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Rajasthan Politics: शेखावत-गहलोत में बढ़ी खींचतान, केंद्रीय मंत्री ने सीएम के खिलाफ दर्ज कराया मानहानि का मुकदमा, जानें पूरा मामला

केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के (filed defamation case against CM Gehlot) खिलाफ दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में शनिवार को मानहानि का मुकदमा दर्ज कराया.

filed defamation case against CM Gehlot
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Published : Mar 4, 2023, 5:45 PM IST

जोधपुर. जिले के दो बड़े नेताओं की लड़ाई अब दिल्ली में कोर्ट तक जा पहुंची है. मामला केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत और प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बीच का है. शेखावत जोधपुर से सांसद हैं और गहलोत सूर्यनगरी की सरदारपुरा सीट से विधायक हैं. वहीं, इन दिनों गहलोत लगातार अपने बयानों में प्रदेश में राजनीतिक अस्थिरता से लेकर विकास से जुड़े मुद्दे और संजीवनी क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी घोटाले मामले में शेखावत की भूमिका को लेकर सवाल कर खड़े करते रहे हैं. ऐसे में शनिवार दोपहर केंद्रीय मंत्री शेखावत दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट पहुंचे, जहां उन्होंने राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के खिलाफ खुद को लेकर की जा रही बयानबाजी के मामले में मानहानि का मुकदमा दर्ज करवाया.

दरअसल, केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत और सीएम अशोक गहलोत के बीच जारी खींचतान बीते दो सालों से चल रहा है. वहीं, मौजूदा समय में बयानबाजी इस हद तक बढ़ गई, नौबत मुकदमे तक गई. शनिवार को दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में मानहानि का दावा पेश करने के बाद शेखावत ने कहा कि चरित्र हनन की पराकाष्ठा हो चुकी है और बेवजह उनके चरित्र पर कीचड़ उछाला जा रहा है.

पहले जोधपुर में सीएम ने खोला मोर्चा - मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपने जोधपुर के गत दौरे के दौरान ही संजीवनी क्रेडिट कोऑपरेटिव घोटाले मामले के पीड़ित लोगों से मुलाकात की थी. इसके बाद उन्होंने सीधे शेखावत पर हमला बोलते हुए कहा था कि वह इस मामले में अभियुक्त हैं. एसओजी की जांच में उनका आरोप प्रमाणित भी हो चुका है. गहलोत ने आरोप लगाया कि केंद्रीय मंत्री की पत्नी, पिता और साले का भी इस घोटाले में नाम है. ऐसे में शेखावत को खुद आगे आकर स्थिति साफ करनी चाहिए. गहलोत ने कहा था कि पीएम को भी सोचना चाहिए कि उनकी कैबिनेट में कैसे मंत्री हैं.

इसे भी पढ़ें - सीएम अशोक गहलोत ने शेखावत को बताया 'घपलेबाज', पूछा PM से एक सवाल?

सरकार पर संकट के साथ शुरू हुई खींचतान - दो साल पहले गहलोत सरकार के अस्थिर होने के दौरान भी गजेंद्र सिंह शेखावत का विधायकों की खरीद-फरोख्त के मामले में नाम सामने आया था. तब एक ऑडियो भी वायरल हुआ था, जिसमें दावा किया जा रहा था कि शेखावत स्वर्गीय विधायक भंवरलाल शर्मा से बात कर रहे थे. इसको लेकर भी मामला कोर्ट में चल रहा है. जिसके पलटवार में शेखावत ने मुख्यमंत्री के ओएसडी लोकेश शर्मा के खिलाफ दिल्ली में मामला दर्ज करवाया था. अब संजीवनी घोटाले में सीएम ने खुद शेखावत का नाम लेकर जारी खींचतान को हवा देने का काम किया है.

शेखावत ने हराया था वैभव को - गत लोकसभा चुनाव में गजेंद्र सिंह शेखावत के सामने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बेटे वैभव गहलोत मैदान में थे. इस मुकाबले में सीएम गहलोत और उनकी पूरी टीम जी जान से जुटी थी. बावजूद इसके शेखावत ने बड़े मार्जिन से चुनाव जीते और वैभव को पराजय का सामना करना पड़ा. शेखावत कई मौके पर यह कहते रहे हैं कि मुख्यमंत्री अपने बेटे की हार को पचा नहीं पा रहे हैं. यही वजह है कि वो उन्हें बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं.

