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टीकाकरण के बिना कोरोना से मरने की आशंका 10 गुना अधिक : शोध - कोरोना वायरस

एक अध्ययन से पता चला है कि जिन लोगों को कोरोना का टीका नहीं लगाया जाता है, उनके शॉट लेने वालों की तुलना में संक्रमण से मरने की संभावना 10 गुना अधिक होती है. पढ़िए पूरी खबर..

टीकाकरण
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Published : Sep 13, 2021, 2:35 AM IST

वॉशिंगटन : अमेरिका में जो बाइडेन प्रशासन ने अधिक से अधिक लोगों को टीका लगवाने के प्रयास तेज कर दिए हैं, वहीं यूएस सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (सीडीसी) ने तीन नए अध्ययनों में कुछ आबादी में प्रतिरक्षा कम होने पर चिंताओं के बीच भी मृत्युदर को रोकने में कोविड शॉट्स के महत्व पर जोर दिया गया है. अध्ययन का निष्कर्ष एजेंसी की रुग्णता और मृत्युदर साप्ताहिक रिपोर्ट में आया है.

एक अध्ययन से पता चला है कि जिन लोगों को नोवेल कोरोना वायरस बीमारी का टीका नहीं लगाया जाता है, उनके शॉट लेने वालों की तुलना में संक्रमण से मरने की संभावना 10 गुना अधिक होती है.

निष्कर्षो से पता चला है कि वर्तमान में उपलब्ध कोविड-19 जैब्स अधिकांश लोगों को अस्पताल में भर्ती होने और मृत्यु के खिलाफ मजबूत सुरक्षा प्रदान करते हैं, यहां तक कि डेल्टा वृद्धि के दौरान भी. हालांकि, टीकाकरण की स्थिति की परवाह किए बिना, वृद्धावस्था समूहों में उच्च अस्पताल में भर्ती और मृत्युदर देखी जाती है.

अध्ययन के लिए, सीडीसी ने 13 राज्यों और शहरों में 4 अप्रैल से 17 जुलाई तक रिपोर्ट किए गए 6,00,000 से अधिक कोविड-19 मामलों, अस्पताल में भर्ती होने और 18 वर्ष और उससे अधिक उम्र के लोगों की मृत्यु के आंकड़ों का विश्लेषण किया.

संक्रमण के खिलाफ टीके की प्रभावशीलता 90 प्रतिशत से गिर गई, जबकि डेल्टा ने अभी तक महत्वपूर्ण कर्षण प्राप्त नहीं किया था, जून के मध्य से जुलाई के मध्य तक 80 प्रतिशत से कम हो गया, जब डेल्टा ने वायरस के अन्य सभी प्रकारों से मुकाबला करना शुरू कर दिया. वाशिंगटन पोस्ट ने बताया कि पूरी अवधि के दौरान अस्पताल में भर्ती होने और मृत्यु के खिलाफ प्रभावशीलता में बमुश्किल कोई गिरावट देखी गई.

एमोरी यूनिवर्सिटी के एक वायरोलॉजिस्ट मेहुल सुथर ने कहा, 'अभी भी 80 प्रतिशत हासिल करना एक बहुत अच्छी संख्या है. ये टीके अभी भी एक अत्यधिक पारगम्य संस्करण के खिलाफ हैं.'

यह भी पढ़ें- कोविड हमें पारंपरिक स्कूली परीक्षाओं को खत्म करने पर विचार करने का मौका देता है

एक दूसरे अध्ययन से पता चला है कि कोविड-19 के लिए मॉडर्ना का टीका फाइजर या जॉनसन एंड जॉनसन की तुलना में सार्स-कोव 2 वायरस के डेल्टा संस्करण के खिलाफ काफी अधिक प्रभावी है. इसने सुझाव दिया कि मॉडर्न 18 वर्ष और उससे अधिक उम्र के वयस्कों में अस्पताल में भर्ती होने से रोकने में 95 प्रतिशत प्रभावी था, जबकि फाइजर 80 प्रतिशत प्रभावी और जॉनसन एंड जॉनसन 60 प्रतिशत प्रभावी रहा.

अमेरिका में इंडियाना विश्वविद्यालय के शोधकर्ता शॉन ग्रैनिस ने कहा, 'ये वास्तविक दुनिया के आंकड़े बताते हैं कि नए कोविड-19 संस्करण की उपस्थिति में भी, कोविड-19 संबंधित अस्पताल में भर्ती और आपातकालीन विभाग के दौरे को कम करने में टीके अत्यधिक प्रभावी हैं.'

