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भाजपा विधायक पंकज सिंह का दावा, 'यूपी में कोई नहीं टक्कर में, जीतेंगे 300+ सीट'

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 (up assembly elections 2022) के लिए सात चरणों में मतदान होने हैं. भाजपा अपनी तैयारियों को लेकर आश्वस्त है. पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा समेत कई दिग्गजों ने कहा है कि भाजपा आसानी से 300 से अधिक सीटें जीतेगी. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के बेटे पंकज सिंह इस बार भी नोएडा सीट से भाजपा उम्मीदवार बने हैं. भाजपा विधायक पंकज सिंह से ईटीवी भारत की वरिष्ठ संवाददाता अनामिका रत्ना ने तमाम मुद्दों पर बातचीत की. प्रस्तुत है बातचीत के मुख्य अंश

pankaj singh interview
पंकज सिंह इंटरव्यू
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Published : Jan 19, 2022, 10:44 PM IST

नई दिल्ली : उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव (up assembly elections 2022) पर बात करते हुए भाजपा की उत्तर प्रदेश इकाई के उपाध्यक्ष पंकज सिंह (BJP MLA Pankaj Singh NOIDA) ने कहा है कि हमारी पार्टी सतत विकास करने वाली पार्टी है और चुनाव में भी इन्हीं मुद्दों को लेकर हम वोट मांग रहे हैं. चुनाव आयोग ने रैलियों पर पाबंदी लगा दी है और पूरा चुनावी अभियान डिजिटल मोड में आ गया है. इस फैसले को लेकर पार्टियों में नाराजगी भी दिख रही है. बीजेपी की क्या तैयारी है ? इस सवाल पर पंकज सिंह ने कहा कि चुनाव है, लेकिन प्रधानमंत्री ने भी कहा कि सबसे पहले जान की भी रक्षा करनी है और चुनाव आयोग ने जो पाबंदियां लगाई है वह नहीं बातों को ध्यान में रखते हुए लगाई गई हैं. इसीलिए एक संगठन के नाते भाजपा अपने आपको हमेशा हर तरीके से तैयार रखती है. उन्होंने कहा कि हम लोग अन्य दलों की तरह सिर्फ ट्विटर या फेसबुक पर ही नहीं रहते, बल्कि बीजेपी हमेशा से जमीन पर एक्टिव रही है. पार्टी की तैयारी सिर्फ चुनाव के लिए नहीं बल्कि सेवा को लेकर सतत चलती रहती है. हम लोग सेवा ही संगठन की नीति पर आगे चलते हैं. पार्टी कार्यकर्ता भी इसे अच्छे तरीके से समझने लगा है.

पंकज सिंह इंटरव्यू

पिछले कुछ समय में कई राज्यों में अधिकांश चुनावी गतिविधियां डिजिटल मोड में हुई है. क्या यही वजह है कि भाजपा ने तभी से अपनी तैयारी कर रखी थी और इसी वजह से दूसरी पार्टियों को परेशानी हो रही है या पार्टियों को डर है ? इस सवाल पर पंकज सिंह का कहना है कि दूसरी पार्टियों का डर सिर्फ इस वजह से नहीं है बल्कि पिछले कुछ सालों तक टि्वटर और फेसबुक तक ही सीमित रहे हैं. संगठन के तौर पर जमीनी स्तर पर सेवा के लिए पार्टियों को उतरना चाहिए था. उनके नेता नहीं उतरे और उन्हें इसी बात का डर है. उन्होंने कहा कि सिर्फ कोरोना के वक्त ही नहीं, जब भी उत्तर प्रदेश के लोगों को गांव-शहर में कहीं भी जरूरत पड़ी तो सपा-बसपा या कांग्रेस के सभी नेता लखनऊ या दिल्ली से ट्वीट करता है. प्रेस कॉन्फ्रेंस करता है. ग्राउंड से जुड़ता नहीं है. इसलिए उनका डर सिर्फ इस मोड से प्रचार करने का नहीं, बल्कि डर इस बात का है कि वह हर तरीके से जनता से और उनके दुख-सुख से कटे हुए रहे और उनकी अपेक्षाएं पूरी नहीं की गईं.

सपा और भाजपा एक दूसरे की पार्टियों पर सेंध लगा रही है और आज इसी क्रम में अपर्णा यादव ने भी भाजपा का दामन थाम लिया, इस पर भाजपा विधायक पंकज सिंह ने कहा कि भाजपा अपने आप में समुद्र है और इसमें स्वाभाविक रूप बहुत सारे लोग अपने आप जुड़ते जा रहे हैं. यह विश्व की सबसे बड़ी पार्टी बनी है. क्या बाहर से आने वाले नेताओं की वजह से कार्यकर्ताओं का मनोबल नहीं गिरता ? इस सवाल पर उन्होंने कहा कि जो भी भाजपा में आता है वह देश का मस्तक ऊंचा करने का संकल्प लेकर आता है. ऐसे सभी लोगों का पार्टी स्वागत करती है इसलिए मुझे लगता है कि भाजपा की राष्ट्रवादी विचारधारा से प्रभावित होकर यदि कोई आता है तो उनका स्वागत किया जाना चाहिए. जो लोग भाजपा में सभी समाज के संकल्प लेने के मकसद से नहीं जुड़ते वही लोग पार्टी को छोड़कर बाहर जाते हैं. हमारी पार्टी का अंत्योदय का संकल्प हमेशा से रहा है और इसे कोई ताकत नहीं रोक सकती.

