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भारतीय संस्कृति की सबसे बड़ी ताकत है एकता : नितिन गडकरी - नागपुर

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने रविवार को कहा कि एकता, भारतीय संस्कृति की सबसे बड़ी ताकत है और यही तथ्य देश को विश्व गुरु बनाने के लिए सबसे अहम कारक रहा.

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Published : Oct 24, 2021, 8:30 PM IST

नागपुर : एक मीडिया समूह द्वारा उसके नागपुर संस्करण के स्वर्ण जयंती उत्सव के मौके पर आयोजित एक अंतर-धार्मिक सम्मेलन के दौरान सांप्रदायिक सौहार्द के समक्ष वैश्विक चुनौतियां तथा भारत की भूमिका विषय पर संबाधित करते हुए वरिष्ठ भाजपा नेता गडकरी ने कहा कि भारतीय संस्कृति वास्तविक तौर पर धर्मनिरपेक्ष है.

उन्होंने कहा कि सभी संस्कृतियों, धर्मों, समुदायों और विचारधाराओं का सम्मान करना भारतीय परंपरा रही है जो किसी धर्म से जुड़ा मसला नहीं है. गडकरी ने कहा कि एकता, भारतीय संस्कृति की सबसे बड़ी ताकत है और यही तथ्य हमें विश्व गुरु बनाने के लिए समर्थ बनाता है.

जिसका पूर्वानुमान स्वामी विवेकानंद ने जताया था. आर्ट ऑफ लिविंग के संस्थापक श्री श्री रविशंकर ने कहा कि सभी को मिलकर साथ चलने और एक-दूसरे का सम्मान करने की जरूरत है क्योंकि सभी समुदाय महत्वपूर्ण हैं. वहीं राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने वीडियो संदेश में कहा कि धर्म जोड़ता है, जबकि लोग इसका उपयोग तोड़ने के औजार के तौर पर कर रहे हैं और ऐसा होने के पीछे का कारण पारस्परिक संवाद की कमी होना है.

यह भी पढ़ें-चीन को अगला दलाई लामा चुनने का कोई अधिकार नहीं है : तवांग बौद्धमठ के प्रमुख

योग गुरु बाबा रामदेव, कार्डिनल ओस्वाल्ड ग्रेसियास और अजमेर शरीफ दरगाह के हाजी सैयद सलमान चिश्ती के अलावा अहिंसा विश्वभारती आचार्य लोकेश मुनि समेत अन्य वक्ताओं ने भी कार्यक्रम को संबोधित किया.

(पीटीआई-भाषा)

नागपुर : एक मीडिया समूह द्वारा उसके नागपुर संस्करण के स्वर्ण जयंती उत्सव के मौके पर आयोजित एक अंतर-धार्मिक सम्मेलन के दौरान सांप्रदायिक सौहार्द के समक्ष वैश्विक चुनौतियां तथा भारत की भूमिका विषय पर संबाधित करते हुए वरिष्ठ भाजपा नेता गडकरी ने कहा कि भारतीय संस्कृति वास्तविक तौर पर धर्मनिरपेक्ष है.

उन्होंने कहा कि सभी संस्कृतियों, धर्मों, समुदायों और विचारधाराओं का सम्मान करना भारतीय परंपरा रही है जो किसी धर्म से जुड़ा मसला नहीं है. गडकरी ने कहा कि एकता, भारतीय संस्कृति की सबसे बड़ी ताकत है और यही तथ्य हमें विश्व गुरु बनाने के लिए समर्थ बनाता है.

जिसका पूर्वानुमान स्वामी विवेकानंद ने जताया था. आर्ट ऑफ लिविंग के संस्थापक श्री श्री रविशंकर ने कहा कि सभी को मिलकर साथ चलने और एक-दूसरे का सम्मान करने की जरूरत है क्योंकि सभी समुदाय महत्वपूर्ण हैं. वहीं राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने वीडियो संदेश में कहा कि धर्म जोड़ता है, जबकि लोग इसका उपयोग तोड़ने के औजार के तौर पर कर रहे हैं और ऐसा होने के पीछे का कारण पारस्परिक संवाद की कमी होना है.

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योग गुरु बाबा रामदेव, कार्डिनल ओस्वाल्ड ग्रेसियास और अजमेर शरीफ दरगाह के हाजी सैयद सलमान चिश्ती के अलावा अहिंसा विश्वभारती आचार्य लोकेश मुनि समेत अन्य वक्ताओं ने भी कार्यक्रम को संबोधित किया.

(पीटीआई-भाषा)

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