नई दिल्ली : सूचना और प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर (Anurag Thakur) ने कहा कि केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख में 750 करोड़ की लागत से सेंट्रल यूनिवर्सिटी की स्थापना की जाएगी. ये यूनिवर्सिटी वहां अन्य शिक्षण संस्थानों के लिए भी एक मॉडल का कार्य करेगी.
उन्होंने कहा कि केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख में केंद्रीय विश्वविद्यालय स्थापित होने से उच्च शिक्षा में क्षेत्रीय असंतुलन दूर करने में मदद मिलेगी और केंद्र शासित प्रदेश का सम्पूर्ण विकास सुनिश्चित किया जा सकेगा. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि लद्दाख में केंद्रीय विश्वविद्यालय स्थापित होने से छात्रों को उच्च शिक्षा प्राप्त करने का अधिक अवसर मिल सकेगा. उन्होंने बताया कि इस विश्वविद्यालय का पहला चरण चार वर्षो में पूरा किया जाएगा. इसके अधिकार क्षेत्र में लेह, कारगिल क्षेत्र भी आएंगे.
इसके साथ ही केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि इंटीग्रेटेड बहुउद्देशीय कॉर्पोरेशन की स्थापना का निर्णय लिया गया है. यह कॉर्पोरेशन लद्दाख में पर्यटन, उद्योग, परिवहन सुविधाओं के विकास और स्थानीय उत्पादों और हस्तशिल्प की मार्केटिंग जैसे महत्वपूर्ण कार्य और इंफ्रास्ट्रक्चर निर्माण में करेगा.
इसमें कहा गया कि इस निगम के लिये प्रबंध निदेशक का एक पद सृजित करने को भी मंजूरी दी गई . निगम की स्थापना से केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख का समावेशी और एकीकृत विकास होगा. इसके बदले में, यह पूरे क्षेत्र और केंद्र शासित प्रदेश की आबादी के सामाजिक-आर्थिक विकास को सुनिश्चित करेगा.
निगम की अधिकृत शेयर पूंजी 25 करोड़ रुपये होगी और आवर्ती व्यय लगभग 2.42 करोड़ रुपये प्रति वर्ष होगा. यह नया प्रतिष्ठान होगा. अभी केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख में ऐसा कोई प्रतिष्ठान नहीं है.
बयान में कहा गया है कि, 'इससे लद्दाख क्षेत्र में रोजगार सृजन, समावेशी एवं समन्वित विकास के जरिए आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य को हासिल किया जा सकेगा.'
इसके अलावा उन्होंने कहा कि 6322 करोड़ रुपये की पीएलआई स्कीम स्पेशियलिटी स्टील के लिए आज मंजूरी दी गई है. इससे उत्पादन बढ़ेगा, आयात कम होगा. कुल मिलाकर 39625 करोड़ रुपये का निवेश आकर्षित होगा. लगभग 5.25 रोज़गार के अवसर पैदा होंगे.
गौरतलब है कि जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम, 2019 के अनुसार तत्कालीन जम्मू-कश्मीर राज्य के पुनर्गठन के परिणामस्वरूप, केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख (विधानमंडल के बिना) 31 अक्टूबर 2019 को अस्तित्व में आया.
बयान के अनुसार, जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम, 2019 की धारा 85 के तहत एक सलाहकार समिति का गठन किया गया था, जो तत्कालीन जम्मू-कश्मीर राज्य की संपत्ति और देनदारियों के केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर और केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख के बीच विभाजन के संबंध में सिफारिशें करने के लिए थी.
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उक्त समिति ने अन्य बातों के साथ-साथ अंडमान और निकोबार द्वीप समूह एकीकृत विकास निगम लिमिटेड (एएनआईआईडीसीओ) की तर्ज पर लद्दाख एकीकृत बुनियादी ढांचा विकास निगम लिमिटेड की स्थापना के लिए सिफारिश की है
इसमें बताया गया है कि इसी के अनुरूप केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख ने इस मंत्रालय को केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख में निगम की स्थापना के लिए एक प्रस्ताव भेजा था.