जब डेल्टा वेरिएंट प्रमुख तनाव बन गया, तब अध्ययन के लिए टीम ने जून, जुलाई और अगस्त 2021 के दौरान नौ राज्यों से 32,000 से अधिक 'चिकित्सा मुठभेड़ों' का विश्लेषण किया.

(आईएएनएस)

वॉशिंगटन : अमेरिका में जो बाइडेन प्रशासन ने अधिक से अधिक लोगों को टीका लगवाने के प्रयास तेज कर दिए हैं, वहीं यूएस सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (सीडीसी) ने तीन नए अध्ययनों में कुछ आबादी में प्रतिरक्षा कम होने पर चिंताओं के बीच भी मृत्युदर को रोकने में कोविड शॉट्स के महत्व पर जोर दिया गया है. अध्ययन का निष्कर्ष एजेंसी की रुग्णता और मृत्युदर साप्ताहिक रिपोर्ट में आया है.

एक अध्ययन से पता चला है कि जिन लोगों को नोवेल कोरोना वायरस बीमारी का टीका नहीं लगाया जाता है, उनके शॉट लेने वालों की तुलना में संक्रमण से मरने की संभावना 10 गुना अधिक होती है.

निष्कर्षो से पता चला है कि वर्तमान में उपलब्ध कोविड-19 जैब्स अधिकांश लोगों को अस्पताल में भर्ती होने और मृत्यु के खिलाफ मजबूत सुरक्षा प्रदान करते हैं, यहां तक कि डेल्टा वृद्धि के दौरान भी. हालांकि, टीकाकरण की स्थिति की परवाह किए बिना, वृद्धावस्था समूहों में उच्च अस्पताल में भर्ती और मृत्युदर देखी जाती है.

अध्ययन के लिए, सीडीसी ने 13 राज्यों और शहरों में 4 अप्रैल से 17 जुलाई तक रिपोर्ट किए गए 6,00,000 से अधिक कोविड-19 मामलों, अस्पताल में भर्ती होने और 18 वर्ष और उससे अधिक उम्र के लोगों की मृत्यु के आंकड़ों का विश्लेषण किया.

संक्रमण के खिलाफ टीके की प्रभावशीलता 90 प्रतिशत से गिर गई, जबकि डेल्टा ने अभी तक महत्वपूर्ण कर्षण प्राप्त नहीं किया था, जून के मध्य से जुलाई के मध्य तक 80 प्रतिशत से कम हो गया, जब डेल्टा ने वायरस के अन्य सभी प्रकारों से मुकाबला करना शुरू कर दिया. वाशिंगटन पोस्ट ने बताया कि पूरी अवधि के दौरान अस्पताल में भर्ती होने और मृत्यु के खिलाफ प्रभावशीलता में बमुश्किल कोई गिरावट देखी गई.

एमोरी यूनिवर्सिटी के एक वायरोलॉजिस्ट मेहुल सुथर ने कहा, 'अभी भी 80 प्रतिशत हासिल करना एक बहुत अच्छी संख्या है. ये टीके अभी भी एक अत्यधिक पारगम्य संस्करण के खिलाफ हैं.'

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एक दूसरे अध्ययन से पता चला है कि कोविड-19 के लिए मॉडर्ना का टीका फाइजर या जॉनसन एंड जॉनसन की तुलना में सार्स-कोव 2 वायरस के डेल्टा संस्करण के खिलाफ काफी अधिक प्रभावी है. इसने सुझाव दिया कि मॉडर्न 18 वर्ष और उससे अधिक उम्र के वयस्कों में अस्पताल में भर्ती होने से रोकने में 95 प्रतिशत प्रभावी था, जबकि फाइजर 80 प्रतिशत प्रभावी और जॉनसन एंड जॉनसन 60 प्रतिशत प्रभावी रहा.

अमेरिका में इंडियाना विश्वविद्यालय के शोधकर्ता शॉन ग्रैनिस ने कहा, 'ये वास्तविक दुनिया के आंकड़े बताते हैं कि नए कोविड-19 संस्करण की उपस्थिति में भी, कोविड-19 संबंधित अस्पताल में भर्ती और आपातकालीन विभाग के दौरे को कम करने में टीके अत्यधिक प्रभावी हैं.'

जब डेल्टा वेरिएंट प्रमुख तनाव बन गया, तब अध्ययन के लिए टीम ने जून, जुलाई और अगस्त 2021 के दौरान नौ राज्यों से 32,000 से अधिक 'चिकित्सा मुठभेड़ों' का विश्लेषण किया.

(आईएएनएस)

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