भाजपा ने विकास के नाम पर चुनाव लड़ने की शुरुआत की थी, लेकिन बाद में अयोध्या राम मंदिर, काशी मथुरा जैसी बातें भी आने लगीं. पिछले 2 सालों से कोरोना की वजह से कुछ ब्रेक भी लगा है तो किन बातों को लेकर भाजपा जमीन स्तर पर चुनाव प्रचार करेगी ? इस सवाल पर पंकज सिंह ने कहा, यह जरूर है कि पिछले 2 सालों से कोरोना का प्रभाव रहा है बावजूद इसके वे खुद एक जनपतिनिधि के तौर पर लगातार लोगों की सेवा करने में लगे रहे. यह ध्यान रखा कि जो लोग अपने घर लौट रहे हैं उनके पैरों में छाले ना पड़ें. उन्हें चप्पल पहनाने का काम हमारी पार्टी ने किया. इसके अलावा विकास की गति थोड़ी कम जरूर हुई मगर हमें खुशी है कि हमने नोएडा जैसे शहर में और पूरे उत्तर प्रदेश में उद्योग और विकास का काम किया है. जहां तक सवाल नोएडा का है नोएडा में 20,000 हजार करोड़ रुपये से भी ज्यादा के काम हुए. एलईडी लाइट्स लगाई गईं. पानी की क्वालिटी को लेकर कई सालों से जो चर्चा होती रहती थी उस पर भी काम हो रहा है. पुलिस कमिश्नरेट बनाया गया है. डिप्टी डायरेक्टर का दफ्तर बना है अब वह नोएडा में बैठते हैं.

हमने मुख्यमंत्री से मांग की थी जो हाई राइज बिल्डिंग बनी थी वहां पर लोग रजिस्ट्री के लिए परेशान थे लोगों ने अपने पूरे जीवन भर की कमाई लगाई थी उनकी रजिस्ट्री नहीं हो पा रही थी. हालांकि इन मुद्दों को अभी और आगे लेकर जाना है. अभी तक सिर्फ 45,000 लोगों को पजेशन मिला है. कुछ कानूनी अड़चनों की वजह से यह काम कुछ रुक सा गया था. उसके लिए भी हमारी सरकार प्रतिबद्ध है. इसलिए यह कहा जा सकता है कि काफी हद तक लोगों के लिए हमने कार्य करने की कोशिश की है. आने वाले दिनों में हम नोएडा को सुरक्षित कह सकते हैं.

पिछले 5 सालों में अपने क्षेत्र में कुछ निवेश करवा पाए या कोरोना की वजह से ब्रेक लग गया क्योंकि नोएडा एक औद्योगिक शहर माना जाता है और दिल्ली से सटा हुआ भी है ? इस सवाल पर उन्होंने कहा कि नोएडा को उत्तर प्रदेश का एक प्रमुख शहर और आर्थिक राजधानी के तौर पर भी देखा जाता है और इस जिले में भी नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के रूप में बड़ी उपलब्धि मिली है. प्रदेश की कानून की व्यवस्था अच्छी की गई है और यह संदेश गया है कि किसी भी दल का कितना भी बड़ा व्यक्ति क्यों ना हो वह कानून से ऊपर नहीं हो सकता. सबने देखा है कि सैमसंग ओप्पो जैसी बहुत सारी कंपनियों ने उत्तर प्रदेश में निवेश किया है. एक बड़ा डाटा सेंटर बनाया गया है. फिल्म सिटी बनकर तैयार हो रही है. इसके अलावा डिफेंस कॉरिडोर के लिए कार्य की शुरुआत हो चुकी है.

अखिलेश यादव कह रहे हैं कि जिन कामों की शुरुआत उन्होंने करवाई थी उसका उद्घाटन अब भाजपा की सरकार कर रही है. इस प्रसंग में पंकज सिंह का कहना है कि भाजपा के हर काम के साथ हो अपना नाम जोड़ना चाहते हैं, लेकिन मैं यहां यह कहना चाहूंगा कि जो लोग राम भक्तों पर गोलियां चलाते थे, जो लोग अपराधियों को छुड़ाने की छुड़ाने की वकालत करते थे जो लोग जिन्ना के पैरोकार थे, आज जब हमारे प्रधानमंत्री ने काशी विश्वनाथ कॉरिडोर तैयार कर जनता को समर्पित किया तो वही लोग श्रेय लेने की होड़ में दिखे. समाजवादी पार्टी ने कोशिश की लेकिन यदि इतनी हिम्मत होती तो अखिलेश को यह स्वीकार करना चाहिए कि हां उन्होंने राम भक्तों पर गोलियां चलवाई थीं. अपराधियों को शरण दी थी. वह इन बातों की तो जिम्मेदारी नहीं लेते, लेकिन जो घटनाएं सपा के कार्यकाल में नहीं हुईं उन बातों का भी श्रेय लेना चाहते हैं. इसीलिए जनता के बीच समाजवादी पार्टी के नेताओं का विश्वास खत्म हुआ है.

