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ममता का अब्बास सिद्दीकी पर हमला, लगाया भाजपा से पैसे लेने का आरोप

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बिना नाम मुस्लिम धर्मगुरु पीरजादा अब्बास सिद्दीकी पर निशाना साधा. टीएमसी प्रमुख ममता ने आरोप लगाया है कि सिद्दीकी ने भाजपा से साठगांठ कर नई पार्टी आईएसएफ का गठन किया. जिसका मकसद अल्पसंख्यकों का वोट हासिल करना और भगवा दल की मदद करना है.

ममता बनर्जी
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Published : Mar 25, 2021, 3:19 PM IST

कोलकाता : पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भाजपा पर आने वाले विधानसभा चुनाव में अल्पसंख्यकों के वोट हासिल करने के लिए एक नई राजनीतिक पार्टी को समर्थन देने का आरोप लगाया है.

गुरुवार को 24 परगना जिले के पठार प्रतिमा में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए ममता ने किसी दल अथवा व्यक्ति का नाम लिए बिना कहा कि उस पार्टी के संस्थापक को भाजपा से धन मिलता है. उन्होंने कहा, 'भाजपा के आदेश पर राज्य में एक नए राजनीतिक दल का गठन हुआ है, जिसका मकसद अल्पसंख्यकों का वोट हासिल करना और भगवा दल की मदद करना है.

बनर्जी ने कहा कि माकपा और कांग्रेस की भाजपा के साथ साठगांठ है. उन्होंने कहा कि केवल तृणमूल कांग्रेस राज्य में संशोधित नागरिकता कानून तथा एनपीआर को लागू होने से रोक सकती है और विभिन्न समुदायों के बीच मित्रता सुनिश्चित कर सकती है.

यह भी पढ़ें- बरमूडा और साड़ी तक पहुंचा बंगाल का 'खेला', दिलीप घोष को बताया 'बंदर'

इससे साफ है कि ममता बनर्जी का निशाना बंगाल के मुस्लिम धर्मगुरु पीरजादा अब्बास सिद्दीकी पर था, जिन्होंने विधानसभा चुनाव की घोषणा से चंद महीने पहले नए राजनीतिक दल ऑल इंडियन सेक्युलर फ्रंट (आईएसएफ) की स्थापना की थी.

पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में आईएसएफ ने कांग्रेस और वाम दलों से गठबंधन किया है. राजनीतिक जानकारों का कहना है कि अब्बास सिद्दीकी के राजनीति में उतरने से बंगाल में मुस्लिम वोटों का विभाजन हो सकता है, और इससे भाजपा को लाभ मिल सकता है.

कोलकाता : पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भाजपा पर आने वाले विधानसभा चुनाव में अल्पसंख्यकों के वोट हासिल करने के लिए एक नई राजनीतिक पार्टी को समर्थन देने का आरोप लगाया है.

गुरुवार को 24 परगना जिले के पठार प्रतिमा में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए ममता ने किसी दल अथवा व्यक्ति का नाम लिए बिना कहा कि उस पार्टी के संस्थापक को भाजपा से धन मिलता है. उन्होंने कहा, 'भाजपा के आदेश पर राज्य में एक नए राजनीतिक दल का गठन हुआ है, जिसका मकसद अल्पसंख्यकों का वोट हासिल करना और भगवा दल की मदद करना है.

बनर्जी ने कहा कि माकपा और कांग्रेस की भाजपा के साथ साठगांठ है. उन्होंने कहा कि केवल तृणमूल कांग्रेस राज्य में संशोधित नागरिकता कानून तथा एनपीआर को लागू होने से रोक सकती है और विभिन्न समुदायों के बीच मित्रता सुनिश्चित कर सकती है.

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इससे साफ है कि ममता बनर्जी का निशाना बंगाल के मुस्लिम धर्मगुरु पीरजादा अब्बास सिद्दीकी पर था, जिन्होंने विधानसभा चुनाव की घोषणा से चंद महीने पहले नए राजनीतिक दल ऑल इंडियन सेक्युलर फ्रंट (आईएसएफ) की स्थापना की थी.

पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में आईएसएफ ने कांग्रेस और वाम दलों से गठबंधन किया है. राजनीतिक जानकारों का कहना है कि अब्बास सिद्दीकी के राजनीति में उतरने से बंगाल में मुस्लिम वोटों का विभाजन हो सकता है, और इससे भाजपा को लाभ मिल सकता है.

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