पटना : पटना में दिनभर गहमा-गहमी रही. जेडीयू के राज्यसभा सांसद आरसीपी सिंह (Union Minister RCP Singh) के आवास पर लोगों का आना-जाना लगा रहा. इसी बीच शाम ढ़लते ही आरसीपी सिंह नीतीश कुमार से मिलने पहुंच गए. महत्वपूर्ण बात यह रही कि नीतीश कुमार के साथ बैठक के दौरान इन दोनों के अलावा ललन सिंह भी मौजूद रहे. हालांकि बाहर निकलकर आरसीपी सिंह ने कुछ भी कहने से इंकार कर दिया. सवाल उठता है कि 45 मिनट तक किस मुद्दे पर बात हुई.
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RCP निकले अकेले तो ललन के साथ नीतीश : मुलाकात के बाद आरसीपी सिंह बिना किसी लाव लश्कर के अपनी गाड़ी में अकेले ही बाहर निकले. संवाददाताओं ने उनसे बातचीत की भी कोशिश की पर कह बिना कुछ बोले निकल गए. वहीं कुछ देर बाद जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एक ही गाड़ी में निकले. दोनों नेता शादी समारोह में शामिल होने गए. कहा जा रहा है कि नीतीश कुमार अति पिछड़ा कार्ड खेल सकते हैं. पूर्व मंत्री शैलेश कुमार पर दांव लगाया जा सकता है.
बता दें कि केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह के राजनीतिक भविष्य पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं. आरसीपी सिंह (RCP Singh Rajya Sabha Candidate) के राज्यसभा (Rajya Sabha Elections 2022) टिकट पर फैसला नहीं लिया जा सका है. आरसीपी सिंह और उनके समर्थकों की निगाहें अब नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) पर टिकी हैं. आरसीपी सिंह की बीजेपी से बढ़ती नजदीकियों ने भी सीएम नीतीश कुमार के लिए मुश्किलें बढ़ाने का काम किया है. इस बीच दिल्ली से पटना लौटे सिंह ने साफ-साफ शब्दों में कहा है कि राज्यसभा भेजना सीएम के हाथ में है.
''मैंने जदयू में आरंभ से संगठन के विस्तार के लिए काम किया. हर समय कार्यकर्ताओं के सम्मान के लिए प्रयास किए. पार्टी को कैसे बूथ स्तर पर पुहंचाया जाय इसके लिए पूरी लगन से काम किया. अब पार्टी को फैसला करना है कि उन्होंने जदयू के लिए क्या किया. पार्टी के संगठन महासचिव व राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में बिहार का दौरा कर कार्यकर्ताओं के सुख दुख में शामिल हुआ. अब जदयू कैडर बेस पार्टी बनकर अन्य दलों से मजबूत स्थिति में है.''- रामचन्द्र प्रसाद सिंह, केन्द्रीय इस्पात मंत्री
ललन-उपेंद्र ने बढ़ाई सिंह की मुसीबत : इधर आरसीपी सिंह के खिलाफ ललन सिंह और उपेंद्र कुशवाहा मजबूती से लगे हैं. दोनों नेताओं की मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से 7 सर्कुलर रोड में मुलाकात भी हुई है.आरसीपी सिंह भी मानते हैं कि टिकट पर अंतिम फैसला नीतीश कुमार को करना है.आरसीपी सिंह ने अपने बयान में कहा कि राज्यसभा टिकट पर फैसला नीतीश कुमार को लेना है जाहिर तौर पर उन्हें ललन सिंह और उपेंद्र कुशवाहा से उम्मीद नहीं है. उनके बयानों से यह भी स्पष्ट है कि उनके राह में रोड़ा ललन सिंह और उपेंद्र कुशवाहा हैं.
RCP के ट्विटर से भी गायब हुई JDU : केन्द्रीय मंत्री आरसीपी ने अपने ट्विटर हैंडल के बारे में सवालों को भी टाल दिया था जिसमें जेडीयू (JDU) के साथ उनके जुड़ाव का कोई उल्लेख अब नहीं है. हालांकि, इसमें उनके राजनीतिक जीवन और उनके नौकरशाही और शैक्षणिक करियर के अन्य सभी विवरण मौजूद हैं. बता दें कि आरसीपी सिंह की सीट बिहार से राज्यसभा की उन पांच सीटों में शामिल है जहां चुनाव होने हैं. एक साल पहले नरेंद्र मोदी मंत्रिमंडल में शामिल हुए केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह का राज्यसभा में लगातार दूसरा कार्यकाल चल रहा है.
विधायकों को गोलबंद करने में जुटे हैं आरसीपी : नीतीश कुमार के लिए भी केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह और राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह के झगड़े को सुलझाना आसान नहीं है. ललन सिंह जहां जिद पर अड़े हैं. वहीं आरसीपी सिंह अपने पक्ष के विधायकों की गोलबंदी में जुटे हैं. मिल रही जानकारी के मुताबिक आरसीपी सिंह 17 विधायकों का समर्थन जुटा रखा है. यह बात दीगर है कि आरसीपी सिंह के दावत-ए-इफ्तार कार्यक्रम में तीन विधायक पहुंचे थे.
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