भाजपा हाईवेज काशी कॉरिडोर और अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट की बात कर रही है, लेकिन कई नेता मथुरा अयोध्या काशी में मंदिर बनाने की बात कर रहे हैं.धर्म की बातों से वोटों का ध्रुवीकरण हो सकता है. भाजपा चुनाव प्रचार में किन बातों का जिक्र करेगी. इस सवाल पर पंकज सिंह ने कहा, चुनाव मैदान में बातें विकास की ही होंगी, लेकिन जहां तक बात आस्था और विश्वास की है, अयोध्या में राम पर पूरा देश विश्वास करता है. आज हमारी पहचान हमारी संस्कृति से ही है. हमारे आध्यात्मिक क्षेत्र में विकास और हमारी परंपराओं का ज्ञान भी होना चाहिए इसलिए पार्टी दोनों ही बातों को लेकर साथ चलती है. सपा हो, बसपा या कांग्रेस इन लोगों को बस ऐसे लोगों के वोट चाहिए जो जय श्री राम ना कहें. मैं मानता हूं कि भाजपा के लिए काशी अयोध्या मथुरा कभी भी चुनाव का मुद्दा नहीं रहा. यह देश के करोड़ों लोगों की आस्था का विषय है. निश्चित रूप से लोगों की आस्था और उम्मीदों को पूरा करने की जिम्मेदारी ईश्वर के भक्तों की है. इसीलिए जिम्मेदारी सरकार की भी है. यदि करोड़ों लोग मथुरा, अयोध्या, काशी में आते हैं तो इसमें बुरा क्या है ?

पहले यह बातें निकल कर आ रही थी कि अयोध्या से योगी आदित्यनाथ चुनाव लड़ेंगे, लेकिन वह गोरखपुर से ही चुनाव लड़ रहे हैं. दूसरी तरफ अखिलेश यादव भी अपने विधानसभा क्षेत्र से नहीं बल्कि आजमगढ़ से चुनाव लड़ने की बात कह रहे हैं, इस सवाल पर पंकज सिंह का कहना है कि किसी को भी बगैर सोचे समझे कोई बयान नहीं देना चाहिए. योगी आदित्यनाथ पर अखिलेश यादव ने बयान दिया था. योगी जी लंबे समय से गोरखपुर से चुनाव लड़ते रहे हैं और वहां के लोगों का प्रतिनिधित्व किया है उनका नाता है उस जगह से रिश्ता है और भावनाओं के साथ जुड़े हुए हैं. मैं भी 6 साल तक क्षेत्र का प्रभारी रहा हूं मैंने बहुत नजदीक से देखा है कि जो श्रद्धा और प्रेम योगी जी के लिए वहां के लोगों को है वह अद्भुत है. लोगों की इच्छा थी कि योगी जी गोरखपुर से चुनाव लड़ें, जिसका पार्टी ने सम्मान किया.

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कई ओबीसी नेता पार्टी छोड़कर जा रहे हैं ऐसे में पार्टी जातिगत सामंजस्य कैसे बिठाएगी ? इस सवाल पर उन्होंने कहा कि जातिगत समीकरण को लेकर कोई दिक्कत नहीं है. हमारी पार्टी, 'सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास' के आधार पर चलती रही है. किसी भी प्रकार से हमारी विचारधारा को कोई भी नुकसान नहीं होता है. सपा बसपा और कांग्रेस की तरह भाजपा की यह यात्रा सिर्फ चुनाव तक सीमित रहने वाली नहीं है. भाजपा की यात्रा अनवरत सामाजिक सद्भाव को लेकर लोगों में विश्वास पैदा करना और सामाजिक समरसता का भाव लोगों में भरने के लिए है. विकास के दौर में समाज का जो भी वर्ग पीछे रह गया हो उन्हें अवसर देने का हमारा उद्देश्य रहा है. हमारी सोच दीर्घकालिक है. जो नेता पार्टी छोड़कर जाते हैं वह क्षणिक लाभ के लिए जा रहे हैं, इसीलिए ऐसी पार्टियों की तुलना भाजपा से हो ही नहीं सकती.

जो कई पार्टियों में रहे हैं उन्होंने पार्टी छोड़ने की शुरुआत की है. क्या पार्टी को इस संबंध में कोई नियम नहीं बनाना चाहिए ? इस सवाल पर पंकज सिंह का कहना है कि मैं पिछले 20 सालों से देख रहा हूं ऐसे करोड़ों कार्यकर्ता भाजपा के हैं जो अपनी पहली सांस से लेकर अंतिम सांस तक भाजपा के और देश के तिरंगे में ही अपना पूरा जीवन लगाना चाहते हैं. ऐसे भी लोग हैं जो अवसर देखते ही दल बदल लेते हैं. उनकी विचारधारा स्थिर नहीं होती. हमारी पार्टी दलित पिछड़े और अति पिछड़ा समाज को सदैव साथ लेकर चलती है और ऐसे अच्छी सोच वाले लोग हमेशा पार्टी के साथ रहते हैं मगर इससे इतर जो लोग हैं उन्हें बांधकर नहीं रखा जा सकता वह कहीं भी जा सकते हैं और उन पर टिप्पणी करना बेमानी है.

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उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 80 बनाम 20 वाला बयान दिया था. इस पर पंकज सिंह ने कहा, मुझे लगता है कि यह बयान पोलराइजेशन के तौर पर नहीं देखा जाना चाहिए. जब शौचालय बन रहे हैं आवास बन रहा है बिजली हर घर में पहुंच रही है तो ऐसा कोई नियम नहीं किया गया है जिसमें किसी एक वर्ग को या 20 परसेंट के लोगों को यह चीजें नहीं दी जा रही हैं. सभी उसका लाभ ले रहे हैं. न्याय सबके साथ हो हमेशा पार्टी इसकी कोशिश करती है. यदि किसी को धार्मिक उत्पीड़न के कारण दिक्कत है और उस पर ध्यान दिया जाता है. देश में सब का सम्मान होगा. सभी के हित की रक्षा होगी, लेकिन जो इस देश में रहकर दूसरे देश की या पाकिस्तान की पैरवी करेगा तो यह बिल्कुल बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. यह बात उसी परिप्रेक्ष्य में कही गई है. मुझे लगता नहीं कि किसी को भारत माता की जय बोलने में कोई दिक्कत होनी चाहिए.

