उज्जैन। तरह-तरह की मान्यताओं के देश भारत में शादी की की भी अलग-अलग मान्यताएं और परंपराएं हैं, जो दिव्यांगों की शादी पर भी लागू होती है. मध्य प्रदेश के उज्जैन जिले के नागदा में एक ऐसी ही अनूठी शादी हुई, जिसमें दिव्यांग युवती ने अपने दूल्हे के रूप में भगवान श्री कृष्णा ठाकुर जी को चुना. इतना ही नहीं बेटी के परिवार ने पूरे 15 दिनों की भव्य तैयारी के बाद देवउठनी ग्यारस पर अपनी लाडली बेटी की शादी स्थानीय राधा कृष्ण मंदिर में ठाकुर जी से विधि विधान के साथ संपन्न कराई.
बड़ी धूमधाम से की गई शादी: शादी के बाद मंदिर परिसर में ही भव्य प्रतिभोज का भी आयोजन हुआ. इसमें बड़ी संख्या में दिव्यांग बेटी के सभी रिश्तेदार और परिजन शामिल हुए. दरअसल, उज्जैन जिले के नागदा निवासी मकतूलसिंह शेखावत की बालिग दिव्यांग बेटी सुमन कुंवर जन्म से ही हाथ और पैरों से दिव्यांग है. जब उसकी शादी की उम्र हुई तो परिवार को चिंता हुई कि यदि बेटी का कन्यादान नहीं हुआ, तो इसका दोष पूरे परिवार को लगेगा.
इसके बाद सुमन कुंवर से जब उसकी इच्छा पूछी गई, तो उसने अपनी शादी भगवान श्री कृष्ण, जिन्हें वह ठाकुर जी कहती थी, उनसे करने की इच्छा जताई. दिव्यांग बेटी की इस इच्छा के कारण उसके परिजन भी सहर्ष राजी हो गए. इसके बाद घर परिवार में सामान्य शादी की तरह ही लगातार 15 दिन तक शादी की तैयारी हुई. सभी नाते रिश्तेदारों को निमंत्रण दिए गए. शादी की तमाम रस्म नागदा के बड़ा गणपति मंदिर के पास राधाकृष्ण मंदिर में गुरुवार को देवउठनी ग्यारस के दिन की गई.
मंत्र उच्चारण के साथ संपन्न हुई शादी: इस दौरान सभी रिश्तेदारों के बीच शादी के मंत्र उच्चारण के साथ परिवार के पंडित जी द्वारा संपन्न कराई गई. इस दौरान दिव्यांग बेटी सुमन कुंवर के सात फेरे मंदिर में ठाकुर जी की प्रतिमा के साथ कराए गए. इस अनूठी शादी के बारे में जिसने भी सुना वह आश्चर्य में पड़ गया. नागदा में ठाकुरजी की प्रतिमा से शादी करने का यह पहला और एकमात्र मामला बिरलाग्राम के ई-ब्लॉक निवासी मकतूलसिंह शेखावत के परिवार में हुआ.
मकतूलसिंह ग्रेसिम केमिकल फैक्टरी में कर्मचारी हैं. मकतूलसिंह की इकलौती बेटी सुमन कुंवर है तथा इसका छोटा भाई राकेश सिंह है. सुमन कुंवर के काका छोटूसिंह और मामा रतिपाल सिंह ने बताया सुमन कुंवर बचपन से ही हाथ-पैरों से दिव्यांग है. ठीक से बोल भी नहीं पाती है. व्हीलचेयर पर ही उसे लाना-ले जाना पड़ता है. सुमन कुंवर ने ही ठाकुरजी से शादी करने की इच्छा जताई थी. इसके बाद परिवार की सामान्य बेटी की तरह ही सुमन की भव्य शादी कराई गई है.