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Bihar News: केंद्रीय गृह मंत्रालय ने महाबोधि मंदिर प्रबंधकारिणी समिति पर लगाया 80 लाख का जुर्माना, ये है वजह

बिहार में बोधगया स्थित महाबोधि मंदिर प्रबंधकारिणी समिति यानी बीटीएमसी पर 80 लाख रुपये का जुर्माना लगा है. विदेशी मुद्रा रेगुलेटरी एक्ट के तहत केंद्रीय गृह मंत्रालय ने ये कार्रवाई की है. पढ़ें पूरी खबर..

बीटीएमसी पर 80 लाख रुपये का जुर्माना
बीटीएमसी पर 80 लाख रुपये का जुर्माना
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Sep 11, 2023, 3:56 PM IST

गया: केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बोधगया में महाबोधि मंदिर प्रबंधकारिणी समिति (बीटीएमसी) पर विदेशी मुद्रा रेगुलेटरी एक्ट के तहत 80 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है. फॉरेन करंसी रेगुलेटरी एक्ट का रजिस्ट्रेशन रिन्यूअल नहीं करने और विदेशी मुद्रा दान का रिटर्न नहीं भरने पर यह कार्रवाई की गई है. वर्ष 2022 में भी केंद्रीय गृह मंत्रालय ने इसे लेकर नोटिस भेजी गई थी.

ये भी पढ़ें: Gaya News : BTMC ने जारी किया वार्षिक पूजा का कैलेंडर, महाबोधि मंदिर में 9 अक्टूबर से विशेष पूजा शुरू

बीटीएमसी पर लगा 80 लाख का जुर्माना: महाबोधि मंदिर प्रबंध कारिणी समिति (बीटीएमसी) पर केंद्रीय गृह मंत्रालय ने 80 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है. विदेशी मुद्रा रेगुलेटरी एक्ट के तहत केंद्रीय गृह मंत्रालय के द्वारा यह जुर्माना लगाया गया है. फॉरेन करेंसी रेगुलेटरी एक्ट का रजिस्ट्रेशन रिन्यूअल नहीं करने और विदेशी मुद्रा दान का रिटर्न नहीं भरने पर केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा यह जुर्माना लगाया गया है. इसे लेकर नोटिस भी भेजी गई है. वहीं भेजे गए नोटिस में 80 लख रुपये का जुर्माना समय सीमा के अंदर जमा करने का निर्देश दिया गया है.

दान के रूप में मिलती है ज्यादातर विदेशी मुद्राएं: बोधगया महाबोधि मंदिर विश्व भर के बौद्ध श्रद्धालुओं के लिए आस्था का बड़ा केंद्र है. यही वजह है कि महाबोधि मंदिर में दान के रूप में ज्यादातर विदेशी मुद्राएं मिलती है. महाबोधि मंदिर दर्शन के लिए विदेशी पर्यटकों का आना हर मौसम में जारी रहता है. इससे प्रति वर्ष करोड़ों रुपए का विदेशी मुद्रा का दान प्राप्त होता है और महाबोधि मंदिर की आय का मुख्य स्रोत विदेशी मुद्रा ही है.

नवंबर में शुरू हो जाता है पर्यटन सीजन: नवंबर महीने में बोधगया में विदेशी पर्यटकों के आने का सिलसिला बड़े पैमाने पर होता है. ऐसे में महाबोधि मंदिर के आय का मुख्य स्रोत विदेशी मुद्रा है. वहीं, फॉरेन करेंसी रेगुलेटरी एक्ट का रजिस्ट्रेशन रिन्यूअल नहीं होने के कारण विदेशी मुद्रा को नहीं लिया जा सकता है. ऐसे में फॉरेन करेंसी रेगुलेटरी एक्ट लाइसेंस रद्द होने के बाद मंदिर में दान के रूप में विदेशी मुद्रा लेना बंद कर दिया गया, जिससे मंदिर की आय प्रभावित होगी.

वर्ष 2022 में भी भेजी गई थी नोटिस: जानकारी के मुताबिक वर्ष 2022 में भी नोटिस भेजा गया था. केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा यह नोटिस भेजी गई थी, जिसे बीटीएमसी के द्वारा गंभीरता से नहीं लिया गया. वर्ष 2017 से वर्ष 2022 तक विदेशी मुद्रा दान का रिटर्न नहीं भरने के कारण नोटिस भेजी गई थी.