आप देश के रक्षा मंत्री के पुत्र भी हैं और आपने बचपन से राजनीति देखी है या यूं कहें कि आपके खून में ही राजनीति है. कांग्रेस और राहुल गांधी पुलवामा, गलवान घाटी और देश की रक्षा संबंधित मामलों पर सवाल उठाते रहे हैं. यदि हम यहां यह सवाल करें कि आप किस तरह इस मामले को देखते हैं ? 5 सालों को हम रक्षा मामलों में कितना अपग्रेड हुए ? अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की साख कितनी बढ़ी ? इन सवालों पर पंकज सिंह का कहना है कि देश अब 1962 वाला नहीं रहा. आज हमारा देश काफी आगे बढ़ गया है और हमारा देश प्रधानमंत्री के नेतृत्व में काफी आगे बढ़ चुका है. प्रधानमंत्री ने लोगों में यह विश्वास भरा है कि यदि सवा सौ करोड़ लोग चाहें तो विश्व में कोई भी ताकत हमारे सामने खड़ी नहीं हो सकती. आज विश्व के प्लेटफार्म पर भारत की स्थिति अच्छी और मजबूत राष्ट्र के रूप में उभरी है. शायद यही वजह है कि कांग्रेस जो हमेशा से पाकिस्तान के साथ वोट के कारण उनकी हिमाकत करती रही है. यदि कोई आतंकवादी मारा जाए तो उस पर चुप्पी साधे रहते थे. चीन के साथ उनकी दोस्ती रही. आज जब गोलियां चलती हैं तो हम पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब देते हैं. चीन ने बार-बार हमारे देश में घुसपैठ की कोशिश की. हमारे रक्षा मंत्री हों या सरकार, बार-बार हमने साफ संदेश दिया है कि चाहे कोई भी क्यों ना हो हमारे इलाके में अगर घुसपैठ करने की कोशिश करेगा तो उसे मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा. हमारी सरकार ने यह साफ संदेश दे दिया है कि जहां तक हमारी सीमा है वहां तक हमें विकास करने में कोई नहीं रोक सकता. आज वर्तमान स्थिति यह है कि सिर्फ बयानबाजी नहीं बल्कि एयर स्ट्राइक होती है या सर्जिकल स्ट्राइक होती है.

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बार-बार रक्षा से जुड़े मुद्दों पर सवाल उठाए जाते हैं. केंद्र सरकार को सफाई देनी पड़ती है. राफेल हो पुलवामा मुद्दा हो या गलवान घाटी का मुद्दा हो सभी पर राहुल गांधी ने सवाल उठाए हैं. इस सवाल पर पंकज सिंह ने कहा कि जब कोई नीति बनती है तो उस पर एक सकारात्मक डिबेट होनी चाहिए. क्या सही है क्या गलत है इस पर चर्चा होनी चाहिए, लेकिन देश के जवान जिन्होंने अपना पूरा जीवन भारत माता के चरणों में अर्पित कर दिया हो वह अपनी जान की परवाह ना कर देश की रक्षा करने के लिए बॉर्डर पर खड़े हैं. उनका हौसला बढ़ाने की बजाय कांग्रेस और अन्य दल हमारे सैनिकों की कार्रवाई पर सबूत मांगते हैं. मनोबल गिराने की कोशिश करते हैं. एयर स्ट्राइक और सर्जिकल स्ट्राइक पर सबूत मांगे जाते हैं, यह ठीक नहीं. हम आपके माध्यम से अपील करना चाहते हैं कि सभी दलों को अपने झंडे लेकर चलना चाहिए, लेकिन जब बात अपने देश की होती है और तिरंगे की होती है तो सभी को अपने पार्टी के झंडे को किनारे रखकर तिरंगे के लिए खड़ा होना चाहिए. कई बार सपा-बसपा और कांग्रेस के लिए राष्ट्रभक्ति का भाव दल से ऊपर उठकर नहीं दिखता, तभी ऐसे सवाल उठते हैं.

क्या उत्तर प्रदेश का चुनाव 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए सेमीफाइनल के तौर पर देखा जाएगा ? इस सवाल पर पंकज ने कहा कि उत्तर प्रदेश एक बड़ा राज्य है इसलिए राजनीतिक रूप से इसका विशेष महत्व है. इसका संदेश आगे तक जाता है, लेकिन इतना तय है कि 2022 हम जीतेंगे क्योंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का के सामने कोई नहीं है. भाजपा 2024 में पहले से भी अधिक बहुमत से जीतेगी.

उत्तर प्रदेश में बसपा और कांग्रेस को कहां देख रहे हैं ? इस सवाल पर उन्होंने कहा कि बसपा, कांग्रेस समाजवादी पार्टी भाजपा के टक्कर में नहीं दिखते. पार्टियां आपस में ही टकरा रही हैं. वैसे भी राष्ट्र भक्तों के सामने तमाम दल कहीं भी टिकते नहीं. यह बात मैं युवा मोर्चे के इंचार्ज के रूप में पूरे राज्य में दौरे करने के बाद कह रहा हूं.

