अनाकापाल्ले: शादी समारोहों में शादी के कार्ड का विशेष महत्व होता है. विभिन्न रूपों में खूबसूरत शादी के कार्ड को अपने निकट और प्रियजनों को दिया जाता है. शादी का कार्ड कितना भी अच्छा क्यों न हो लेकिन शादी समारोह में शामिल होने के बाद रिश्तेदार इसे छोड़कर चले जाते हैं. इसलिए आंध्र प्रदेश के अनाकापाल्ले जिले के मुनागपाका निवासी विल्लुरी नुका नरसिंगराव (Villuri Nooka Narasingarao of Munagapaka) अपने बेटे की शादी के कार्ड को यादगार बनाना चाहते थे.
फिर विल्लुरी नुका ने बेटे की शादी के कार्ड को एक नए तरीके से छपवाया. जिसकी उन्हें उम्मीद थी. यह आइडिया उन्हें 7 साल पहले आया था. उस समय किसी ने शादी समारोह में शामिल होने के लिए उन्हें किताब रूपी शादी कार्ड भेंट किया था. विल्लुरी नुका ने उस कार्ड का एक साल तक इस्तेमाल किया और बहुत कुछ लिखा. इसलिए उस समय उन्होंने अपने बेटे की शादी के लिए एक अभिनव कार्ड छपवाने का फैसला किया.
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उनके कॉन्सेप्ट को वर और वधू ने भी स्वीकार किया और प्रोत्साहित किया. शादी का कार्ड एक नोटबुक की शैली में छपवाया गया. कार्ड के फ्रंट साइड में शादी का विवरण और पीछे की तरफ दूल्हा-दुल्हन की तस्वीरें लगायी गयी. और बीच में 80 पन्नों की किताब है. प्रत्येक कार्ड के लिए उन्होंने 40/- रुपये खर्च किए. इस तरह शादी के 700 कार्ड छपवाकर बांटे गए. रिश्तेदार और स्थानीय लोग इस कार्ड को देखकर खुश हैं. दूल्हे के पिता नरसिंह राव का इरादा है कि शादी का कार्ड कुछ समय के लिए अद्वितीय और उपयोगी हो और साथ ही लोग शादी के बारे में कुछ समय के लिए न भूलें. कार्ड को हमेशा के लिए याद रखें.