ग्वालियर : कृषि बिल कानून के विरोध में लंबे समय से धरने पर बैठे किसानों को लेकर केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने बड़ा बयान दिया है. केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने किसान आंदोलन करने वाले नेताओं से कहा है कि मैं किसान आंदोलन करने वाले नेताओं से कहना चाहता हूं कि, 'किसानों की नुमाइंदगी करें, लेकिन इसके साथ कोरोना गाइड लाइन का भी पालन करते रहे. किसानों की जान को जोखिम में ना डालें'
किसान आंदोलन को खत्म करने की अपील
केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने मीडिया से बात करते हुए किसान नेताओं से कहा कि किसान नेता इस आंदोलन को खत्म करें और सरकार के पास प्रस्ताव लेकर आएं और बात करें. उन्होंने कहा कि इस समय कोरोना संक्रमण काल है और ऐसे में आंदोलन करने वाले किसानों के जीवन पर संकट है, लेकिन कुछ किसान नेता ऐसे हैं जो अपनी रोटी सेकने के लिए इस आंदोलन को और हवा दे रहे हैं. ऐसे में तोमर ने कहा है कि सभी किसान भाई अपना प्रस्ताव लेकर आएं और उस पर बात करें विचार-विमर्श के बाद आगे का रास्ता तय कर लेंगे.
कृषि बिल कानून के विरोध में किसान कर रहे आंदोलन
लंबे समय से कृषि बिल कानून के विरोध में देश के किसान आंदोलन कर रहे हैं. वह सर्दी, गर्मी और बारिश के मौसम में भी लगातार सड़कों पर डटे हुए हैं. किसानों के इस आंदोलन को 6 महीने से ज्यादा का समय होने वाला है. साथ ही इस समय कोरोना संक्रमण काल है, ऐसे में उनके जीवन पर भी काफी संकट है, लेकिन वह कृषि बिल कानून को रद्द कराने के लिए अड़े हुए हैं. यही वजह है केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के गृह जिले ग्वालियर से भी हजारों किसान दिल्ली की सड़कों पर जमे हैं. उनका कहना है कि आंदोलन तभी खत्म होगा जब केंद्र सरकार कृषि में कानून को रद्द कर देगी.
सरकार डीएपी पर दे रही 1,200 रुपये सब्सिडी
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि मोदी सरकार किसानों के हितों के लिए प्रतिबद्ध है. पिछले दिनों सरकार ने किसान सम्मान निधि के तहत 20 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा की राशि किसानों के खातों में डाली. मंत्री ने कहा कि पहले डीएपी (di-ammonium phosphate) की अंतरराष्ट्रीय भाव बढ़ने के बाद भी सरकार ने डीएपी का कट्टे के भाव नहीं बढ़ाया है. पहले डीएपी का कट्टा 1,700 रुपये में मिलता था, तब सरकार 500 रुपये सब्सिडी देती थी. लेकिन अब कट्टे का अंतरराष्ट्रीय भाव 2,400 रुपये हो गई है. लेकिन फिर भी सरकार ने कट्टे का भाव नहीं बढ़ाया है. जिससे किसानों को 1,200 रुपये में ही डीएपी का कट्टा मिल रहा है.
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