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5 साल के कार्यकाल की परीक्षा होने जा रही है, क्या कुछ नर्वसनेस है ? इस सवाल पर पंकज सिंह ने कहा कि मैं जब से राजनीति में हूं मैंने तब से कहा है कि न मैं गलत होने दूंगा और और सही काम रुकने नहीं दूंगा. मैं चाहता हूं कि यह विश्वास का भाव बना रहे. बहुत सारे काम ऐसे हैं जिनमें अपेक्षा के अनुरूप काम नहीं हुआ लेकिन शुरुआत की है तो उसे पूरा भी भाजपा ही करेगी. मैं उम्मीद करता हूं कि आने वाले समय में लोगों का भरोसा और भी ज्यादा बढ़ेगा. हमें लोगों का स्नेह और आशीर्वाद मिल रहा है.

नई दिल्ली : उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव (up assembly elections 2022) पर बात करते हुए भाजपा की उत्तर प्रदेश इकाई के उपाध्यक्ष पंकज सिंह (BJP MLA Pankaj Singh NOIDA) ने कहा है कि हमारी पार्टी सतत विकास करने वाली पार्टी है और चुनाव में भी इन्हीं मुद्दों को लेकर हम वोट मांग रहे हैं. चुनाव आयोग ने रैलियों पर पाबंदी लगा दी है और पूरा चुनावी अभियान डिजिटल मोड में आ गया है. इस फैसले को लेकर पार्टियों में नाराजगी भी दिख रही है. बीजेपी की क्या तैयारी है ? इस सवाल पर पंकज सिंह ने कहा कि चुनाव है, लेकिन प्रधानमंत्री ने भी कहा कि सबसे पहले जान की भी रक्षा करनी है और चुनाव आयोग ने जो पाबंदियां लगाई है वह नहीं बातों को ध्यान में रखते हुए लगाई गई हैं. इसीलिए एक संगठन के नाते भाजपा अपने आपको हमेशा हर तरीके से तैयार रखती है. उन्होंने कहा कि हम लोग अन्य दलों की तरह सिर्फ ट्विटर या फेसबुक पर ही नहीं रहते, बल्कि बीजेपी हमेशा से जमीन पर एक्टिव रही है. पार्टी की तैयारी सिर्फ चुनाव के लिए नहीं बल्कि सेवा को लेकर सतत चलती रहती है. हम लोग सेवा ही संगठन की नीति पर आगे चलते हैं. पार्टी कार्यकर्ता भी इसे अच्छे तरीके से समझने लगा है.

पंकज सिंह इंटरव्यू

पिछले कुछ समय में कई राज्यों में अधिकांश चुनावी गतिविधियां डिजिटल मोड में हुई है. क्या यही वजह है कि भाजपा ने तभी से अपनी तैयारी कर रखी थी और इसी वजह से दूसरी पार्टियों को परेशानी हो रही है या पार्टियों को डर है ? इस सवाल पर पंकज सिंह का कहना है कि दूसरी पार्टियों का डर सिर्फ इस वजह से नहीं है बल्कि पिछले कुछ सालों तक टि्वटर और फेसबुक तक ही सीमित रहे हैं. संगठन के तौर पर जमीनी स्तर पर सेवा के लिए पार्टियों को उतरना चाहिए था. उनके नेता नहीं उतरे और उन्हें इसी बात का डर है. उन्होंने कहा कि सिर्फ कोरोना के वक्त ही नहीं, जब भी उत्तर प्रदेश के लोगों को गांव-शहर में कहीं भी जरूरत पड़ी तो सपा-बसपा या कांग्रेस के सभी नेता लखनऊ या दिल्ली से ट्वीट करता है. प्रेस कॉन्फ्रेंस करता है. ग्राउंड से जुड़ता नहीं है. इसलिए उनका डर सिर्फ इस मोड से प्रचार करने का नहीं, बल्कि डर इस बात का है कि वह हर तरीके से जनता से और उनके दुख-सुख से कटे हुए रहे और उनकी अपेक्षाएं पूरी नहीं की गईं.

सपा और भाजपा एक दूसरे की पार्टियों पर सेंध लगा रही है और आज इसी क्रम में अपर्णा यादव ने भी भाजपा का दामन थाम लिया, इस पर भाजपा विधायक पंकज सिंह ने कहा कि भाजपा अपने आप में समुद्र है और इसमें स्वाभाविक रूप बहुत सारे लोग अपने आप जुड़ते जा रहे हैं. यह विश्व की सबसे बड़ी पार्टी बनी है. क्या बाहर से आने वाले नेताओं की वजह से कार्यकर्ताओं का मनोबल नहीं गिरता ? इस सवाल पर उन्होंने कहा कि जो भी भाजपा में आता है वह देश का मस्तक ऊंचा करने का संकल्प लेकर आता है. ऐसे सभी लोगों का पार्टी स्वागत करती है इसलिए मुझे लगता है कि भाजपा की राष्ट्रवादी विचारधारा से प्रभावित होकर यदि कोई आता है तो उनका स्वागत किया जाना चाहिए. जो लोग भाजपा में सभी समाज के संकल्प लेने के मकसद से नहीं जुड़ते वही लोग पार्टी को छोड़कर बाहर जाते हैं. हमारी पार्टी का अंत्योदय का संकल्प हमेशा से रहा है और इसे कोई ताकत नहीं रोक सकती.

