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काशी में राम नाम का अनोखा बैंक, चलता है केवल राम का नाम, कर्ज से पूरी होती है मुराद, जानिए खासियत - राम नाम का बैंक

वाराणसी में राम नाम का अनोखा बैंक है. राम रमापति नाम के इस बैंक में पूरी दुनिया के लोगों ने अपने खाते खोल रखे हैं. रामनवमी पर काफी संख्या में लोग यहां पहुंचते हैं.

वाराणसी में राम नाम का अनोखा बैंक है.
वाराणसी में राम नाम का अनोखा बैंक है.
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Published : Mar 30, 2023, 11:18 AM IST

वाराणसी में राम नाम का अनोखा बैंक है.

वाराणसी : आपने वित्तीय लेन-देन वाले बैंकों के नाम सुन रखे होंगे, लेकिन शहर में राम के नाम वाला एक अनोखा बैंक भी है. हर साल रामनवमी पर यहां भक्तों की भीड़ जुटती है. यहां से राम के नाम का कर्ज मिलता है. इससे लोग अपनी तकलीफों काे दूर करते हैं. इस बैंक में 19 अरब से ज्यादा राम नाम जमा है. पूरी दुनिया के लोग इस बैंक के खाताधारक हैं. मान्यता है कि यह बैंक लोगों काे लोक और परलोक सुधारने में उनकी मदद करता है.

मीरघाट, त्रिपुरा भैरवी इलाके में संचालित राम रमापति बैंक अनूठा बैंक है. यहां राम नाम का कर्ज मिलता है. श्री काशी विश्वनाथ मंदिर से कुछ ही दूरी पर यह बैंक है. 96 सालों से इस बैंक का संचालन मेहरोत्रा परिवार की तरफ से किया जा रहा है. खास बात यह है कि बैंकिंग सेवा में जिस तरह से अलग-अलग पद होते हैं, वैसे ही यहां पर मैनेजर की भूमिका दास कृष्ण चंद्र निभाते हैं. बैंक में खाताधारकों की संख्या तेजी से बढ़ रही है.

बैंक से देश के अलावा विदेश के भी लोगों की आस्था जुड़ी हुई है.
बैंक से देश के अलावा विदेश के भी लोगों की आस्था जुड़ी हुई है.

19 अरब राम के नाम जमा : भारत के कोने-कोने से ही नहीं बल्कि कनाडा, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, स्विट्जरलैंड, जापान जैसे देशों के भी लोगों ने अपने खाते इस बैंक में खोल रखे हैं. बैंक के उत्सव प्रबंधक सुमित मेहरोत्रा ने बताया कि यह रमा के पति के नाम का बैंक है, वह रमा जिसे माता सीता के नाम से जाना जाता है. इस बैंक में देश-दुनिया के लाखों सनातनी जुड़े हैं. 19 अरब, 42 करोड़, 34 लाख, 25 हजार हाथों से लिखे राम के नाम यहां जमा हैं.

वाराणसी के अनोखे बैंक से लोगों की आस्था जुड़ी हुई है.
वाराणसी के अनोखे बैंक से लोगों की आस्था जुड़ी हुई है.

8 महीने 10 दिन तक लिखना होता है नाम : उत्सव प्रबंधक सुमित मेहरोत्रा ने बताया कि रामनवमी के मौके पर सैकड़ों लोग खाता खोलने के लिए आते हैं. युवाओं की भी संख्या तेजी से बढ़ रही है. कुछ नियमों के साथ इस बैंक में खाता खुलता है. बैंक की तरफ से ही कर्ज के रूप में कलम-दवात और राम नाम लिखने के लिए किलविश के पेड़ की डंडी दी जाती है. इस पर ब्रह्म मुहूर्त में तड़के सुबह 4:00 बजे से सुबह 7:00 बजे तक राम का नाम लिखना होता है. 8 महीने 10 दिन में सवा लाख राम का नाम लिखकर इसे जमा करना होता है. इस दौरान प्याज, लहसुन और बाहरी खानपान से दूरी बनाकर रखनी पड़ती है.

शत्रुघ्न सिन्हा के परिवार के लोग भी कर चुके हैं अनुष्ठान : सुमित बताते हैं कि खाताधारक यहां पर अपनी स्वेच्छा से खाता खोलते हैं. अपनी मनोकामना भगवान रामलला से कहने के बाद अपने अनुष्ठान को शुरू करते हैं. यही वजह है कि यहां पूर्व में लाल बहादुर शास्त्री की मां और सिने स्टार शत्रुघ्न सिन्हा के परिवार के लोग भी राम नाम का अनुष्ठान उठा चुके हैं. 1926 में रामनवमी के दिन ही इस बैंक की स्थापना दास छन्नूलाल ने बाबा सत्यराम दास के निर्देश पर की थी. तब से लेकर अब तक यह राम नाम का अनूठा बैंक संचालित हो रहा है. बैंक में राम नाम की संख्या तेजी से बढ़ती जा रही है. बैंक की खाताधारक मीरा देवी ने बताया कि उन्होंने एक दो नहीं बल्कि कई बार राम नाम का अनुष्ठान अपनी मनोकामना सिद्धि के लिए उठाया है. हर बार प्रभु श्रीराम का आशीर्वाद उन्हें मिला है.

