अमृतसर: पंजाब के अमृतसर में श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह जी ने कहा है कि सरकारों को राजनीतिक स्वार्थों के चलते पंजाब में आतंक का माहौल बनाने से बचना चाहिए. जत्थेदार ने संदेश जारी करते हुए यह भी कहा है कि जो लोकतंत्र में रहते हैं और अपने अधिकारों की बात करते हैं, वे युवा हैं. उनके साथ सरकारी जबरदस्ती और अवैध हिरासत की प्रथा का पालन न करें.
पंजाब पहले ही काफी कुछ झेल चुका है और अब जरूरत है बेहतर भविष्य की ओर बढ़ने की. जत्थेदार ने कहा है कि पिछली सरकारों के जुल्म के पंजाब की यादों में आज भी गहरे जख्म हैं. जत्थेदार ने अपने संदेश में कहा है कि समय-समय पर सरकारों के भेदभाव और ज्यादतियों के खिलाफ सिख युवाओं की मानसिकता में भारी असंतोष है, लेकिन वे उन्हें दिशाहीन करने के लिए सिख युवाओं की भावनाओं के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं.
उन्होंने कहा कि बड़ी ताकतें लगातार बलि का बकरा बनाने के अवसर तलाश रही हैं. उन्होंने सिख युवाओं को संघर्ष का रास्ता अपनाने के बजाय अपने बौद्धिक और शैक्षणिक विकास के रास्ते पर चलने की सलाह भी दी है. उन्होंने कहा कि तत्कालीन संस्थाओं की योजना बहुत गंभीर है, जिससे युवाओं को ऐसे किसी भी प्रलोभन में शामिल होने से बचना चाहिए, जिससे सरकार को सिख युवाओं पर अत्याचार करने का अवसर मिले.
पढ़ें: Unrest In Punjab: लुधियाना में धरना प्रदर्शन की कोशिश कर रहे अमृतपाल के 21 समर्थक हिरासत में
उन्होंने कहा कि सिखों को धार्मिक और राजनीतिक रूप से कमजोर करने की सरकार की नीति से सिखों में एक शून्य और अशांति पैदा होती है और यह प्रथा न तो सरकार और न ही पंजाब के हित में है. इस पर हम सभी को विचार करने की जरूरत है. सिंह साहिब जी ने यह भी कहा कि सिखों में अलगाववाद की भावना पैदा करने में सरकारों की बड़ी भूमिका रही है. उन्होंने कहा कि राजनीति और सत्ता के लिए सरकारों को अल्पसंख्यकों के युवाओं में भय और अलगाव की भावना पैदा करने से बचना चाहिए, ताकि युवा भटके नहीं.