भाजपा ने विकास के नाम पर चुनाव लड़ने की शुरुआत की थी, लेकिन बाद में अयोध्या राम मंदिर, काशी मथुरा जैसी बातें भी आने लगीं. पिछले 2 सालों से कोरोना की वजह से कुछ ब्रेक भी लगा है तो किन बातों को लेकर भाजपा जमीन स्तर पर चुनाव प्रचार करेगी ? इस सवाल पर पंकज सिंह ने कहा, यह जरूर है कि पिछले 2 सालों से कोरोना का प्रभाव रहा है बावजूद इसके वे खुद एक जनपतिनिधि के तौर पर लगातार लोगों की सेवा करने में लगे रहे. यह ध्यान रखा कि जो लोग अपने घर लौट रहे हैं उनके पैरों में छाले ना पड़ें. उन्हें चप्पल पहनाने का काम हमारी पार्टी ने किया. इसके अलावा विकास की गति थोड़ी कम जरूर हुई मगर हमें खुशी है कि हमने नोएडा जैसे शहर में और पूरे उत्तर प्रदेश में उद्योग और विकास का काम किया है. जहां तक सवाल नोएडा का है नोएडा में 20,000 हजार करोड़ रुपये से भी ज्यादा के काम हुए. एलईडी लाइट्स लगाई गईं. पानी की क्वालिटी को लेकर कई सालों से जो चर्चा होती रहती थी उस पर भी काम हो रहा है. पुलिस कमिश्नरेट बनाया गया है. डिप्टी डायरेक्टर का दफ्तर बना है अब वह नोएडा में बैठते हैं.

हमने मुख्यमंत्री से मांग की थी जो हाई राइज बिल्डिंग बनी थी वहां पर लोग रजिस्ट्री के लिए परेशान थे लोगों ने अपने पूरे जीवन भर की कमाई लगाई थी उनकी रजिस्ट्री नहीं हो पा रही थी. हालांकि इन मुद्दों को अभी और आगे लेकर जाना है. अभी तक सिर्फ 45,000 लोगों को पजेशन मिला है. कुछ कानूनी अड़चनों की वजह से यह काम कुछ रुक सा गया था. उसके लिए भी हमारी सरकार प्रतिबद्ध है. इसलिए यह कहा जा सकता है कि काफी हद तक लोगों के लिए हमने कार्य करने की कोशिश की है. आने वाले दिनों में हम नोएडा को सुरक्षित कह सकते हैं.

पिछले 5 सालों में अपने क्षेत्र में कुछ निवेश करवा पाए या कोरोना की वजह से ब्रेक लग गया क्योंकि नोएडा एक औद्योगिक शहर माना जाता है और दिल्ली से सटा हुआ भी है ? इस सवाल पर उन्होंने कहा कि नोएडा को उत्तर प्रदेश का एक प्रमुख शहर और आर्थिक राजधानी के तौर पर भी देखा जाता है और इस जिले में भी नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के रूप में बड़ी उपलब्धि मिली है. प्रदेश की कानून की व्यवस्था अच्छी की गई है और यह संदेश गया है कि किसी भी दल का कितना भी बड़ा व्यक्ति क्यों ना हो वह कानून से ऊपर नहीं हो सकता. सबने देखा है कि सैमसंग ओप्पो जैसी बहुत सारी कंपनियों ने उत्तर प्रदेश में निवेश किया है. एक बड़ा डाटा सेंटर बनाया गया है. फिल्म सिटी बनकर तैयार हो रही है. इसके अलावा डिफेंस कॉरिडोर के लिए कार्य की शुरुआत हो चुकी है.

अखिलेश यादव कह रहे हैं कि जिन कामों की शुरुआत उन्होंने करवाई थी उसका उद्घाटन अब भाजपा की सरकार कर रही है. इस प्रसंग में पंकज सिंह का कहना है कि भाजपा के हर काम के साथ हो अपना नाम जोड़ना चाहते हैं, लेकिन मैं यहां यह कहना चाहूंगा कि जो लोग राम भक्तों पर गोलियां चलाते थे, जो लोग अपराधियों को छुड़ाने की छुड़ाने की वकालत करते थे जो लोग जिन्ना के पैरोकार थे, आज जब हमारे प्रधानमंत्री ने काशी विश्वनाथ कॉरिडोर तैयार कर जनता को समर्पित किया तो वही लोग श्रेय लेने की होड़ में दिखे. समाजवादी पार्टी ने कोशिश की लेकिन यदि इतनी हिम्मत होती तो अखिलेश को यह स्वीकार करना चाहिए कि हां उन्होंने राम भक्तों पर गोलियां चलवाई थीं. अपराधियों को शरण दी थी. वह इन बातों की तो जिम्मेदारी नहीं लेते, लेकिन जो घटनाएं सपा के कार्यकाल में नहीं हुईं उन बातों का भी श्रेय लेना चाहते हैं. इसीलिए जनता के बीच समाजवादी पार्टी के नेताओं का विश्वास खत्म हुआ है.

भाजपा हाईवेज काशी कॉरिडोर और अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट की बात कर रही है, लेकिन कई नेता मथुरा अयोध्या काशी में मंदिर बनाने की बात कर रहे हैं.धर्म की बातों से वोटों का ध्रुवीकरण हो सकता है. भाजपा चुनाव प्रचार में किन बातों का जिक्र करेगी. इस सवाल पर पंकज सिंह ने कहा, चुनाव मैदान में बातें विकास की ही होंगी, लेकिन जहां तक बात आस्था और विश्वास की है, अयोध्या में राम पर पूरा देश विश्वास करता है. आज हमारी पहचान हमारी संस्कृति से ही है. हमारे आध्यात्मिक क्षेत्र में विकास और हमारी परंपराओं का ज्ञान भी होना चाहिए इसलिए पार्टी दोनों ही बातों को लेकर साथ चलती है. सपा हो, बसपा या कांग्रेस इन लोगों को बस ऐसे लोगों के वोट चाहिए जो जय श्री राम ना कहें. मैं मानता हूं कि भाजपा के लिए काशी अयोध्या मथुरा कभी भी चुनाव का मुद्दा नहीं रहा. यह देश के करोड़ों लोगों की आस्था का विषय है. निश्चित रूप से लोगों की आस्था और उम्मीदों को पूरा करने की जिम्मेदारी ईश्वर के भक्तों की है. इसीलिए जिम्मेदारी सरकार की भी है. यदि करोड़ों लोग मथुरा, अयोध्या, काशी में आते हैं तो इसमें बुरा क्या है ?