डीएम ने मामले पर क्या कहा?: वहीं, इस मामले को लेकर जिला प्रशासन का स्पष्टीकरण आया है. बीटीएमसी के अध्यक्ष और जिलाधिकारी त्यागराजन एसएम ने कहा कि बीटीएमसी की एफसीआरए वर्ष 2017 से 2022 के बीच में एनुअल रिटर्न दायर नहीं होने के कारण यह जुर्माना लगा है. चूकि बीटीएमसी ऑटोनॉमस संस्थान है. उसका एनुअल रिटर्नस दायर करने पर माफ होता है. उसी आधार पर वर्ष 2017 से 2022 के बीच का एनुअल रिटर्न का माफ पत्र लगातार भेजा गया था.

'80 लाख रुपये वापस लेने की पहल करेंगे': डीएम ने आगे बताया कि गृह मंत्रालय इसको स्वीकार नहीं किया और एफसीआरए निबंधन कराने की हित मे तत्काल राशि भुगतान बीटीएमसी द्वारा कर दी गयी, क्योंकि एफसीआरए रिन्यूअल (नवीकरण) करना जरूरी था. गृह विभाग द्वारा 4 सितंबर 2023 को अंतिम डेड लाइन (अंतिम तारीख) दिया गया था. इसके बाद बीटीएमसी फाइन के रूप में जमा किये गए 80 लाख रुपये वापस लेने की विधिवत पहल करेगी.

"वर्ष 2017 से 2022 के बीच में एनुअल रिटर्न दायर नहीं होने के कारण यह जुर्माना लगा है. बीटीएमसी ऑटोनॉमस संस्थान है, ऑटोनोमस संस्थान जो राज्य सरकार द्वारा संचालित है, उसका एनुअल रिटर्नस दायर करने पर माफ होता है. उसी आधार पर वर्ष 2017 से 2022 के बीच का एनुअल रिटर्न का माफ पत्र लगातार भेजा गया था, लेकिन गृह मंत्रालय इसको स्वीकार नहीं किया. गृह विभाग द्वारा 4 सितंबर 2023 को अंतिम डेड लाइन दिया गया था. इसके बाद बीटीएमसी फाइन के रूप में जमा किये गए 80 लाख रुपये वापस लेने की विधिवत पहल करेगी"- त्यागराजन एसएम, जिला पदाधिकारी, गया

गया: केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बोधगया में महाबोधि मंदिर प्रबंधकारिणी समिति (बीटीएमसी) पर विदेशी मुद्रा रेगुलेटरी एक्ट के तहत 80 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है. फॉरेन करंसी रेगुलेटरी एक्ट का रजिस्ट्रेशन रिन्यूअल नहीं करने और विदेशी मुद्रा दान का रिटर्न नहीं भरने पर यह कार्रवाई की गई है. वर्ष 2022 में भी केंद्रीय गृह मंत्रालय ने इसे लेकर नोटिस भेजी गई थी.

ये भी पढ़ें: Gaya News : BTMC ने जारी किया वार्षिक पूजा का कैलेंडर, महाबोधि मंदिर में 9 अक्टूबर से विशेष पूजा शुरू

बीटीएमसी पर लगा 80 लाख का जुर्माना: महाबोधि मंदिर प्रबंध कारिणी समिति (बीटीएमसी) पर केंद्रीय गृह मंत्रालय ने 80 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है. विदेशी मुद्रा रेगुलेटरी एक्ट के तहत केंद्रीय गृह मंत्रालय के द्वारा यह जुर्माना लगाया गया है. फॉरेन करेंसी रेगुलेटरी एक्ट का रजिस्ट्रेशन रिन्यूअल नहीं करने और विदेशी मुद्रा दान का रिटर्न नहीं भरने पर केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा यह जुर्माना लगाया गया है. इसे लेकर नोटिस भी भेजी गई है. वहीं भेजे गए नोटिस में 80 लख रुपये का जुर्माना समय सीमा के अंदर जमा करने का निर्देश दिया गया है.