जोधपुर. जिले के दो बड़े नेताओं की लड़ाई अब दिल्ली में कोर्ट तक जा पहुंची है. मामला केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत और प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बीच का है. शेखावत जोधपुर से सांसद हैं और गहलोत सूर्यनगरी की सरदारपुरा सीट से विधायक हैं. वहीं, इन दिनों गहलोत लगातार अपने बयानों में प्रदेश में राजनीतिक अस्थिरता से लेकर विकास से जुड़े मुद्दे और संजीवनी क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी घोटाले मामले में शेखावत की भूमिका को लेकर सवाल कर खड़े करते रहे हैं. ऐसे में शनिवार दोपहर केंद्रीय मंत्री शेखावत दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट पहुंचे, जहां उन्होंने राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के खिलाफ खुद को लेकर की जा रही बयानबाजी के मामले में मानहानि का मुकदमा दर्ज करवाया.

दरअसल, केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत और सीएम अशोक गहलोत के बीच जारी खींचतान बीते दो सालों से चल रहा है. वहीं, मौजूदा समय में बयानबाजी इस हद तक बढ़ गई, नौबत मुकदमे तक गई. शनिवार को दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में मानहानि का दावा पेश करने के बाद शेखावत ने कहा कि चरित्र हनन की पराकाष्ठा हो चुकी है और बेवजह उनके चरित्र पर कीचड़ उछाला जा रहा है.

पहले जोधपुर में सीएम ने खोला मोर्चा - मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपने जोधपुर के गत दौरे के दौरान ही संजीवनी क्रेडिट कोऑपरेटिव घोटाले मामले के पीड़ित लोगों से मुलाकात की थी. इसके बाद उन्होंने सीधे शेखावत पर हमला बोलते हुए कहा था कि वह इस मामले में अभियुक्त हैं. एसओजी की जांच में उनका आरोप प्रमाणित भी हो चुका है. गहलोत ने आरोप लगाया कि केंद्रीय मंत्री की पत्नी, पिता और साले का भी इस घोटाले में नाम है. ऐसे में शेखावत को खुद आगे आकर स्थिति साफ करनी चाहिए. गहलोत ने कहा था कि पीएम को भी सोचना चाहिए कि उनकी कैबिनेट में कैसे मंत्री हैं.

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सरकार पर संकट के साथ शुरू हुई खींचतान - दो साल पहले गहलोत सरकार के अस्थिर होने के दौरान भी गजेंद्र सिंह शेखावत का विधायकों की खरीद-फरोख्त के मामले में नाम सामने आया था. तब एक ऑडियो भी वायरल हुआ था, जिसमें दावा किया जा रहा था कि शेखावत स्वर्गीय विधायक भंवरलाल शर्मा से बात कर रहे थे. इसको लेकर भी मामला कोर्ट में चल रहा है. जिसके पलटवार में शेखावत ने मुख्यमंत्री के ओएसडी लोकेश शर्मा के खिलाफ दिल्ली में मामला दर्ज करवाया था. अब संजीवनी घोटाले में सीएम ने खुद शेखावत का नाम लेकर जारी खींचतान को हवा देने का काम किया है.

शेखावत ने हराया था वैभव को - गत लोकसभा चुनाव में गजेंद्र सिंह शेखावत के सामने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बेटे वैभव गहलोत मैदान में थे. इस मुकाबले में सीएम गहलोत और उनकी पूरी टीम जी जान से जुटी थी. बावजूद इसके शेखावत ने बड़े मार्जिन से चुनाव जीते और वैभव को पराजय का सामना करना पड़ा. शेखावत कई मौके पर यह कहते रहे हैं कि मुख्यमंत्री अपने बेटे की हार को पचा नहीं पा रहे हैं. यही वजह है कि वो उन्हें बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं.

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