पहले यह बातें निकल कर आ रही थी कि अयोध्या से योगी आदित्यनाथ चुनाव लड़ेंगे, लेकिन वह गोरखपुर से ही चुनाव लड़ रहे हैं. दूसरी तरफ अखिलेश यादव भी अपने विधानसभा क्षेत्र से नहीं बल्कि आजमगढ़ से चुनाव लड़ने की बात कह रहे हैं, इस सवाल पर पंकज सिंह का कहना है कि किसी को भी बगैर सोचे समझे कोई बयान नहीं देना चाहिए. योगी आदित्यनाथ पर अखिलेश यादव ने बयान दिया था. योगी जी लंबे समय से गोरखपुर से चुनाव लड़ते रहे हैं और वहां के लोगों का प्रतिनिधित्व किया है उनका नाता है उस जगह से रिश्ता है और भावनाओं के साथ जुड़े हुए हैं. मैं भी 6 साल तक क्षेत्र का प्रभारी रहा हूं मैंने बहुत नजदीक से देखा है कि जो श्रद्धा और प्रेम योगी जी के लिए वहां के लोगों को है वह अद्भुत है. लोगों की इच्छा थी कि योगी जी गोरखपुर से चुनाव लड़ें, जिसका पार्टी ने सम्मान किया.

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कई ओबीसी नेता पार्टी छोड़कर जा रहे हैं ऐसे में पार्टी जातिगत सामंजस्य कैसे बिठाएगी ? इस सवाल पर उन्होंने कहा कि जातिगत समीकरण को लेकर कोई दिक्कत नहीं है. हमारी पार्टी, 'सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास' के आधार पर चलती रही है. किसी भी प्रकार से हमारी विचारधारा को कोई भी नुकसान नहीं होता है. सपा बसपा और कांग्रेस की तरह भाजपा की यह यात्रा सिर्फ चुनाव तक सीमित रहने वाली नहीं है. भाजपा की यात्रा अनवरत सामाजिक सद्भाव को लेकर लोगों में विश्वास पैदा करना और सामाजिक समरसता का भाव लोगों में भरने के लिए है. विकास के दौर में समाज का जो भी वर्ग पीछे रह गया हो उन्हें अवसर देने का हमारा उद्देश्य रहा है. हमारी सोच दीर्घकालिक है. जो नेता पार्टी छोड़कर जाते हैं वह क्षणिक लाभ के लिए जा रहे हैं, इसीलिए ऐसी पार्टियों की तुलना भाजपा से हो ही नहीं सकती.

जो कई पार्टियों में रहे हैं उन्होंने पार्टी छोड़ने की शुरुआत की है. क्या पार्टी को इस संबंध में कोई नियम नहीं बनाना चाहिए ? इस सवाल पर पंकज सिंह का कहना है कि मैं पिछले 20 सालों से देख रहा हूं ऐसे करोड़ों कार्यकर्ता भाजपा के हैं जो अपनी पहली सांस से लेकर अंतिम सांस तक भाजपा के और देश के तिरंगे में ही अपना पूरा जीवन लगाना चाहते हैं. ऐसे भी लोग हैं जो अवसर देखते ही दल बदल लेते हैं. उनकी विचारधारा स्थिर नहीं होती. हमारी पार्टी दलित पिछड़े और अति पिछड़ा समाज को सदैव साथ लेकर चलती है और ऐसे अच्छी सोच वाले लोग हमेशा पार्टी के साथ रहते हैं मगर इससे इतर जो लोग हैं उन्हें बांधकर नहीं रखा जा सकता वह कहीं भी जा सकते हैं और उन पर टिप्पणी करना बेमानी है.

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उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 80 बनाम 20 वाला बयान दिया था. इस पर पंकज सिंह ने कहा, मुझे लगता है कि यह बयान पोलराइजेशन के तौर पर नहीं देखा जाना चाहिए. जब शौचालय बन रहे हैं आवास बन रहा है बिजली हर घर में पहुंच रही है तो ऐसा कोई नियम नहीं किया गया है जिसमें किसी एक वर्ग को या 20 परसेंट के लोगों को यह चीजें नहीं दी जा रही हैं. सभी उसका लाभ ले रहे हैं. न्याय सबके साथ हो हमेशा पार्टी इसकी कोशिश करती है. यदि किसी को धार्मिक उत्पीड़न के कारण दिक्कत है और उस पर ध्यान दिया जाता है. देश में सब का सम्मान होगा. सभी के हित की रक्षा होगी, लेकिन जो इस देश में रहकर दूसरे देश की या पाकिस्तान की पैरवी करेगा तो यह बिल्कुल बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. यह बात उसी परिप्रेक्ष्य में कही गई है. मुझे लगता नहीं कि किसी को भारत माता की जय बोलने में कोई दिक्कत होनी चाहिए.