दान के रूप में मिलती है ज्यादातर विदेशी मुद्राएं: बोधगया महाबोधि मंदिर विश्व भर के बौद्ध श्रद्धालुओं के लिए आस्था का बड़ा केंद्र है. यही वजह है कि महाबोधि मंदिर में दान के रूप में ज्यादातर विदेशी मुद्राएं मिलती है. महाबोधि मंदिर दर्शन के लिए विदेशी पर्यटकों का आना हर मौसम में जारी रहता है. इससे प्रति वर्ष करोड़ों रुपए का विदेशी मुद्रा का दान प्राप्त होता है और महाबोधि मंदिर की आय का मुख्य स्रोत विदेशी मुद्रा ही है.

नवंबर में शुरू हो जाता है पर्यटन सीजन: नवंबर महीने में बोधगया में विदेशी पर्यटकों के आने का सिलसिला बड़े पैमाने पर होता है. ऐसे में महाबोधि मंदिर के आय का मुख्य स्रोत विदेशी मुद्रा है. वहीं, फॉरेन करेंसी रेगुलेटरी एक्ट का रजिस्ट्रेशन रिन्यूअल नहीं होने के कारण विदेशी मुद्रा को नहीं लिया जा सकता है. ऐसे में फॉरेन करेंसी रेगुलेटरी एक्ट लाइसेंस रद्द होने के बाद मंदिर में दान के रूप में विदेशी मुद्रा लेना बंद कर दिया गया, जिससे मंदिर की आय प्रभावित होगी.

वर्ष 2022 में भी भेजी गई थी नोटिस: जानकारी के मुताबिक वर्ष 2022 में भी नोटिस भेजा गया था. केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा यह नोटिस भेजी गई थी, जिसे बीटीएमसी के द्वारा गंभीरता से नहीं लिया गया. वर्ष 2017 से वर्ष 2022 तक विदेशी मुद्रा दान का रिटर्न नहीं भरने के कारण नोटिस भेजी गई थी.

डीएम ने मामले पर क्या कहा?: वहीं, इस मामले को लेकर जिला प्रशासन का स्पष्टीकरण आया है. बीटीएमसी के अध्यक्ष और जिलाधिकारी त्यागराजन एसएम ने कहा कि बीटीएमसी की एफसीआरए वर्ष 2017 से 2022 के बीच में एनुअल रिटर्न दायर नहीं होने के कारण यह जुर्माना लगा है. चूकि बीटीएमसी ऑटोनॉमस संस्थान है. उसका एनुअल रिटर्नस दायर करने पर माफ होता है. उसी आधार पर वर्ष 2017 से 2022 के बीच का एनुअल रिटर्न का माफ पत्र लगातार भेजा गया था.

'80 लाख रुपये वापस लेने की पहल करेंगे': डीएम ने आगे बताया कि गृह मंत्रालय इसको स्वीकार नहीं किया और एफसीआरए निबंधन कराने की हित मे तत्काल राशि भुगतान बीटीएमसी द्वारा कर दी गयी, क्योंकि एफसीआरए रिन्यूअल (नवीकरण) करना जरूरी था. गृह विभाग द्वारा 4 सितंबर 2023 को अंतिम डेड लाइन (अंतिम तारीख) दिया गया था. इसके बाद बीटीएमसी फाइन के रूप में जमा किये गए 80 लाख रुपये वापस लेने की विधिवत पहल करेगी.

"वर्ष 2017 से 2022 के बीच में एनुअल रिटर्न दायर नहीं होने के कारण यह जुर्माना लगा है. बीटीएमसी ऑटोनॉमस संस्थान है, ऑटोनोमस संस्थान जो राज्य सरकार द्वारा संचालित है, उसका एनुअल रिटर्नस दायर करने पर माफ होता है. उसी आधार पर वर्ष 2017 से 2022 के बीच का एनुअल रिटर्न का माफ पत्र लगातार भेजा गया था, लेकिन गृह मंत्रालय इसको स्वीकार नहीं किया. गृह विभाग द्वारा 4 सितंबर 2023 को अंतिम डेड लाइन दिया गया था. इसके बाद बीटीएमसी फाइन के रूप में जमा किये गए 80 लाख रुपये वापस लेने की विधिवत पहल करेगी"- त्यागराजन एसएम, जिला पदाधिकारी, गया

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