यह भी पढ़ें : माता सिद्धिदात्री देवी के दर्शन करने से ही नवरात्रि के व्रत को माना जाता है पूर्ण

वाराणसी में राम नाम का अनोखा बैंक है.

वाराणसी : आपने वित्तीय लेन-देन वाले बैंकों के नाम सुन रखे होंगे, लेकिन शहर में राम के नाम वाला एक अनोखा बैंक भी है. हर साल रामनवमी पर यहां भक्तों की भीड़ जुटती है. यहां से राम के नाम का कर्ज मिलता है. इससे लोग अपनी तकलीफों काे दूर करते हैं. इस बैंक में 19 अरब से ज्यादा राम नाम जमा है. पूरी दुनिया के लोग इस बैंक के खाताधारक हैं. मान्यता है कि यह बैंक लोगों काे लोक और परलोक सुधारने में उनकी मदद करता है.

मीरघाट, त्रिपुरा भैरवी इलाके में संचालित राम रमापति बैंक अनूठा बैंक है. यहां राम नाम का कर्ज मिलता है. श्री काशी विश्वनाथ मंदिर से कुछ ही दूरी पर यह बैंक है. 96 सालों से इस बैंक का संचालन मेहरोत्रा परिवार की तरफ से किया जा रहा है. खास बात यह है कि बैंकिंग सेवा में जिस तरह से अलग-अलग पद होते हैं, वैसे ही यहां पर मैनेजर की भूमिका दास कृष्ण चंद्र निभाते हैं. बैंक में खाताधारकों की संख्या तेजी से बढ़ रही है.

बैंक से देश के अलावा विदेश के भी लोगों की आस्था जुड़ी हुई है.
बैंक से देश के अलावा विदेश के भी लोगों की आस्था जुड़ी हुई है.

19 अरब राम के नाम जमा : भारत के कोने-कोने से ही नहीं बल्कि कनाडा, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, स्विट्जरलैंड, जापान जैसे देशों के भी लोगों ने अपने खाते इस बैंक में खोल रखे हैं. बैंक के उत्सव प्रबंधक सुमित मेहरोत्रा ने बताया कि यह रमा के पति के नाम का बैंक है, वह रमा जिसे माता सीता के नाम से जाना जाता है. इस बैंक में देश-दुनिया के लाखों सनातनी जुड़े हैं. 19 अरब, 42 करोड़, 34 लाख, 25 हजार हाथों से लिखे राम के नाम यहां जमा हैं.

वाराणसी के अनोखे बैंक से लोगों की आस्था जुड़ी हुई है.
वाराणसी के अनोखे बैंक से लोगों की आस्था जुड़ी हुई है.

8 महीने 10 दिन तक लिखना होता है नाम : उत्सव प्रबंधक सुमित मेहरोत्रा ने बताया कि रामनवमी के मौके पर सैकड़ों लोग खाता खोलने के लिए आते हैं. युवाओं की भी संख्या तेजी से बढ़ रही है. कुछ नियमों के साथ इस बैंक में खाता खुलता है. बैंक की तरफ से ही कर्ज के रूप में कलम-दवात और राम नाम लिखने के लिए किलविश के पेड़ की डंडी दी जाती है. इस पर ब्रह्म मुहूर्त में तड़के सुबह 4:00 बजे से सुबह 7:00 बजे तक राम का नाम लिखना होता है. 8 महीने 10 दिन में सवा लाख राम का नाम लिखकर इसे जमा करना होता है. इस दौरान प्याज, लहसुन और बाहरी खानपान से दूरी बनाकर रखनी पड़ती है.

शत्रुघ्न सिन्हा के परिवार के लोग भी कर चुके हैं अनुष्ठान : सुमित बताते हैं कि खाताधारक यहां पर अपनी स्वेच्छा से खाता खोलते हैं. अपनी मनोकामना भगवान रामलला से कहने के बाद अपने अनुष्ठान को शुरू करते हैं. यही वजह है कि यहां पूर्व में लाल बहादुर शास्त्री की मां और सिने स्टार शत्रुघ्न सिन्हा के परिवार के लोग भी राम नाम का अनुष्ठान उठा चुके हैं. 1926 में रामनवमी के दिन ही इस बैंक की स्थापना दास छन्नूलाल ने बाबा सत्यराम दास के निर्देश पर की थी. तब से लेकर अब तक यह राम नाम का अनूठा बैंक संचालित हो रहा है. बैंक में राम नाम की संख्या तेजी से बढ़ती जा रही है. बैंक की खाताधारक मीरा देवी ने बताया कि उन्होंने एक दो नहीं बल्कि कई बार राम नाम का अनुष्ठान अपनी मनोकामना सिद्धि के लिए उठाया है. हर बार प्रभु श्रीराम का आशीर्वाद उन्हें मिला है.

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