आप देश के रक्षा मंत्री के पुत्र भी हैं और आपने बचपन से राजनीति देखी है या यूं कहें कि आपके खून में ही राजनीति है. कांग्रेस और राहुल गांधी पुलवामा, गलवान घाटी और देश की रक्षा संबंधित मामलों पर सवाल उठाते रहे हैं. यदि हम यहां यह सवाल करें कि आप किस तरह इस मामले को देखते हैं ? 5 सालों को हम रक्षा मामलों में कितना अपग्रेड हुए ? अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की साख कितनी बढ़ी ? इन सवालों पर पंकज सिंह का कहना है कि देश अब 1962 वाला नहीं रहा. आज हमारा देश काफी आगे बढ़ गया है और हमारा देश प्रधानमंत्री के नेतृत्व में काफी आगे बढ़ चुका है. प्रधानमंत्री ने लोगों में यह विश्वास भरा है कि यदि सवा सौ करोड़ लोग चाहें तो विश्व में कोई भी ताकत हमारे सामने खड़ी नहीं हो सकती. आज विश्व के प्लेटफार्म पर भारत की स्थिति अच्छी और मजबूत राष्ट्र के रूप में उभरी है. शायद यही वजह है कि कांग्रेस जो हमेशा से पाकिस्तान के साथ वोट के कारण उनकी हिमाकत करती रही है. यदि कोई आतंकवादी मारा जाए तो उस पर चुप्पी साधे रहते थे. चीन के साथ उनकी दोस्ती रही. आज जब गोलियां चलती हैं तो हम पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब देते हैं. चीन ने बार-बार हमारे देश में घुसपैठ की कोशिश की. हमारे रक्षा मंत्री हों या सरकार, बार-बार हमने साफ संदेश दिया है कि चाहे कोई भी क्यों ना हो हमारे इलाके में अगर घुसपैठ करने की कोशिश करेगा तो उसे मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा. हमारी सरकार ने यह साफ संदेश दे दिया है कि जहां तक हमारी सीमा है वहां तक हमें विकास करने में कोई नहीं रोक सकता. आज वर्तमान स्थिति यह है कि सिर्फ बयानबाजी नहीं बल्कि एयर स्ट्राइक होती है या सर्जिकल स्ट्राइक होती है.

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बार-बार रक्षा से जुड़े मुद्दों पर सवाल उठाए जाते हैं. केंद्र सरकार को सफाई देनी पड़ती है. राफेल हो पुलवामा मुद्दा हो या गलवान घाटी का मुद्दा हो सभी पर राहुल गांधी ने सवाल उठाए हैं. इस सवाल पर पंकज सिंह ने कहा कि जब कोई नीति बनती है तो उस पर एक सकारात्मक डिबेट होनी चाहिए. क्या सही है क्या गलत है इस पर चर्चा होनी चाहिए, लेकिन देश के जवान जिन्होंने अपना पूरा जीवन भारत माता के चरणों में अर्पित कर दिया हो वह अपनी जान की परवाह ना कर देश की रक्षा करने के लिए बॉर्डर पर खड़े हैं. उनका हौसला बढ़ाने की बजाय कांग्रेस और अन्य दल हमारे सैनिकों की कार्रवाई पर सबूत मांगते हैं. मनोबल गिराने की कोशिश करते हैं. एयर स्ट्राइक और सर्जिकल स्ट्राइक पर सबूत मांगे जाते हैं, यह ठीक नहीं. हम आपके माध्यम से अपील करना चाहते हैं कि सभी दलों को अपने झंडे लेकर चलना चाहिए, लेकिन जब बात अपने देश की होती है और तिरंगे की होती है तो सभी को अपने पार्टी के झंडे को किनारे रखकर तिरंगे के लिए खड़ा होना चाहिए. कई बार सपा-बसपा और कांग्रेस के लिए राष्ट्रभक्ति का भाव दल से ऊपर उठकर नहीं दिखता, तभी ऐसे सवाल उठते हैं.

क्या उत्तर प्रदेश का चुनाव 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए सेमीफाइनल के तौर पर देखा जाएगा ? इस सवाल पर पंकज ने कहा कि उत्तर प्रदेश एक बड़ा राज्य है इसलिए राजनीतिक रूप से इसका विशेष महत्व है. इसका संदेश आगे तक जाता है, लेकिन इतना तय है कि 2022 हम जीतेंगे क्योंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का के सामने कोई नहीं है. भाजपा 2024 में पहले से भी अधिक बहुमत से जीतेगी.

उत्तर प्रदेश में बसपा और कांग्रेस को कहां देख रहे हैं ? इस सवाल पर उन्होंने कहा कि बसपा, कांग्रेस समाजवादी पार्टी भाजपा के टक्कर में नहीं दिखते. पार्टियां आपस में ही टकरा रही हैं. वैसे भी राष्ट्र भक्तों के सामने तमाम दल कहीं भी टिकते नहीं. यह बात मैं युवा मोर्चे के इंचार्ज के रूप में पूरे राज्य में दौरे करने के बाद कह रहा हूं.

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5 साल के कार्यकाल की परीक्षा होने जा रही है, क्या कुछ नर्वसनेस है ? इस सवाल पर पंकज सिंह ने कहा कि मैं जब से राजनीति में हूं मैंने तब से कहा है कि न मैं गलत होने दूंगा और और सही काम रुकने नहीं दूंगा. मैं चाहता हूं कि यह विश्वास का भाव बना रहे. बहुत सारे काम ऐसे हैं जिनमें अपेक्षा के अनुरूप काम नहीं हुआ लेकिन शुरुआत की है तो उसे पूरा भी भाजपा ही करेगी. मैं उम्मीद करता हूं कि आने वाले समय में लोगों का भरोसा और भी ज्यादा बढ़ेगा. हमें लोगों का स्नेह और आशीर्वाद मिल रहा है.

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