लखनऊः यूपी विधानसभा चुनाव के परिणाम (UP Assembly Results ) बता रहे हैं कि योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) यूपी के लिए उपयोगी साबित हुए हैं. अभी तक चुनाव परिणामों के अनुसार दोबारा यूपी में कमल खिल रहा है. उत्तर प्रदेश की 403 सीटों में से 273 सीटों पर भाजपा गठबंधन का कब्जा हुआ है, जोकि बहुमत के आंकड़े से काफी अधिक है. जबकि समाजवादी पार्टी गठबंधन को 125 सीटें मिल रही हैं. वहीं, प्रियंका गांधी इस चुनाव में कोई करिश्मा नहीं कर पाईं, जिसकी वजह से कांग्रेस के 2 उम्मीदवार जीत सके. इसी तरह बसपा सुप्रीमो मायावती के दावे हवाई साबित हुए. बसपा सिर्फ 1 और निर्दलीय 2 उम्मीदवार जीत पाए. आंकड़ों के अनुसार बीजेपी ने 37 साल बाद एक बार फिर इतिहास रचा है, जब पांच साल का कार्यकाल पूरा करने के बाद बीजेपी दोबारा से सत्ता में वापसी कर रही है. हालांकि इस बार 2017 की तुलना में भाजपा को 25 से सीटें कम मिलती हुई नजर आ रही हैं. वहीं समाजवादी पार्टी की इस बार सीटें बढ़ी हैं. पहली बार विधानसभा का चुनाव लड़ रहे सीएम योगी आदित्यनाथ गोरखपुर शहर सीट से 1,03,390 मतों से जीते हैं. यह आंकड़े साबित करते हैं कि यूपी की जनता को सीएम योगी पर भरोसा है. वहीं, समाजवादी पार्टी अखिलेश यादव भी पहली बार चुनावी मैदान में उतरे और मैनपुरी की करहल विधानसभा से 67441 वोटों से जीत की.
सीएम योगी का दावा सही निकला
उल्लेखनीय है कि चुनाव से बहुत पहले ही सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दावा किया था कि 2022 के विधानसभा चुनाव में वो प्रदेश की सियासत से जुड़े 35 साल पुराने एक रिकॉर्ड को तोड़ेंगे. जिसे आज से पहले कोई भी नहीं तोड़ सका था. मुख्यमंत्री ने कहा था- 'उत्तर प्रदेश के चुनावी इतिहास में कोई भी मुख्यमंत्री लगातार दूसरी बार मुख्यमंत्री नहीं चुना गया. लेकिन वो वापसी करेंगे.' लेकिन तब सपा अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कुछ कारणों को गिनाते हुए दावा किया था कि आने वाले चुनावों में वो सत्ता से बेदखल होंगे. लेकिन मुख्यमंत्री के दावे चुनाव परिणाम में साबित हुए हैं.
आखिर चल ही गया बुलडोजर का जादू
योगी ने मौजूदा विधानसभा चुनाव में 80 बनाम 20 प्रतिशत का नारा देकर वोटों के ध्रुवीकरण की पहल की. विश्लेषकों ने 20 प्रतिशत को मुस्लिम आबादी और 80 प्रतिशत को हिंदू आबादी के रूप में देखा. योगी ने माफिया और अपराधियों के खिलाफ की गई कार्रवाई को भी पूरे चुनाव में मुद्दा बनाया. भाजपा के शीर्ष नेताओं के चुनाव प्रचार में योगी का बुलडोजर छाया रहा. सपा प्रमुख अखिलेश यादव भी अक्सर अपनी सभाओं में बुलडोजर और बुल (सांड) का नाम लेकर योगी पर तंज कसते थे. लेकिन इसका परिणाम पर कोई असर नहीं हुआ और सीएम योगी का 'बुलडोजर' आखिर चल ही गया.
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भाजपा के इन दिग्गजों ने किया निराश
पूरे प्रदर्शन में अच्छा प्रदर्शन करने के बाद योगी सरकार में कई मंत्री इस बार जीतने में सफल नहीं हुआ. यहां तक कि प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य सिराथू विधानसभा सीट से हार गए. केशव प्रसाद मौर्य को सपा गठबंधन की प्रत्याशी पल्लवी पटेल ने शिकस्त दी. वहीं बेसिक शिक्षा मंत्री सतीश द्विवेदी इटवा सीट, मंत्री सुरेश राणा और मोती सिंह भी नहीं जीत पाए.
2017 में भाजपा को मिला था 39.67 फीसदी वोट
उल्लेखनीय है कि 2017 के विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने 312 सीटें जीती थीं. जबकि समाजवादी पार्टी ने 47 तो कांग्रेस 7, बसपा 19, रालोद 1, अपना दल (एस) 9, सुभासपा 4, निषाद पार्टी 1 और निर्दलीय 3 उम्मीदवार विजयी हुए थे. इस चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को 39.67 वोट मिले थे. जबकि सपा 21.82 और बसपा को 22.23 प्रतिशत वोट मिला था. चुनाव परिणाम आने के बाद 18 मार्च 2017 को भाजपा विधायक दल की बैठक के बाद योगी आदित्यनाथ को उत्तर प्रदेश का मुख्यमंत्री और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्य एवं दिनेश शर्मा को उपमुख्यमंत्री नियुक्त किया गया था. 19 मार्च 2017 को योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली.