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केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने यूपी और केरल को जारी किया विशेष निर्देश

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय (Union Health Ministry) ने केरल सरकार से अस्पताल और समुदाय आधारित निगरानी को मजबूत करने और उत्तर प्रदेश सरकार (Uttar Pradesh government) से डेंगू के प्रकोप के बाद डेंगू, मलेरिया, स्क्रब टाइफस (scrub typhus ) और लेप्टोस्पायरोसिस (leptospirosis) के लिए सभी बुखार रोगियों की जांच करने को कहा है.

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय
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Published : Sep 6, 2021, 8:11 PM IST

नई दिल्ली : केरल के कोझीकोड जिले (Kozhikode district of Kerala) में निपाह वायरस (Nipah virus) के प्रकोप के बाद केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय (Union Health Ministry) ने राज्य सरकार से अस्पताल और समुदाय आधारित निगरानी को मजबूत करने को कहा है.

दूसरी ओर स्वास्थ्य मंत्रालय ने उत्तर प्रदेश सरकार (Uttar Pradesh government) से डेंगू के प्रकोप के बाद डेंगू, मलेरिया, स्क्रब टाइफस (scrub typhus ) और लेप्टोस्पायरोसिस (leptospirosis) के लिए सभी बुखार रोगियों की जांच करने को कहा है.

इन दोनों राज्यों में प्रतिनियुक्त दो केंद्रीय टीमों द्वारा स्वास्थ्य मंत्रालय को अपनी रिपोर्ट सौंपे जाने के बाद यह निर्देश दिया गया है. राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (National Centre for Disease Control) की एक केंद्रीय टीम ने निपाह के प्रकोप के मद्देनजर पांच सितंबर को केरल के कोझीकोड जिले का दौरा किया. टीम ने वायरस से संक्रमित एक 12 साल के बच्चे के परिवार के सदस्यों से बातचीत की.

केंद्रीय टीम की रिपोर्ट के आधार पर स्वास्थ्य मंत्रालय ने इस बात पर जोर दिया कि एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम/श्वसन संकट (acute encephalitis syndrome/respiratory distress) और जनता को बताए गए रिस्की मामलों का जल्द पता लगाने के लिए जागरूकता पैदा करने की आवश्यकता है.

केरल के मुख्य सचिव (Kerala chief secretary) डॉ वीपी जॉय (Dr VP Joy) को भेजे गए एक पत्र में केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण (union health secretary Rajesh Bhushan) ने निपाह वायरस से लड़ने के लिए पांच सूत्रीय सिफारिशों का सुझाव (five points recommendations) दिया.

स्वास्थ्य मंत्रालय ने निगरानी, संपर्क ट्रेसिंग, प्रयोगशाला सहायता, अस्पताल के बुनियादी ढांचे और रसद के साथ-साथ सूचना, प्रशासन और समन्वय के लिए कहा है.

उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव (Uttar Pradesh chief secretary ) राजेंद्र कुमार तिवारी (Rajendra Kumar Tiwari) को लिखे एक अलग पत्र में स्वास्थ्य सचिव भूषण ने सुझाव दिया है कि केंद्रीय टीम द्वारा प्रस्तुत माइक्रो प्लान के अनुसार बुखार सर्वेक्षण, वेक्टर नियंत्रण और बुखार शिविर से संबंधित गतिविधियां जारी रहेंगी.

स्वास्थ्य मंत्रालय ने एनसीडीसी और राष्ट्रीय वेक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम (National Vector Borne Disease Control Programme ) की एक केंद्रीय टीम को फरीदाबाद भेजा है, ताकि बच्चों में बुखार के प्रकोप और मौतों के कारणों की जांच की जा सके.

पढ़ें - सुप्रीम कोर्ट ने NEET-UG परीक्षा को टालने से किया इनकार

केंद्रीय टीम ने पाया है कि अधिकांश मामले डेंगू के कारण आए हैं, जबकि कुछ स्क्रब टाइफस और लेप्टोस्पायरोसिस के कारण हुए हैं.

भूषण ने अपने पत्र में कहा, 'फिरोजाबाद जिले में वेक्टर सूचकांकों को हाउस इंडेक्स और कंटेनर इंडेक्स (house index and container index) के साथ 50 प्रतिशत से अधिक पाया गया और तदनुसार वेक्टर निगरानी और नियंत्रण उपाय स्थापित किए गए हैं.'

गौरतलब है कि एनसीडीसी ने अगले 14 दिनों की अवधि के लिए जिले में दो EIS अधिकारियों की प्रतिनियुक्ति की है और वे जिले को इसके प्रकोप की प्रतिक्रिया को मजबूत करने में सहायता करेंगे.

नई दिल्ली : केरल के कोझीकोड जिले (Kozhikode district of Kerala) में निपाह वायरस (Nipah virus) के प्रकोप के बाद केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय (Union Health Ministry) ने राज्य सरकार से अस्पताल और समुदाय आधारित निगरानी को मजबूत करने को कहा है.

दूसरी ओर स्वास्थ्य मंत्रालय ने उत्तर प्रदेश सरकार (Uttar Pradesh government) से डेंगू के प्रकोप के बाद डेंगू, मलेरिया, स्क्रब टाइफस (scrub typhus ) और लेप्टोस्पायरोसिस (leptospirosis) के लिए सभी बुखार रोगियों की जांच करने को कहा है.

इन दोनों राज्यों में प्रतिनियुक्त दो केंद्रीय टीमों द्वारा स्वास्थ्य मंत्रालय को अपनी रिपोर्ट सौंपे जाने के बाद यह निर्देश दिया गया है. राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (National Centre for Disease Control) की एक केंद्रीय टीम ने निपाह के प्रकोप के मद्देनजर पांच सितंबर को केरल के कोझीकोड जिले का दौरा किया. टीम ने वायरस से संक्रमित एक 12 साल के बच्चे के परिवार के सदस्यों से बातचीत की.

केंद्रीय टीम की रिपोर्ट के आधार पर स्वास्थ्य मंत्रालय ने इस बात पर जोर दिया कि एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम/श्वसन संकट (acute encephalitis syndrome/respiratory distress) और जनता को बताए गए रिस्की मामलों का जल्द पता लगाने के लिए जागरूकता पैदा करने की आवश्यकता है.

केरल के मुख्य सचिव (Kerala chief secretary) डॉ वीपी जॉय (Dr VP Joy) को भेजे गए एक पत्र में केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण (union health secretary Rajesh Bhushan) ने निपाह वायरस से लड़ने के लिए पांच सूत्रीय सिफारिशों का सुझाव (five points recommendations) दिया.

स्वास्थ्य मंत्रालय ने निगरानी, संपर्क ट्रेसिंग, प्रयोगशाला सहायता, अस्पताल के बुनियादी ढांचे और रसद के साथ-साथ सूचना, प्रशासन और समन्वय के लिए कहा है.

उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव (Uttar Pradesh chief secretary ) राजेंद्र कुमार तिवारी (Rajendra Kumar Tiwari) को लिखे एक अलग पत्र में स्वास्थ्य सचिव भूषण ने सुझाव दिया है कि केंद्रीय टीम द्वारा प्रस्तुत माइक्रो प्लान के अनुसार बुखार सर्वेक्षण, वेक्टर नियंत्रण और बुखार शिविर से संबंधित गतिविधियां जारी रहेंगी.

स्वास्थ्य मंत्रालय ने एनसीडीसी और राष्ट्रीय वेक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम (National Vector Borne Disease Control Programme ) की एक केंद्रीय टीम को फरीदाबाद भेजा है, ताकि बच्चों में बुखार के प्रकोप और मौतों के कारणों की जांच की जा सके.

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केंद्रीय टीम ने पाया है कि अधिकांश मामले डेंगू के कारण आए हैं, जबकि कुछ स्क्रब टाइफस और लेप्टोस्पायरोसिस के कारण हुए हैं.

भूषण ने अपने पत्र में कहा, 'फिरोजाबाद जिले में वेक्टर सूचकांकों को हाउस इंडेक्स और कंटेनर इंडेक्स (house index and container index) के साथ 50 प्रतिशत से अधिक पाया गया और तदनुसार वेक्टर निगरानी और नियंत्रण उपाय स्थापित किए गए हैं.'

गौरतलब है कि एनसीडीसी ने अगले 14 दिनों की अवधि के लिए जिले में दो EIS अधिकारियों की प्रतिनियुक्ति की है और वे जिले को इसके प्रकोप की प्रतिक्रिया को मजबूत करने में सहायता करेंगे.

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