उत्तरकाशी (उत्तराखंड): केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने रविवार को सिलक्यारा पहुंचकर सुरंग में फंसे मजदूरों को बचाने के लिए चलाए जा रहे रेस्क्यू ऑपरेशन का जायजा लिया. इस दौरान उन्होंने कहा कि सुरंग के अंदर फंसे लोगों की भारत सरकार को चिंता है. उन्हें बाहर निकालना सरकार की पहली प्राथमिकता है. साथ ही कहा कि यह आपदा के साथ लड़ाई है, जिससे मिलकर जीतेंगे. वहीं, मंत्री गडकरी ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के साथ रेस्क्यू ऑपरेशन की प्रगति की समीक्षा भी की.
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उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में निर्माणाधीन सिलक्यारा टनल का एक हिस्सा ढहने से सुरंग के अंदर फंसे 41 मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकालने के लिए जारी राहत और बचाव कार्य (रेस्क्यू ऑपरेशन) का आज केंद्रीय मंत्री श्री @nitin_gadkari जी ने मुख्यमंत्री श्री @pushkardhami जी के साथ स्थलीय… pic.twitter.com/7uoN405wbU
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केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि सिलक्यारा सुरंग में फंसे लोगों को बचाने के लिए केंद्र और राज्य सरकार की एजेंसियां मिलकर काम कर रही है. हिमालय में मिट्टी की प्रोफाइल एक जैसी नहीं है. अभी सुरंग के अंदर फंसे लोगों को बचाने के लिए 6 प्लान पर काम किया जा रहा है. निजी क्षेत्र के ऐसे विशेषज्ञ, जो सुरंग निर्माण को लेकर विशेषज्ञता रखते हैं, उन्हें भी बुलाया गया है.
अंदर फंसे लोगों को खाना, दवाइयां भी पहुंचाई जा रही है. उनके रेस्क्यू के लिए सुरंग के ऊपर और दाएं व बाएं से भी ड्रिलिंग शुरू की जा रही है. मंत्री गडकरी ने कहा कि हिमालयी भूभाग में मिट्टी की प्रोफाइल विविधता भरी है. कहीं पर मिट्टी मुलायम और कहीं पत्थर व कठोर चट्टानें भी है. ऑगर मशीन से ड्रिलिंग शुरू हुई थी, लेकिन बाद में उसके आगे किसी कठोर वस्तु के आने से ड्रिलिंग नहीं हो पाई.
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सुरंग में फंसे लोगों को बचाने के लिए रेलवे से लेकर ओएनजीसी, आईआईटी के विशेषज्ञों की भी मदद ली जा रही है. इसके अलावा अमेरिकी ऑगर मशीन के इंजीनियर्स से भी मदद ली जा रही है. बैकअप में एक और मशीन रखी गई है. उन्होंने कहा कि सुरंग में फंसे लोगों को बचाने लिए दिन और रात काम किया जा रहा है. हिमालय का भूगर्भ चुनौतीपूर्ण हैं, लेकिन अंदर फंसे लोगों को बचाने में जरूर सफलता मिलेगी.
ऑगर मशीन का विकल्प सबसे अच्छा: केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि ऑगर मशीन के कंपन के कारण और ज्यादा भूस्खलन की बात कही जा रही थी, लेकिन ऑगर मशीन से ड्रिलिंग ही सबसे अच्छा विकल्प है. जिससे अंदर फंसे लोगों तक सबसे जल्दी पहुंचा जा सकता है. उन्होंने कहा कि ऑगर मशीन से पाइप अंदर जाएंगे, जिससे लोग अंदर से बाहर आ जाएंगे.
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घटना के कारणों की तकनीकी समिति करेगी जांच: केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि सुरंग का अचानक बीच में से गिर जाना चिंता का विषय है. सुरंग में कंक्रीटिंग का काम चल ही रहा था, जो कि 80 मीटर तक हुई है. उनका कहना है कि इस घटना के तकनीकी कारणों की जांच के लिए राज्य के साथ केंद्र की ओर से अलग से तकनीकी समिति गठित की जाएगी.
वहीं, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी और सीएम पुष्कर सिंह धामी ने सुरंग के अंदर फंसे मजदूरों के परिजनों से भी मुलाकात की. उन्होंने मजदूरों के परिजनों को विश्वास दिलाया कि वो जल्द ही फंसे मजदूरों को सुरक्षित निकालेंगे. साथ कहा कि घबराने की जरूरत नहीं है. सरकार पूरी तरह से रात दिन काम कर रही है.