकात को काफी अहम माना जा रहा है. हालांकि, बीजेपी नेताओं का कहना है कि यह शिष्टाचार भेंट है, लेकिन राजनीतिक गलियारों में यह चर्चाएं तेज हैं कि योगी सरकार के मंत्रिमंडल में विस्तार को लेकर प्रदेश प्रभारी राज्यपाल से मिलने पहुंचे हैं.
मंत्रिमंडल विस्तार पर चर्चा
पिछले काफी दिनों से उत्तर प्रदेश की राजनीति में प्रदेश की योगी सरकार में बदलाव को लेकर चर्चाएं तेज हैं. करीब एक सप्ताह पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जब राज्यपाल आनंदीबेन पटेल से मुलाकात की थी तब भी यह कयास लगाए जा रहे थे कि जल्द ही मंत्रिमंडल का विस्तार हो सकता है.
वहीं, कुछ नए मंत्री बनाए जा सकते हैं, तो कुछ से मंत्री पद छीना जा सकता है. हालांकि, एक सप्ताह से ज्यादा का समय हो गया है, ऐसा किसी तरह का कोई बदलाव सरकार के स्तर पर नहीं हुआ है.
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हाल ही में दत्तात्रेय होसबोले लखनऊ पहुंचे थे. यहां पर उन्होंने संघ के पदाधिकारियों के साथ बैठक की थी और अपनी रिपोर्ट सौंपी थी. इसके बाद भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव बीएल संतोष तीन दिन के दौरे पर लखनऊ आए थे. उन्होंने पार्टी के पदाधिकारियों और मंत्रियों के साथ अलग-अलग बैठक भी की थी.
तब फिर से यह संभावनाएं जताई जाने लगी थीं कि बहुत जल्द सरकार में फेरबदल हो सकता है, लेकिन तब भी ऐसा नहीं हुआ. इसके बाद प्रदेश प्रभारी राधा मोहन सिंह लखनऊ पहुंचे. उन्होंने भी पार्टी पदाधिकारियों के साथ बैठक की और रविवार को राज्यपाल आनंदीबेन पटेल से मुलाकात की.
विधानसभा अध्यक्ष से होगी मुलाकात
राज्यपाल आनंदीबेन पटेल से मुलाकात के बाद बीजेपी प्रदेश प्रभारी राधामोहन सिंह विधानसभा अध्यक्ष ह्रदय नारायण दीक्षित से मुलाकात करेंगे. उनके साथ भी शिष्टाचार भेंट ही बताई जा रही है.
हालांकि, इसके पीछे एक बड़ी वजह यह भी सामने आ रही है कि पांच जुलाई को विधान परिषद की चार सीटें रिक्त हो रही हैं. ऐसे में विधानसभा अध्यक्ष से इस बात को लेकर भी प्रदेश प्रभारी की बातचीत हो सकती है.
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