नई दिल्ली : केंद्रीय आवास एवं शहरी कार्य तथा पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने सोमवार को निर्माण श्रमिकों के कौशल प्रशिक्षण के लिए 'निपुण' नामक अभिनव परियोजना अर्थात निर्माण श्रमिकों के कौशल को और बेहतर करने के लिए राष्ट्रीय पहल का शुभारंभ किया. 'निपुण' (National Initiative for Promotion of Upskilling of Nirman workers-NIPUN) परियोजना आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय की दीनदयाल अंत्योदय योजना-राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन (DAI-NULM) की अपनी प्रमुख योजना के तहत एत लाख से अधिक निर्माण श्रमिकों को नए कौशल और अपस्किलिंग कार्यक्रमों के माध्यम से प्रशिक्षित करने की एक पहल है. इससे उन्हें विदेशों में भी काम के अवसर मिलते हैं. इस अवसर पर आवास और शहरी कार्य सचिव मनोज जोशी, कौशल विकास और उद्यमिता, सचिव राजेश अग्रवाल, श्रम और रोजगार मंत्रालय सचिव सुनील बर्थवाल, आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव संजय कुमार भी उपस्थित थे.
अपने संबोधन में हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन के परिवर्तनकारी प्रभाव ने शहरी निवासियों, विशेषकर युवाओं को कौशल और रोजगार के अवसर प्रदान करके शहरी गरीब परिवारों की असुरक्षा को निश्चित रूप से कम कर दिया है. उन्होंने कहा कि शहरी श्रमिकों को स्वरोजगार और कुशल श्रम में रोजगार के अवसर प्रदान करके उद्यमशीलता की भावना को प्रोत्साहित और समर्थित किया गया है. यह पहल निर्माण श्रमिकों को उनकी क्षमताओं को बढ़ाकर और उनके कौशल सेट में विविधता लाकर निर्माण उद्योग में भविष्य के रुझानों को अपनाने की प्रक्रिया में उन्हें अधिक अनुभवी और कुशल बनाने में सहायक होगी.
इस अवसर पर पुरी ने कहा कि वे निर्माण उद्योग में युद्ध स्तर पर अपनाए जाने वाले कौशल को बढ़ाने पर जोर दे रहे हैं, लेकिन अभी तक हम वह हासिल नहीं कर पाए हैं, जो अब तक हो जाना चाहिए था. निर्माण उद्योग कौशल विकास (skilling) में निवेश कर रहा है, लेकिन यह पूरे उद्योग में क्षैतिज रूप से नहीं फैला है. इसलिए, इस संबंध में आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय द्वारा की गई पहल वास्तव में प्रशंसनीय है और इसे बड़ी संख्या में लोगों को कवर करने के लिए विस्तारित किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि कौशल और उत्पादकता साथ-साथ चलते हैं और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसे शुरुआत में ही देख लिया था. मंत्रालय ने प्रौद्योगिकी चुनौतियों का भी सामना किया, जिसके कारण रिकॉर्ड समय में उन छह लाइट हाउस परियोजनाओं का कार्यान्वयन हुआ, जिनमें स्थायी हरित भवनों के निर्माण के लिए प्रौद्योगिकी और स्थानीय सामग्री का उपयोग किया गया था.
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री द्वारा कल नई दिल्ली में प्रगति मैदान एकीकृत ट्रांजिट कॉरिडोर परियोजना की मुख्य सुरंग और पांच अंडरपास राष्ट्र को समर्पित करना, केंद्र सरकार के नए टेम्पलेट को रेखांकित करता है जो यह दर्शाता है कि विश्व स्तर की परियोजना को रिकॉर्ड समय में पूरा किया जा सकता है. पुरी ने यह भी घोषणा की कि सेंट्रल विस्टा एवेन्यू अगले कुछ दिनों में खोल दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि देश के सकल घरेलू उत्पाद में निर्माण उद्योग का महत्वपूर्ण योगदान है और हमें देश में विश्व स्तर के निर्माण पर गर्व है.
केंद्र द्वारा वित्त पोषित परियोजनाओं के सामने तस्वीरें खिंचवाने और उन्हें अपनी परियोजनाओं के रूप में पेश करने के लिए आप सरकार पर तंज कसते हुए, पुरी ने कहा कि आप (Aam Aadmi Party) ने प्रगति मैदान सुरंग निर्माण के लिए धन में अपनी 20 प्रतिशत हिस्सेदारी का भुगतान करने से इनकार कर दिया था. ये वही परियोजना जिसका उद्देश्य लोगों के जीवन को आसान बनाना था.
उन्होंने कहा कि निपुण परियोजना निर्माण श्रमिकों को बेहतर नौकरी के अवसर तलाशने, उनकी मजदूरी बढ़ाने और यहां तक कि विदेशों में काम मिलने (प्लेसमेंट) में भी सक्षम बनाएगी, जो कि एक नए इको-सिस्टम का संकेत है. उन्होंने निजी क्षेत्र को सामाजिक रूप से अधिक जिम्मेदार होने का आह्वान किया. साल 2014 से पहले शहरी क्षेत्र की उपेक्षा की जा रही थी. प्रधानमंत्री ने इसे एक अवसर के रूप में देखा और इससे शहरीकरण में बदलाव आया है. 2004-2014 के बीच आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय की परियोजनाओं पर लगभग 1.57 लाख करोड़ रुपये खर्च किए गए जो पिछले आठ सालों में लगभग आठ गुना बढ़ गया है. उन्होंने कहा कि सेंट्रल विस्टा अगले 250 साल तक रहेगा. निपुण जैसी उपयुक्त कौशल पहल के माध्यम से, हम निर्माण उद्योग के लिए भविष्य की श्रम शक्ति का निर्माण कर रहे हैं जो देश में नवाचार और बड़े पैमाने पर विकास को बढ़ावा देगी.